No festivals today or in the next 14 days. 🎉

भगवान गणेश: विघ्नहर्ता और उनकी पूजा का महत्व

भगवान गणेश: विघ्नहर्ता और उनकी पूजा का महत्व
भगवान गणेश, जिन्हें गजानन, गणपति, विनायक, और एकदंत के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माने जाते हैं। भगवान गणेश को सभी शुभ कार्यों की शुरुआत में पूजा जाता है क्योंकि वे विघ्नों को हरने वाले माने जाते हैं। उनका वाहन मूषक और उनके चार हाथ होते हैं। गणेश जी की पूजा उनके भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती है।
गणेश जी की पूजा का महत्व और लाभ
गणेश जी की पूजा क्यों करते हैं?
गणेश जी की पूजा करने से हमें उनकी अनन्त कृपा और आशीर्वाद मिलता है। वे अपने भक्तों को बुद्धि, समृद्धि और सफलता का वरदान देते हैं और जीवन में आने वाली हर बाधा को दूर करते हैं। गणेश जी का ध्यान और पूजा हमें भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति में मदद करती है।
गणेश जी की पूजा के लाभ
बुद्धि और ज्ञान: गणेश जी की पूजा से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
सफलता: जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
विघ्नों का नाश: सभी प्रकार के विघ्नों और बाधाओं का नाश होता है।
शांति और संतोष: मानसिक शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।
धन और समृद्धि: धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
सकारात्मक ऊर्जा: गणेश जी की पूजा से घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
शत्रुओं से सुरक्षा: गणेश जी की पूजा से शत्रुओं और बुरी आत्माओं से रक्षा होती है।
संतान प्राप्ति: निःसंतान दंपतियों के लिए गणेश जी की पूजा संतान प्राप्ति के लिए लाभकारी होती है।
मोक्ष प्राप्ति: गणेश जी की पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
किस अवसर पर गणेश जी की पूजा करते हैं?
गणेश चतुर्थी: यह भगवान गणेश का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो भाद्रपद महीने में मनाया जाता है। इस दिन गणेश जी की मूर्ति की स्थापना और दस दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है।
संकष्टी चतुर्थी: हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है और गणेश जी की पूजा की जाती है।
विनायक चतुर्थी: हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।
दीवाली: दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के साथ गणेश जी की भी पूजा की जाती है।
नाग पंचमी: इस दिन गणेश जी के साथ नाग देवता की पूजा की जाती है।
विवाह और गृह प्रवेश: किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है।
गणेश जी से जुड़े प्रमुख मंदिर और तीर्थ स्थल
सिद्धिविनायक मंदिर: मुंबई में स्थित यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर: पुणे में स्थित यह मंदिर गणेश भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
अष्टविनायक मंदिर: महाराष्ट्र में स्थित आठ प्रमुख गणेश मंदिरों का समूह है, जो अष्टविनायक के नाम से जाना जाता है।
कणिपकम विनायक मंदिर: आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित यह मंदिर गणेश जी को समर्पित है।
रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर: राजस्थान के रणथंभौर किले में स्थित यह मंदिर भी प्रमुख गणेश मंदिरों में से एक है।
गणेश जी से जुड़ी प्रमुख कथाएँ
गणेश का जन्म: इस कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपने उबटन से गणेश जी की मूर्ति बनाकर उनमें प्राण फूंके थे। शिव जी ने अज्ञानता में गणेश जी का सिर काट दिया और फिर हाथी का सिर लगाकर उन्हें पुनः जीवित किया।
गणेश और कार्तिकेय की परिक्रमा: यह कथा बताती है कि जब गणेश और कार्तिकेय में परिक्रमा करने की प्रतियोगिता हुई, तो गणेश जी ने अपने माता-पिता शिव और पार्वती की परिक्रमा करके प्रथम स्थान प्राप्त किया।
गणेश का विवाह: इस कथा में गणेश जी के विवाह की कहानी है, जिसमें उनकी पत्नियाँ रिद्धि और सिद्धि हैं।
गणेश और चंद्रमा: यह कथा बताती है कि गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दिया था क्योंकि चंद्रमा ने उनकी हंसी उड़ाई थी। इसके परिणामस्वरूप, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखने को अपशकुन माना जाता है।
गणेश ध्यान और साधना
गणेश मंत्र: "ॐ गण गणपतये नमः" मंत्र का जाप करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र बुद्धि और सफलता के लिए अत्यंत प्रभावी है।
गणेश अथर्वशीर्ष: गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का संचार होता है।
गणेश चालीसा: गणेश चालीसा का पाठ गणेश जी की महिमा का गुणगान करता है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
गणेश जी की पूजा विधि
स्नान और शुद्धिकरण: गणेश जी की प्रतिमा या चित्र को शुद्ध जल से स्नान कराएं। इसके बाद गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से अभिषेक करें।
दूर्वा घास: गणेश जी की प्रतिमा पर दूर्वा घास चढ़ाएं। यह उनकी पूजा में महत्वपूर्ण है।
धूप और दीप: धूप और दीप जलाकर गणेश जी की आरती करें।
नैवेद्य: गणेश जी को मोदक, लड्डू, फल, मिठाई और अन्य शुद्ध खाद्य पदार्थ भोग के रूप में अर्पित करें।
आरती और मंत्र: गणेश जी की आरती करें और "ॐ गण गणपतये नमः" मंत्र का जाप करें।
गणेश जी के प्रतीक और उनके महत्व
हाथी का सिर: गणेश जी का हाथी का सिर बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है।
चार हाथ: गणेश जी के चार हाथ उनके अनेक गुणों और शक्तियों का प्रतीक हैं।
मोदक: गणेश जी का प्रिय भोजन मोदक समृद्धि और खुशी का प्रतीक है।
मूषक: गणेश जी का वाहन मूषक उनकी सर्वव्यापकता और विनम्रता का प्रतीक है।
त्रिशूल: गणेश जी का त्रिशूल शक्ति और साहस का प्रतीक है।
गणेश जी के स्तुतियाँ और भजन
गणेश अथर्वशीर्ष: गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का संचार होता है।
गणेश चालीसा: गणेश चालीसा का पाठ गणेश जी की महिमा का गुणगान करता है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
गणपति स्तोत्र: गणपति स्तोत्र का पाठ गणेश जी की आराधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और उनकी कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है।
भगवान गणेश की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, और हमें हर कठिनाई का सामना करने की शक्ति मिलती है। गणेश जी की पूजा न केवल हमारे जीवन को बेहतर बनाती है, बल्कि हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में भी मदद करती है। भगवान गणेश की भक्ति से हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और हम आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं।

Related Blogs

Shiva Puja Vidhi (शिव पूजा विधि)

चाहे सावन सोमवार हो या शिवरात्रि हो या अन्‍य कोई व्रत या त्‍यौहार हो जिसमें आपको शिव जी की पूजा करनी होती है तब आप पूजा करते तो है पर आपको पूरी शिव पूजा विधि नहीं पता होती है कि कोई पूजा किस तरीके करनी है, क्‍या सामग्री लगेगी महादेव पूजा में और कब क्‍या करना होता है यह नहीं पता होता है तो यहाँ हम आपको भगवान शिव जी की संपूर्ण पूजा विधि पंडित जी अनुसार बताने जा रहे हैं। जिससे आप पंडित द्वारा की जाने की विधि को श्‍‍लोक, मंत्र सहित जान पाएंगें और पूजा को विधि विधान से कर पाएंगे।
Puja-Vidhi

Dhumavati(10 Mahavidya) (धूमावती)

धूमावती दस महाविद्याओं में छठी देवी हैं। वे विधवा स्वरूप में जानी जाती हैं और त्याग तथा वैराग्य का प्रतीक हैं। उनकी साधना अज्ञान और मोह को समाप्त करने के लिए की जाती है। धूमावती का स्वरूप धैर्य, त्याग, और आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है।
10-Mahavidya

Shri Shani Chalisha (1) (श्री शनि चालीसा )

शनि चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान शनिदेव पर आधारित है। शनि चालीसा एक लोकप्रिय प्रार्थना है जो 40 छन्दों से बनी है। कई लोग शनि जयन्ती पर और शनिवार, जो दिन भगवान शनि की पूजा करने के लिए समर्पित है, के दिन भी शनि चालीसा का पाठ करते हैं। Shani Chalisa का नियमित जाप protection from negative energy और spiritual peace प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका है। यह विशेष रूप से karma removal और blessings के लिए उपयोगी है।
Chalisa

Shri Hanumat-Vandana (श्रीहनुमत् -वन्दन)

श्री हनुमान वंदना भगवान हनुमान की शक्ति, भक्ति, और संकटमोचन स्वरूप की महिमा का वर्णन करती है। इसमें Lord Hanuman, जिन्हें Sankat Mochan, Asht Siddhi Nav Nidhi Data, और Bhakti Ke Pratik कहा जाता है, को संकट हरता, अशुभ नाशक, और शत्रुनाशक देवता के रूप में पूजा जाता है। उनकी वंदना से आत्मबल, साहस, धैर्य, और सफलता प्राप्त होती है।
Vandana

Lakshmi Puja Vidhi (लक्ष्मी पूजा विधि)

Goddess Lakshmi Puja के लिए सबसे पहले clean altar पर Lakshmi Mata और Lord Ganesha की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। Kalash Sthapana करें, जिसमें Ganga Jal, betel leaves, coins, और rice grains डालें। फिर incense sticks, diya lighting, और fresh flowers अर्पित कर Shodashopachara Puja विधि से Goddess Lakshmi की पूजा करें। Kumkum, turmeric, sandalwood paste, और sweets अर्पित करने से divine blessings प्राप्त होती हैं। पूजा के दौरान Lakshmi Gayatri Mantra, Shri Sukta, और Kanakdhara Stotra का पाठ करना शुभ माना जाता है, जिससे financial prosperity और wealth abundance प्राप्त होती है। विशेष रूप से Diwali, Dhanteras, Sharad Purnima, Akshaya Tritiya, Kojagari Purnima, और Navratri पर Lakshmi Puja करना अत्यंत शुभ होता है। इन अवसरों पर Goddess Lakshmi की कृपा से luck, prosperity, और success in career प्राप्त होती है। New Business Opening, Housewarming Ceremony, और Financial Year Beginning पर भी यह पूजा करने से positive energy और monetary benefits मिलते हैं।
Puja-Vidhi

Shri Krishnan Chalisa (श्री कृष्णन चालीसा)

कृष्ण चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान कृष्ण पर आधारित है। कृष्ण चालीसा एक लोकप्रिय प्रार्थना है जो 40 छन्दों से बनी है। कई लोग जन्माष्टमी सहित भगवान कृष्ण को समर्पित अन्य त्योहारों पर कृष्ण चालीसा का पाठ करते हैं। इस चालीसा के पाठ से भक्तों को spiritual peace और blessings मिलती हैं। Krishna mantra for positivity का जाप जीवन में love और prosperity लाने का एक प्रभावी उपाय है।
Chalisa

Lakshmi Ganesh Mantra (लक्ष्मी गणेश मंत्र)

Lakshmi Ganesh Mantra का जाप करने से wealth prosperity, financial stability, और success in business प्राप्त होती है। Goddess Lakshmi, जो wealth and abundance की देवी हैं, और Lord Ganesha, जो wisdom and success के देवता हैं, उनकी उपासना से negative energy removal, good fortune, और harmony in life आती है। Om Shreem Hreem Shreem Mahalakshmye Namah और Om Gan Ganapataye Namah जैसे powerful Lakshmi Ganesh Mantra का नियमित जाप करने से career growth, business expansion, और financial growth होती है। विशेष रूप से Diwali, Dhanteras, Akshaya Tritiya, Ganesh Chaturthi, और Sharad Purnima के दिन इन मंत्रों का जाप करने से monetary gains, positivity, और success in new ventures प्राप्त होती है।
Mantra

Shri Narayana Ashtakam (श्री नारायण अष्टकम् )

श्री नारायण अष्टकम्: हिंदू मान्यता के अनुसार, श्री नारायण अष्टकम का नियमित जाप भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका है। सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करने के लिए, श्री नारायण अष्टकम का पाठ सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए, पहले श्री नारायण अष्टकम का अर्थ हिंदी में समझना चाहिए।
Ashtakam

Today Panchang

03 August 2025 (Sunday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala