No festivals today or in the next 14 days. 🎉

फुलेरा दूज कब है, क्यों मनाते हैं ये त्योहार?

Phulera Dooj 2025: फुलेरा Dooj एक Hindu festival है जो हर साल Falgun month के Shukla Paksha की Dwitiya Tithi को मनाया जाता है। यह festival Spring season के आगमन और Radha-Krishna के love का प्रतीक है। वर्ष 2025 में Phulera Dooj पर्व 01 March को मनाया जाएगा।
Phulera Dooj कितनी तारीख को है: Delhi time अनुसार इस साल Phulera Dooj का पर्व 01 March 2025, day Saturday को मनाया जाएगा। Hindu Panchang के अनुसार, Falgun month के Shukla Paksha की Dwitiya Tithi की शुरुआत 01 March 2025 को morning 03:16 AM से शुरू होगी और अगले day यानी 02 March 2025, day Sunday को night 12:09 AM पर समाप्त होगी। ऐसे में Udaya Tithi के हिसाब से Phulera Dooj 01 March ही मनाई जा रही है।
Phulera Dooj क्यों मनाते हैं: बता दें कि Phulera Dooj मनाने के पीछे कई Religious और Mythological stories प्रचलित हैं। Phulera Dooj को Radha-Krishna के love का प्रतीक माना जाता है। इस day Radha और Krishna ने एक दूसरे के साथ Flowers की Holi खेली थी। इसलिए, इस day लोग एक-दूसरे को Flowers और Abir-Gulal लगाते हैं और Radha-Krishna की Bhakti में लीन रहते हैं।
यह festival Spring season के स्वागत का भी प्रतीक है। इस समय Nature में नए Flowers खिलते हैं और greenery छा जाती है। इसलिए, इस festival को Nature के beauty और happiness का उत्सव भी माना जाता है। Religious belief अनुसार Phulera Dooj को एक Abujh Muhurat माना जाता है। इसका अर्थ है कि इस day कोई भी Auspicious work बिना किसी Muhurat के किया जा सकता है।
इसलिए, इस day Wedding, Griha Pravesh, और अन्य Manglik works करना शुभ माना जाता है। Phulera Dooj एक joyful और उत्साहपूर्ण festival है। यह हमें Love, Nature, और Happiness का संदेश देता है। इस day लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर Love और Brotherhood का संदेश फैलाते हैं।

Related Blogs

Uddhava Gita - Chapter 1 (उद्धवगीता - प्रथमोऽध्यायः)

उद्धवगीता के प्रथमोऽध्याय में उद्धव और भगवान कृष्ण के बीच की वार्ता का प्रारंभ होता है। यह अध्याय आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति के महत्व को दर्शाता है।
Uddhava-Gita

Shri Krishna Vandana (श्री कृष्ण वंदना)

श्री कृष्ण वंदना भगवान कृष्ण के गुणों और लीलाओं की प्रशंसा में गाई जाने वाली स्तुति है। इसमें भगवान के दिव्य प्रेम, ज्ञान, और धैर्य की महिमा का वर्णन किया गया है। यह वंदना "भक्ति" और "आध्यात्मिक प्रेरणा" का अद्भुत स्रोत है।
Vandana

Shri Chhinnamasta Kavacham (श्री छिन्नमस्ता कवचम्)

माँ चिन्नमस्ता शक्ति का एक रूप हैं, जिन्हें अपने सिर को काटते हुए दिखाया जाता है। उनके गले से बहता हुआ खून, जो जीवन को बनाए रखने वाली प्राण शक्ति का प्रतीक है, तीन धाराओं में बहता है—एक धार उनके अपने मुँह में, यह दर्शाता है कि वह आत्मनिर्भर हैं, और बाकी दो धार उनकी दो महिला सहायक दकिणी और वर्णिनी के मुँह में बहती हैं, जो समस्त जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। कटा हुआ सिर मोक्ष का प्रतीक है। सिर को काटकर वह अपनी असली अवस्था में प्रकट होती हैं, जो अज्ञेय, अनंत और स्वतंत्र है। यह बंधन और व्यक्तिगतता से मुक्ति का प्रतीक है। उनका नग्न रूप उनकी स्वायत्तता को दर्शाता है, यह दिखाता है कि उन्हें किसी भी रूप में संकुचित नहीं किया जा सकता। खोपड़ी की माला (रुंडमाला) दिव्य सृजनात्मकता का प्रतीक है। वह काम और रति के मिलन करते जोड़े पर खड़ी होती हैं, यह दिखाता है कि उन्होंने यौन इच्छाओं पर विजय प्राप्त कर ली है। 'काम' यौन इच्छा का और 'रति' यौन संबंध का प्रतीक है। उनके गले से बहता खून तीन नाड़ियों – इडा, पिंगला और सुशुम्ना के माध्यम से चेतना के प्रवाह का प्रतीक है। काम और रति एक उत्तेजित कुंडलिनी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो सुशुम्ना में चढ़कर अज्ञानता को समाप्त करती है। कुंडलिनी द्वारा सहस्रार चक्र में उत्पन्न अद्वितीय ऊर्जा के कारण सिर उड़ जाता है। इसका मतलब है कि मुलाधार चक्र में शक्ति शिव से सहस्रार चक्र में मिलती है, जिससे आत्म-साक्षात्कार होता है। रति को प्रभुत्व में दिखाया गया है, जबकि काम को निष्क्रिय रूप में दिखाया गया है। माँ चिन्नमस्ता कवच का पाठ शत्रुओं से छुटकारा पाने और विजय प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह कवच अंधी शक्तियों और रुकावटों को दूर करने में मदद करता है। यह आध्यात्मिक उन्नति और संवेदनशीलता में वृद्धि करता है।
Kavacha

Bhagavad Gita 17 Chapter (भगवत गीता सातवाँ अध्याय)

भगवद्गीता का 17वां अध्याय "श्रद्धात्रयविभाग योग" (The Yoga of Threefold Faith) है, जो श्रद्धा (Faith) के तीन प्रकारों – सात्त्विक (Pure), राजसिक (Passionate), और तामसिक (Ignorant) – का वर्णन करता है। श्रीकृष्ण (Lord Krishna) अर्जुन (Arjuna) को बताते हैं कि व्यक्ति की श्रद्धा उसके स्वभाव (Nature) और गुणों (Qualities) पर आधारित होती है। इस अध्याय में भोजन (Food), यज्ञ (Sacrifice), तप (Austerity), और दान (Charity) को सात्त्विक, राजसिक, और तामसिक श्रेणियों में विभाजित कर उनके प्रभावों का वर्णन किया गया है। श्रीकृष्ण बताते हैं कि केवल सात्त्विक कर्म (Pure Actions) और श्रद्धा से ही आध्यात्मिक प्रगति (Spiritual Progress) और मोक्ष (Liberation) प्राप्त किया जा सकता है। यह अध्याय व्यक्ति को सद्गुणों (Virtues) और धर्म (Righteousness) के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
Bhagwat-Gita

Shri Hanuman Chalisa

हनुमान चालीसा एक प्रसिद्ध भक्ति गीत है जो भगवान हनुमान की महिमा का गान करता है। इसमें 40 छंद होते हैं, जो हनुमान जी की शक्ति, साहस और भक्ति का वर्णन करते हैं। यह पाठ संकटों से मुक्ति दिलाने वाला और जीवन में आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। Hanuman Chalisa का नियमित पाठ devotees को strength और courage प्रदान करता है। इसके साथ ही Hanuman prayer से जीवन में positive changes आते हैं और भक्तों को blessings मिलती हैं।
Chalisa

Sarvrup Bhagwan Arti (सर्वरूप भगवान्‌ आरती)

सर्वरूप भगवान की आरती में भगवान के सभी रूपों की आराधना और वंदना की जाती है। यह आरती भगवान को उनकी सर्वशक्तिमानता, कृपा, और संपूर्णता के लिए समर्पित है। Sarvaroop Bhagwan Aarti में ईश्वर को उनके सृष्टि रचयिता, पालनहार, और संहारक रूपों के लिए पूजा जाता है। यह आरती गाने से भक्तों को आध्यात्मिक बल, शांति, और धार्मिक उत्थान की प्राप्ति होती है।
Arti

Sarvrup Hari Vandana (सर्वरूप हरि-वन्दन)

सर्वरूप हरि वंदना में भगवान हरि के सभी रूपों की पूजा और वंदना की जाती है। यह वंदना भगवान के सर्वशक्तिमान, निराकार, और सृष्टि के पालनहार रूपों की महिमा का वर्णन करती है। Sarvaroop Hari Vandana गाने से भक्त भगवान की अद्वितीय शक्ति, करुणा, और मंगलकारी रूप की अनुभूति करते हैं।
Vandana

Shri Radha Krishna Stuti (श्री राधाकृष्ण स्तुति)

श्री राधा कृष्ण स्तुति भगवान श्रीकृष्ण और उनकी आराध्या श्री राधा की अलौकिक प्रेम, दिव्यता और भक्ति की महिमा का गुणगान है। यह स्तुति भक्ति मार्ग पर चलने वालों के लिए अद्भुत प्रेरणा का स्रोत है। इसमें श्रीकृष्ण को "Lord of Love" और श्री राधा को "Goddess of Devotion" के रूप में वर्णित किया गया है। यह स्तुति पाठ करने से भक्तों को दिव्य प्रेम, आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। "Radha Krishna Bhajans", "Hindu devotional songs", और "divine couple" जैसे विषयों के प्रति रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह स्तुति अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। श्री राधा कृष्ण स्तुति प्रेम, त्याग और निष्ठा का प्रतीक है, जो मनुष्य के मन को शुद्ध और ईश्वर की ओर प्रेरित करता है। यह स्तुति भक्तों को जीवन के कष्टों से मुक्ति और "spiritual enlightenment", "divine love", और "sacred connection" का अनुभव कराती है। "Vrindavan Leelas", "Krishna Bhakti", और "Radha's Grace" जैसे प्रमुख विषय इसमें समाहित हैं।
Stuti

Today Panchang

03 August 2025 (Sunday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala