No festivals today or in the next 14 days. 🎉

दस महाविद्या: शक्ति और ज्ञान की देवी

दस महाविद्या: शक्ति और ज्ञान की देवी
दस महाविद्या हिंदू धर्म की दस प्रमुख देवियों का समूह है, जिन्हें शक्ति का स्वरूप और विभिन्न आध्यात्मिक और तांत्रिक साधनाओं का प्रतिनिधित्व माना जाता है। ये देवियाँ देवी महाकाली के विभिन्न रूप हैं और हर एक का अपना विशेष महत्व और पूजन विधि है। दस महाविद्याओं की पूजा और साधना से भक्तों को अद्वितीय शक्ति, ज्ञान, और सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
1. महाकाली
महाकाली को समय और मृत्यु की देवी माना जाता है। उनका स्वरूप अंधकारमय और भयंकर है, जो बुराई और अज्ञानता का नाश करती हैं।
- मंत्र: ॐ क्रीं कालिकायै नमः।
- पूजा का लाभ: बुरी शक्तियों से रक्षा, साहस की प्राप्ति, और आध्यात्मिक उन्नति।
2. तारा
तारा देवी को ज्ञान और तंत्र की देवी माना जाता है। वे बुराई को नष्ट करने और अपने भक्तों को मार्गदर्शन प्रदान करने वाली हैं।
- मंत्र: ॐ ह्रीं स्त्रीम हुम फट।
- पूजा का लाभ: आत्मज्ञान, विपत्तियों से मुक्ति, और बुरी शक्तियों से रक्षा।
3. षोडशी (त्रिपुरा सुंदरी)
षोडशी को सौंदर्य और प्रेम की देवी माना जाता है। वे त्रिपुरा सुंदरी के नाम से भी जानी जाती हैं और तांत्रिक साधनाओं में महत्वपूर्ण हैं।
- मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः।
- पूजा का लाभ: प्रेम, सौंदर्य, और भौतिक समृद्धि की प्राप्ति।
4. भुवनेश्वरी
भुवनेश्वरी को विश्व की अधीश्वरी माना जाता है। वे ब्रह्मांड की रचना, संरक्षण, और संहार की शक्ति की अधिष्ठात्री हैं।
- मंत्र: ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः।
- पूजा का लाभ: मानसिक शांति, जीवन की समृद्धि, और भौतिक विकास।
5. भैरवी
भैरवी को भय और अज्ञानता का नाश करने वाली देवी माना जाता है। उनका स्वरूप उग्र है और वे अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।
- मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं भैरव्यै नमः।
- पूजा का लाभ: भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति, साहस और शक्ति की प्राप्ति।
6. छिन्नमस्ता
छिन्नमस्ता को आत्म-त्याग और शक्ति की देवी माना जाता है। वे अपने सिर को अपने ही हाथ में धारण करती हैं, जो आत्मबलिदान का प्रतीक है।
- मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीये हुं हुं फट स्वाहा।
- पूजा का लाभ: बलिदान की भावना, आत्म-शुद्धि, और बुरी शक्तियों से मुक्ति।
7. धूमावती
धूमावती को विधवा और दु:ख की देवी माना जाता है। वे दु:ख और शोक की स्थिति में भी शक्ति प्रदान करती हैं।
- मंत्र: ॐ धूं धूं धूमावत्यै स्वाहा।
- पूजा का लाभ: बुरी आत्माओं से रक्षा, दु:ख और शोक से मुक्ति, और आंतरिक शक्ति की प्राप्ति।
8. बगलामुखी
बगलामुखी को शत्रुओं का नाश करने वाली देवी माना जाता है। वे तंत्र साधनाओं में महत्वपूर्ण हैं और बुरी शक्तियों को नष्ट करती हैं।
- मंत्र: ॐ ह्रीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।
- पूजा का लाभ: शत्रुओं से सुरक्षा, कानूनी मामलों में सफलता, और तंत्र शक्ति की प्राप्ति।
9. मातंगी
मातंगी को विद्या और कला की देवी माना जाता है। वे संगीत, ज्ञान, और कला की अधिष्ठात्री हैं।
- मंत्र: ॐ ह्रीं ऐं क्लीं ह्रीं हुं मातंग्यै नमः।
- पूजा का लाभ: ज्ञान की वृद्धि, कला और संगीत में सफलता, और आध्यात्मिक उन्नति।
10. कमला
कमला को धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का तांत्रिक रूप माना जाता है। वे धन, सौभाग्य, और समृद्धि की अधिष्ठात्री हैं।
- मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमलवासिन्यै स्वाहा।
- पूजा का लाभ: धन और समृद्धि की प्राप्ति, भौतिक सुख-समृद्धि, और सौभाग्य की प्राप्ति।
दस महाविद्याओं की साधना और पूजा विधि
1. स्नान और शुद्धिकरण: देवी की प्रतिमा या चित्र को शुद्ध जल से स्नान कराएं और शुद्ध वस्त्र पहनाएं।
2. धूप और दीप: धूप और दीप जलाकर देवी की आरती करें।
3. नैवेद्य: देवी को मिष्ठान्न, फल, और अन्य शुद्ध खाद्य पदार्थ भोग के रूप में अर्पित करें।
4. मंत्र जाप: देवी के मंत्र का जाप करें और उनका ध्यान लगाएं।
5. हवन: हवन करें और उसमें देवी के मंत्रों का उच्चारण करें।
दस महाविद्याओं के लाभ
1. आध्यात्मिक जागरण: आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति।
2. सुरक्षा: बुरी आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा।
3. सिद्धियों की प्राप्ति: तंत्र साधना और मंत्र जाप से विभिन्न सिद्धियों की प्राप्ति।
4. सुख-समृद्धि: धन, सौभाग्य, और समृद्धि की प्राप्ति।
5. ज्ञान और कला: ज्ञान, विद्या, और कला में सफलता।
6. शत्रु नाश: शत्रुओं और कानूनी मामलों में सफलता।
दस महाविद्याओं की पूजा और साधना से भक्तों को अद्वितीय शक्ति, ज्ञान, और सिद्धियों की प्राप्ति होती है। ये देवियाँ हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने में मदद करती हैं और हमें हर कठिनाई का सामना करने की शक्ति देती हैं। माँ महाविद्याओं की कृपा से हमारे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है, और हम आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं।

Related Blogs

Shri Dashavatar rupahari-Vandana (श्रीदशावतार रूपहरि-वन्दना)

श्री दशावतार रूपहारी वंदना भगवान विष्णु के दस दिव्य अवतारों की स्तुति है। इसमें मत्स्य से लेकर कल्कि तक सभी अवतारों की महिमा, उनके रूप और कार्यों का वर्णन किया गया है। यह वंदना भक्ति, धर्म और आदर्श जीवन मूल्यों की प्रेरणा देती है।
Vandana

Shri Kalika Ashtakam (श्री कालिका अष्टकम्)

श्रीमत्शंकराचार्यजी द्वारा विरचित इस स्तोत्र में ग्यारह (११) श्लोक हैं । इन श्लोकों में भगवती दुर्गा के कालिका स्वरुप की, स्तुति की गयी है । इस स्तोत्र का पाठ करने से जगत् में यश की प्राप्ति होती है एवं अष्ट सिद्धियाँ भी प्राप्त होती हैं । कालिका अष्टकम के साथ-साथ यदि श्री सूक्तम, देवी सूक्तम का पाठ किया जाए तो, लक्ष्मी सूक्तम का बहुत लाभ मिलता है, मनोवांछित कामना पूर्ण होती है, यह सूक्तम शीघ्र ही फल देने लग जाता है| घर में सुख, शांति, समृधि रखने के लिए सिद्ध लक्ष्मी फ्रेम को घर में रखना चाहिए| और रोज़ सिद्ध लक्ष्मी फ्रेम की पूजा करनी चाहिए|
Ashtakam

Narayaniyam Dashaka 94 (नारायणीयं दशक 94)

नारायणीयं दशक 94 भगवान विष्णु की दिव्य शक्तियों और उनके अनंत गुणों का वर्णन करता है। यह अध्याय भक्तों को भगवान की महिमा का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।
Narayaniyam-Dashaka

Shri Parvatvasini Jwala Ji Arti (श्री पर्वतवासिनी ज्वालाजी की आरती )

श्री पर्वतवासिनी ज्वाला जी की आरती माँ ज्वाला की शक्ति, ऊर्जा, और महिमा का गान करती है। इसमें Maa Jwala, जिन्हें Parvatvasini और Jwalamukhi Devi भी कहा जाता है, की प्रचंड ज्वालामुखी जैसी शक्ति और भक्तों की रक्षा करने वाली क्षमताओं का वर्णन है। माँ की आरती में उनके उग्र रूप और करुणा दोनों की प्रार्थना की जाती है।
Arti

Shri Saraswati Kavacham (श्री सरस्वती कवचं)

Shri Saraswati Kavacham देवी सरस्वती की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है, जो "Goddess of Wisdom" और "Divine Knowledge" की देवी मानी जाती हैं। यह कवच विशेष रूप से "Protection from Ignorance" और "Goddess of Arts" की शक्तियों का आह्वान करता है, जो शारीरिक और मानसिक बल प्रदान करती हैं। यह कवच "Saraswati Devotional Hymn" और "Spiritual Knowledge Prayer" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके पाठ से जीवन में ज्ञान, रचनात्मकता और मानसिक शांति प्राप्त होती है। Shri Saraswati Kavacham को "Divine Protection Chant" और "Wisdom Mantra" के रूप में पढ़ने से व्यक्ति को "Inner Peace" और "Success in Learning" मिलता है।
Kavacha

Shri Ganpati ji Arti (श्री गणपति जी आरती)

श्री गणपति जी की आरती भगवान गणेश की वंदना और स्मरण का पवित्र गीत है। भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता, सिद्धिदाता, और बुद्धि के देवता कहा जाता है, को इस आरती में उनकी शक्ति, कृपा, और समृद्धि का गुणगान करते हुए पूजा जाता है। इस आरती से भक्तों को सभी बाधाओं से मुक्ति, सुख, शांति, और सिद्धि प्राप्त होती है।
Arti

Shri Saraswati Stotram (श्री सरस्वती स्तोत्रम्)

श्री सरस्वती स्तोत्र: सरस्वती माता को प्रसन्न करने और उनसे हमारे व हमारे परिवार के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने के कई तरीके हैं। सरस्वती हिंदू धर्म की देवी हैं, जो ज्ञान, संगीत, कला, बुद्धि और प्रकृति का प्रतीक हैं। वह सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की त्रिमूर्ति का हिस्सा हैं। ये तीनों स्वरूप ब्रह्मा, विष्णु और शिव की त्रिमूर्ति को सृष्टि की रचना, पालन और विनाश में सहायता करते हैं। सरस्वती माता को पश्चिम और मध्य भारत के जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा भी श्रद्धापूर्वक पूजा जाता है।
Devi-Stotra

Hanuman Stuti (हनुमान स्तुति)

हनुमान स्तुति में भगवान हनुमान (Hanuman), जिन्हें "Lord of Strength" और "symbol of devotion" कहा जाता है, की महिमा का वर्णन है। यह स्तुति उन्हें "protector from evil," "remover of obstacles," और "divine messenger of Lord Rama" के रूप में प्रस्तुत करती है। हनुमान जी को उनकी "immense power," "courage," और "unwavering loyalty" के लिए पूजा जाता है। इस स्तुति का पाठ करने से "spiritual strength," "peace of mind," और "divine blessings" प्राप्त होते हैं।
Stuti

Today Panchang

19 June 2025 (Thursday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala