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Devi Mahatmyam Argala Stotram || देवी माहात्म्यं अर्गला स्तोत्रम् : Full Lyrics in Sanskrit with Benefits !!
Devi Mahatmyam Argala Stotram (देवी माहात्म्यं अर्गला स्तोत्रम्)
Argala Stotram देवी Durga को समर्पित एक शक्तिशाली hymn है, जिसे अक्सर Chandi Path या Durga Saptashati के दौरान पाठ किया जाता है। यह stotram विभिन्न verses से बना है, जो माँ की विभिन्न forms का आह्वान कर protection, prosperity, victory, और removal of obstacles की प्रार्थना करते हैं। "Argala" शब्द का अर्थ "bolt" या "lock" होता है, और जिस प्रकार किसी मूल्यवान वस्तु को पाने के लिए lock को खोलना आवश्यक होता है, उसी प्रकार Argala Stotram का पाठ Divine Mother की grace और blessings को प्राप्त करने के लिए एक sacred practice माना जाता है।देवी माहात्म्यं अर्गला स्तोत्रम्
(Devi Mahatmyam Argala Stotram)
अस्यश्री अर्गला स्तोत्र मंत्रस्य विष्णुः ऋषिः। अनुष्टुप्छंदः। श्री महालक्षीर्देवता। मंत्रोदिता देव्योबीजं।
नवार्णो मंत्र शक्तिः। श्री सप्तशती मंत्रस्तत्वं श्री जगदंबा प्रीत्यर्थे सप्तशती पठां गत्वेन जपे विनियोगः॥
ध्यानं
ॐ बंधूक कुसुमाभासां पंचमुंडाधिवासिनीं।
स्फुरच्चंद्रकलारत्न मुकुटां मुंडमालिनीं॥
त्रिनेत्रां रक्त वसनां पीनोन्नत घटस्तनीं।
पुस्तकं चाक्षमालां च वरं चाभयकं क्रमात्॥
दधतीं संस्मरेन्नित्यमुत्तराम्नायमानितां।
अथवा
या चंडी मधुकैटभादि दैत्यदलनी या माहिषोन्मूलिनी
या धूम्रेक्षन चंडमुंडमथनी या रक्त बीजाशनी।
शक्तिः शुंभनिशुंभदैत्यदलनी या सिद्धि दात्री परा
सा देवी नव कोटि मूर्ति सहिता मां पातु विश्वेश्वरी॥
ॐ नमश्चंडिकायै
मार्कंडेय उवाच
ॐ जयत्वं देवि चामुंडे जय भूतापहारिणि।
जय सर्व गते देवि काल रात्रि नमोऽस्तुते॥1॥
मधुकैठभविद्रावि विधात्रु वरदे नमः
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी ॥2॥
दुर्गा शिवा क्षमा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥3॥
महिषासुर निर्नाशि भक्तानां सुखदे नमः।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥4॥
धूम्रनेत्र वधे देवि धर्म कामार्थ दायिनि।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥5॥
रक्त बीज वधे देवि चंड मुंड विनाशिनि ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥6॥
निशुंभशुंभ निर्नाशि त्रैलोक्य शुभदे नमः
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥7॥
वंदि तांघ्रियुगे देवि सर्वसौभाग्य दायिनि।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥8॥
अचिंत्य रूप चरिते सर्व शत्रु विनाशिनि।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥9॥
नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चापर्णे दुरितापहे।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥10॥
स्तुवद्भ्योभक्तिपूर्वं त्वां चंडिके व्याधि नाशिनि
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥11॥
चंडिके सततं युद्धे जयंती पापनाशिनि।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥12॥
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि देवी परं सुखं।
रूपं धेहि जयं देहि यशो धेहि द्विषो जहि॥13॥
विधेहि देवि कल्याणं विधेहि विपुलां श्रियं।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥14॥
विधेहि द्विषतां नाशं विधेहि बलमुच्चकैः।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥15॥
सुरासुरशिरो रत्न निघृष्टचरणेऽंबिके।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥16॥
विध्यावंतं यशस्वंतं लक्ष्मीवंतंच मां कुरु।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥17॥
देवि प्रचंड दोर्दंड दैत्य दर्प निषूदिनि।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥18॥
प्रचंड दैत्यदर्पघ्ने चंडिके प्रणतायमे।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥19॥
चतुर्भुजे चतुर्वक्त्र संस्तुते परमेश्वरि।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥20॥
कृष्णेन संस्तुते देवि शश्वद्भक्त्या सदांबिके।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥21॥
हिमाचलसुतानाथसंस्तुते परमेश्वरि।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥22॥
इंद्राणी पतिसद्भाव पूजिते परमेश्वरि।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥23॥
देवि भक्तजनोद्दाम दत्तानंदोदयेऽंबिके।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥24॥
भार्यां मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीं।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥25॥
तारिणीं दुर्ग संसार सागर स्याचलोद्बवे।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥26॥
इदंस्तोत्रं पठित्वा तु महास्तोत्रं पठेन्नरः।
सप्तशतीं समाराध्य वरमाप्नोति दुर्लभं ॥27॥
॥ इति श्री अर्गला स्तोत्रं समाप्तम् ॥
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Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram (देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्)
Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram देवी Durga से forgiveness की प्रार्थना करने वाला एक sacred hymn है। यह holy chant भक्तों द्वारा जाने-अनजाने में किए गए mistakes, sins, और omissions के लिए divine mercy मांगता है। इस stotra के पाठ से negative karma समाप्त होता है और spiritual purification होता है। देवी की grace से जीवन में peace, prosperity, और harmony आती है। यह powerful mantra bhakti, karma, और moksha की प्राप्ति में सहायक होता है। Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram का जाप positivity और inner peace को बढ़ाने में मदद करता है।Stotra
Devi Mahatmyam Devi Kavacham (देवी माहात्म्यं देवि कवचम्)
Devi Mahatmyam Devi Kavacham देवी Durga की divine protection और supreme power का वर्णन करने वाला एक sacred hymn है। यह holy chant भक्तों को spiritual shield प्रदान करता है और उन्हें negative energy, evil forces, और demonic attacks से बचाता है। इस stotra के पाठ से inner strength, courage, और divine blessings प्राप्त होते हैं। देवी की grace से जीवन में peace, prosperity, और harmony आती है। यह powerful mantra bhakti, karma, और moksha की प्राप्ति में सहायक होता है। Devi Mahatmyam Devi Kavacham का जाप positivity और spiritual growth को बढ़ाने में मदद करता है।Kavacha
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