No festivals today or in the next 14 days. 🎉

Prayagraj Kumbh 2025: महाकुंभ मेले में जा रहे हैं तो जान लें ये खास जानकारी

2025 Prayagraj Kumbh Mela: 13 जनवरी से प्रयागराज कुंभ में दुनिया के सबसे बड़े मेले का आयोजन हो चुका है। पौराणिक मान्यता के अनुसार कुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है, जो हर 12 साल में 4 प्रमुख स्थानों- प्रयागराज, हरिद्वार नासिक और उज्जैन में आयोजित किया जाता है और इस मेले में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए आते हैं। कुंभ मेले का इतिहास बहुत पुराना है। और कुंभ मेले को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। कुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस बार उत्तर प्रदेश, भारत में त्रिवेणी संगम पर आयोजित होने वाला यह मेला बहुत ही खास और अद्‍भुत रहने वाला है।
कुंभ स्नान 2025 के नियम: kumbh snan ke niyam: आपको बता दें कि कुंभ स्नान के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। इन नियमों का पालन करने से स्नान का पुण्य फल प्राप्त होता है। तथा कुंभ स्नान को मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा साधन भी माना जाता है। कुंभ स्नान करते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खड़ा होना चाहिए।
शाही स्नान: कुंभ मेले में कुछ विशेष दिनों को शाही स्नान के रूप में मनाया जाता है। इन दिनों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। शाही स्नान के दिन साधु-संतों के स्नान के बाद ही गृहस्थों को स्नान करना चाहिए। कुंभ मेले में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। मेले में साधु-संतों का जमावड़ा लगता है और विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ आते हैं।
वर्ष 2025 में निम्न तिथियों पर होगा शाही स्नान
1. 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) - शाही स्नान संपन्न।
2. 14 जनवरी (मकर संक्रांति) - शाही स्नान संपन्न।
3. 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) - शाही स्नान।
4. 03 फरवरी (बसंत पंचमी) - शाही स्नान।
5. 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) - शाही स्नान।
6. 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) - अंतिम शाही स्नान।
क्या करें :
शाही स्नान के दिन साधु-संतों के बाद स्नान करें।
शरीर को साफ करके स्नान करें।
मन को शांत रखें।
कम से कम पांच डुबकी लगाएं।
क्या न करें :
शाही स्नान के दिन साधु-संतों से पहले स्नान न करें
स्नान करते समय साबुन, शैंपू आदि का प्रयोग न करें।
नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
सिर्फ एक ही बार डुबकी न लगाएं।
शाही स्नान पर रखें शुद्धता का ध्यान: स्नान करने से पहले शरीर को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। स्नान के दौरान साबुन, शैंपू आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मन की शुद्धि हेतु स्नान के दौरान मन को शांत रखना चाहिए और किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। और कुंभ में स्नान करते समय कम से कम 5 बार डुबकी लगाना चाहिए। इस अवसर पर स्नान के बाद दान-पुण्य के कार्य करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा स्नान के दौरान मंत्रों का जाप करने से मन शांत होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
कुंभ स्नान का महत्व Prayagraj Kumbh Importance : कुंभ स्नान को मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा साधन माना जाता है। मान्यता है कि कुंभ स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, कुंभ स्नान से मन शांत होता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। अत: कुंभ स्नान एक पवित्र अनुष्ठान है। कुंभ स्नान के नियमों का पालन करके व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Related Blogs

Narayaniyam Dashaka 43 (नारायणीयं दशक 43)

नारायणीयं दशक 43 भगवान विष्णु की महिमा और उनकी अनंत कृपा का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु के दिव्य गुणों और उनकी भक्तों के प्रति अद्वितीय प्रेम का वर्णन करता है।
Narayaniyam-Dashaka

Siddhi Vinayaka Stotram (सिद्धि विनायक स्तोत्रम्)

सिद्धि विनायक स्तोत्रम्: यह स्तोत्र भगवान गणेश के सिद्धि विनायक रूप को समर्पित है और सफलता और समृद्धि के लिए जपा जाता है।
Stotra

Nava Durga Stotram (नव दुर्गा स्तोत्रम्)

नवदुर्गा स्तोत्रम Hindu Devotional Hymn है, जिसमें Maa Durga के नौ रूपों की Sacred Worship की जाती है। यह स्तोत्र Navratri Festival के दौरान विशेष रूप से पाठ किया जाता है। Spiritual Seekers के लिए यह Divine Energy Invocation का स्रोत है। इसका नियमित पाठ Negativity Removal और Success & Protection प्रदान करता है। Vedic Scriptures में इसे Shakti Mantra के रूप में वर्णित किया गया है। Chanting Benefits में Karma Purification और Positive Vibrations शामिल हैं। Devotional Recitation से भक्त को Inner Strength & Blessings प्राप्त होती हैं।
Stotra

Belapatr Belapatr Chadhaane ka Mantra (बेलपत्र बिल्वपत्र चढ़ाने का मंत्र)

Belapatr Chadhaane ka Mantra भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो "Lord of the Universe" और "Supreme Divine Being" के रूप में पूजित हैं। बेलपत्र, जो शिव जी को अत्यंत प्रिय हैं, उनके "Divine Power" और "Cosmic Energy" का प्रतीक माना जाता है। यह मंत्र भगवान शिव के "Grace and Blessings" को आकर्षित करता है, जो जीवन में "Positive Energy" और "Cosmic Protection" का संचार करते हैं। इसका नियमित जाप करने से मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और "Victory over Obstacles" मिलती है। Belapatr Chadhaane ka Mantra को "Shiva's Blessings Chant" और "Sacred Prayer for Prosperity" के रूप में भी माना जाता है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में हर प्रकार के संकट और रुकावटों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली "Divine Shield" का कार्य करता है। यह पूजा "Spiritual Awakening" और "Divine Guidance" के लिए अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। शिवजी के इस मंत्र का जाप करके भक्त उनके "Divine Protection" और "Cosmic Peace" को अनुभव करते हैं।
Mantra

Raksha Bandhan Puja Vidhi (रक्षा बंधन पूजा विधि)

रक्षा बंधन पूजा विधि रक्षा बंधन के अवसर पर पूजा करने का तरीका बताने वाला एक महत्वपूर्ण पाठ है। यह विधि भाई-बहन के रिश्ते की महिमा का वर्णन करती है और इस पर्व पर सही तरीके से पूजा करने में मदद करती है।
Puja-Vidhi

Shri Bhu Varaha Stotram (श्री भू वराह स्तोत्रम्)

Shri Bhu Varaha Stotram भगवान Varaha, जो भगवान Vishnu के boar incarnation हैं, की divine glory का वर्णन करता है। यह sacred hymn पृथ्वी को demons से मुक्त करने और cosmic balance स्थापित करने की उनकी supreme power का गुणगान करता है। इस holy chant के पाठ से negative energy दूर होती है और spiritual strength मिलती है। भक्तों को peace, prosperity, और divine blessings प्राप्त होते हैं। यह powerful mantra dharma, karma, और moksha की प्राप्ति में सहायक होता है। Shri Bhu Varaha Stotram का जाप जीवन में positivity और harmony लाने में मदद करता है।
Stotra

Shivkrita Ganesh Stuti (शिवकृता गणेश स्तुति)

Shivkrita Ganesh Stuti भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करती है, जो "Remover of Obstacles" और "Lord of New Beginnings" के रूप में पूजित हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से गणेश जी के जन्म और उनकी शक्तियों का आह्वान करता है, जिन्हें "Divine Blessings" और "Success Giver" माना जाता है। यह स्तोत्र "Ganesh Devotional Hymn" और "Spiritual Success Prayer" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके पाठ से भक्तों को जीवन में सुख, समृद्धि और आंतरिक शांति प्राप्त होती है। Shivkrita Ganesh Stuti को "Lord Ganesh Chant" और "Blessings for Prosperity" के रूप में पढ़ने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
Stuti

Narayaniyam Dashaka 60 (नारायणीयं दशक 60)

नारायणीयं दशक 60 भगवान नारायण के अद्वितीय लीलाओं और उनकी दयालुता का वर्णन करता है।
Narayaniyam-Dashaka

Today Panchang

22 September 2025 (Monday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala