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नवरात्रि की चतुर्थ देवी मां कूष्मांडा की कथा

Maa Kushmanda Katha (देवी कूष्मांडा माता की कथा)
देवी Kushmanda Mata की कथा के अनुसार जब Creation of Universe नहीं हुई थी तब उस समय चारों ओर Darkness था। देवी Kushmanda, जिनका Face सैकड़ों Suns की Radiance से Illuminated है, उस समय प्रकट हुईं।
उनके Smile से Universe Creation की प्रक्रिया शुरू हुई और जिस प्रकार Flower में Egg (Anda) का जन्म होता है, उसी प्रकार Kusum अर्थात Flower के समान Mata Ki Hansi से Brahmand (Cosmos) का जन्म हुआ। अतः यह देवी Kushmanda के रूप में विख्यात हुईं।
इस देवी का निवास Surya Mandal (Solar System) के Center में है और यह Sun Orbit को अपने Signals से नियंत्रित रखती हैं। वह देवी जिनके Udar (Abdomen) में Trividh Taap Yukt Sansar (Three Types of Cosmic Heat) स्थित है, वह Kushmanda Devi हैं। देवी Kushmanda इस Chara-Achara Jagat (Living & Non-living World) की Adhishthatri Devi हैं।
Navratri के Fourth Day पर देवी को Kushmanda के रूप में Worship किया जाता है। अपनी Mild, Gentle Smile के द्वारा Anda (Brahmand) को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को Kushmanda नाम से अभिहित किया गया है। जब Universe नहीं था, चारों तरफ Complete Darkness था, तब इसी देवी ने अपने Eeshat Hasya (Divine Smile) से Cosmic Creation की थी। इसीलिए इसे Srishti Ki Adiswaroopa (Primordial Form of Creation) या Adishakti (Supreme Energy) कहा गया है।

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