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भारत के इन शहरों में मनाई जाती है अनोखी होली, दुनियाभर से उमड़ते हैं पर्यटक, जानिए क्या हैं परम्पराएं

Holi 2025: भारत में Holi festival सिर्फ एक त्यौहार नहीं है बल्कि यह एक जज्बा है। Holi in India एक ऐसा त्यौहार है जो सारी ऊंच-नीच और भेदभाव को मिटाकर festival of colors के रूप में एकता का संदेश देती है। इसीलिए हमारे देश में celebration of Holi के लिए एक अलग जोश और उमंग देखने को मिलता है।
वैसे तो Holi celebrations in India पूरे देश में उत्साह और उमंग के साथ मनाए जाते हैं। लेकिन यदि आप इस बार best places to celebrate Holi in India में कुछ अलग और नया अनुभव करना चाहते हैं, तो आज इस आलेख में हम आपको बताएंगे भारत के वे शहर जहां की Holi festival in India विश्व प्रसिद्ध है।
Lathmar Holi
Barsana and Nandgaon Holi लठमार की खास परंपरा के साथ पूरी दुनिया में अलग पहचान रखती है। यहां की Holi celebrations in Vrindavan का इतिहास हमारी परंपरा और संस्कृति से जुड़ा है। मान्यता है कि जब Lord Krishna Holi celebrations के दौरान नंदगांव से अपने ग्वाल मित्रों के साथ बरसाना आए, तो वे Radha Rani Holi और गोपियों के साथ होली खेलने लगे। इससे तंग आकर Radha Rani and Gopis ने श्री कृष्ण और ग्वालों पर लट्ठ लेकर दौड़ा। तभी से Lathmar Holi in Barsana की परंपरा चली आ रही है।
Laddu Holi
Laddu Holi in Barsana भी सिर्फ बरसाना में ही देखने को मिलती है। कहा जाता है कि एक बार जब Radha Rani Holi festival के लिए नंदगांव गईं, तो नंदबाबा ने पुरोहितों को Holi invitation के रूप में भेजा। वृषभानु जी ने पुरोहितों का सत्कार किया और उन्हें Laddu Holi tradition के रूप में लड्डू खिलाए। लेकिन गोपियों ने शर्त में पुरोहितों के गालों पर गुलाल मल दिया। उस समय पुरोहितों के पास Holi sweets - laddu थे, तो उन्होंने गोपियों पर laddu throwing Holi की शुरुआत कर दी।
Hampi Holi
अगर आप historical Holi celebration in India का त्योहार ऐतिहासिक धरोहरों के बीच मनाना चाहते हैं तो आपको Holi in Hampi जाना चाहिए। Hampi Holi festival में आप भक्ति और रंगों के साथ हमारी UNESCO Heritage Site Holi का भी आनंद ले सकेंगे। यही खासियत Holi celebrations in South India को विशेष बनाती है। Traditional Holi songs और folk dance during Holi इस त्योहार की मौज-मस्ती को दोगुना कर देते हैं। यहां Tungabhadra river holy dip लेने की परंपरा भी है, जो sacred river in South India मानी जाती है।
Musical and Baithaki Holi
अगर आप musical Holi in India का अनुभव लेना चाहते हैं, तो आपके लिए Kumaon Holi in Uttarakhand सबसे अनुकूल है। यहां Kumaoni Holi festival केवल रंगों तक सीमित नहीं होता बल्कि Indian classical music Holi और भक्ति के रस से भरा होता है। Kumaon Holi celebration में पारंपरिक Holi ragas and folk songs सुनने को मिलते हैं। यहां होली तीन प्रकार से मनाई जाती है – Baithaki Holi, Khari Holi, और Mahila Holi festival।
Shigmotsav - Goa Holi Festival
Goa Holi festival 14 दिनों तक चलता है जिसे Shigmotsav or Shigmo festival in Goa कहा जाता है। यहां Holi carnival in Goa हर छोटे-बड़े गांव और शहर में ढोल और संगीत के साथ पारंपरिक folk dance and Holi parades के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान Holi floats and temple rituals का आयोजन किया जाता है, जिससे Holi tourism in Goa को बढ़ावा मिलता है।

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नवदुर्गा स्तोत्रम Hindu Devotional Hymn है, जिसमें Maa Durga के नौ रूपों की Sacred Worship की जाती है। यह स्तोत्र Navratri Festival के दौरान विशेष रूप से पाठ किया जाता है। Spiritual Seekers के लिए यह Divine Energy Invocation का स्रोत है। इसका नियमित पाठ Negativity Removal और Success & Protection प्रदान करता है। Vedic Scriptures में इसे Shakti Mantra के रूप में वर्णित किया गया है। Chanting Benefits में Karma Purification और Positive Vibrations शामिल हैं। Devotional Recitation से भक्त को Inner Strength & Blessings प्राप्त होती हैं।
Stotra

Shri Dhumavati Kavacham (धूमावती कवचम्)

Shri Dhumavati Kavacham देवी धूमावती की "Divine Shield" और "Supreme Protection" का आह्वान करता है, जो "Goddess of Destruction" और "Divine Guardian" के रूप में पूजी जाती हैं। यह कवच व्यक्ति को "Cosmic Energy" और "Spiritual Protection" प्रदान करता है। Shri Dhumavati Kavacham का जाप "Goddess Dhumavati Prayer" और "Divine Strength Chant" के रूप में किया जाता है। इसके नियमित पाठ से भक्तों को "Inner Peace" और "Mental Clarity" मिलती है, जो जीवन के हर संकट से बचने के लिए प्रभावी होता है।
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भगवद्गीता का 17वां अध्याय "श्रद्धात्रयविभाग योग" (The Yoga of Threefold Faith) है, जो श्रद्धा (Faith) के तीन प्रकारों – सात्त्विक (Pure), राजसिक (Passionate), और तामसिक (Ignorant) – का वर्णन करता है। श्रीकृष्ण (Lord Krishna) अर्जुन (Arjuna) को बताते हैं कि व्यक्ति की श्रद्धा उसके स्वभाव (Nature) और गुणों (Qualities) पर आधारित होती है। इस अध्याय में भोजन (Food), यज्ञ (Sacrifice), तप (Austerity), और दान (Charity) को सात्त्विक, राजसिक, और तामसिक श्रेणियों में विभाजित कर उनके प्रभावों का वर्णन किया गया है। श्रीकृष्ण बताते हैं कि केवल सात्त्विक कर्म (Pure Actions) और श्रद्धा से ही आध्यात्मिक प्रगति (Spiritual Progress) और मोक्ष (Liberation) प्राप्त किया जा सकता है। यह अध्याय व्यक्ति को सद्गुणों (Virtues) और धर्म (Righteousness) के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
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