No festivals today or in the next 14 days. 🎉

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

वर्ष में चार Navratri Festivals होती हैं। Chaitra Navratri, Paush Navratri, Ashadha Navratri और Ashwin Navratri माह में आती हैं। Chaitra Maas में Vasant Navratri, Ashwin Maas में Sharadiya Navratri और Paush एवं Ashadha Maas में Gupt Navratri रहती है। सभी Navratri Dates में Saptami, Ashtami और Navami Tithi का विशेष महत्व रहता है। इन तिथियों पर Navratri Vrat का समापन करते हैं। Navratri Fast के समापन के दौरान कई तरह के Navratri Food Recipes बनाते हैं। आइए जानते हैं इन तिथियों का महत्व।
1. Saptami Tithi Significance
Saptami Tithi के स्वामी Surya Dev हैं और इसका विशेष नाम Mitra Pada है। शुक्रवार को पड़ने वाली Saptami Mrityuda और बुधवार की Saptami Siddhida होती है। Ashadha Krishna Saptami शून्य होती है। इस दिन किए गए कार्य अशुभ फल देते हैं। इसकी दिशा Vayavya Disha है। Surya Dev, Rath Saptami, Bhanu Saptami, Sheetala Saptami, Achala Saptami आदि कई Saptami Vrat रखने का प्रचलन है। Saptami ki Devi Sheetala Mata और Maa Kalaratri हैं।
क्या न खाएं: Saptami Ke Din Palm Fruit खाना निषेध है। इसको इस दिन खाने से रोग होता है।
2. Ashtami Tithi Significance
इस तिथि को Ashtami Tithi, Aatham या Athmi भी कहते हैं। Kalavati Naam की यह तिथि Jaya Sangyak है। मंगलवार की Ashtami Siddhida और बुधवार की Ashtami Mrityuda होती है। इसकी दिशा Ishaan Disha है। Ashtami Ki Devi Maa Mahagauri हैं।
क्या न खाएं: Ashtami Ke Din Coconut खाना निषेध है, क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है। इसके अलावा Amla, Sesame Oil, Red Leafy Vegetables, तथा Bronze Utensils में भोजन करना निषेध है।
3. Navami Tithi Significance
Navami Tithi Chaitra Maas में Shunya Sangyak होती है और इसकी दिशा Purva Disha है। शनिवार को Navami Siddhida और गुरुवार को Navami Mrityuda। अर्थात शनिवार को किए गए कार्य में सफलता मिलती है और गुरुवार को किए गए कार्य में सफलता की कोई गारंटी नहीं। Navami Ki Devi Maa Siddhidatri हैं।
क्या न खाएं: Navami Ke Din Bottle Gourd (Lauki) खाना निषेध है, क्योंकि इस दिन Lauki Ka Sevan Gau-Mans ke Saman माना गया है।

Related Blogs

Alokye Shri Balakrishnam (आलोकये श्री बालकृष्णम्)

आलोकये श्री बालकृष्णम् भगवान कृष्ण के बाल रूप की सुंदरता और लीलाओं का वर्णन करता है।
Shloka-Mantra

Shri Janaki Ji Stuti (श्री जानकी स्तुति )

श्रीस्कन्दमहापुराण में सेतुमाहात्म्य के अन्तर्गत् भगवती जानकी की स्तुति का प्रकरण प्राप्त होता है । इस स्तुति का पाठ करने से पापों का नाश, दरिद्रता का संहार तथा साधक को अभीष्ट वस्तु की प्राप्ति होती है ।
Stuti

Shri Gopal Chalisa (श्री गोपाल चालीसा)

गोपाल चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान गोपाल पर आधारित है। गोपाल भगवान कृष्ण का ही एक और नाम है। गोपाल का अर्थ है गौ रक्षकGopal Chalisa का जाप भगवान गोपाल की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। इसे विशेष रूप से Krishna devotion और protection from evils के लिए पढ़ा जाता है।
Chalisa

Karpur Gauram Karunavtaram Shloka Mantra (कर्पूर गौरम करुणावतारं श्लोक मंत्र)

कर्पूरगौरं करुणावतारं मंत्र Lord Shiva की Sacred Prayer है, जो उन्हें Pure (Karpur Gauram), Compassionate (Karunavataram) और Supreme Divine दर्शाता है। यह Shloka Mahadev को Lord of Yogis और Destroyer of Evil के रूप में Glorify करता है। Parvati के Consort के रूप में, वे Peace and Enlightenment प्रदान करते हैं। इस Mantra Chanting से Spiritual Growth, Inner Peace, और Divine Blessings प्राप्त होती हैं।
Shloka-Mantra

Parameshwar Stotram (परमेश्वर स्तोत्रम्‌)

परमेश्वर स्तोत्र परमात्मा के प्रति एक प्रार्थना है, जो परम है। इस स्तोत्र के कुछ पदों में भगवान शिव को संबोधित किया गया है और कुछ में भगवान विष्णु को, लेकिन इसका उद्देश्य उस परमात्मा को संबोधित करना है जो इन सीमित विवरणों से परे है। यह स्तोत्र अत्यंत संगीतात्मक है और इसे "स्तोत्र रत्नावली" से लिया गया है। यह स्तुति भगवान महेश्वर को समर्पित है, जो उमा (उनकी शक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाली) के अविभाज्य साथी हैं। शक्ति और शक्तिमान के बीच भेद को अद्वैत रूप में दर्शाने के लिए इसे मंदिरों में अर्धनारीश्वर के रूप में मूर्त रूप दिया गया है। इन दोनों को, जिन्हें कालिदास ने "रघुवंश" में अपने मंगलाचरण में पार्वती और परमेश्वर के रूप में संबोधित किया है, उन्होंने शब्द और अर्थ (वाक और अर्थ) की उस अनादि अविभाज्य जोड़ी के समान बताया है। यह सत्य कात्यायन ने अपने पहले वार्तिक में भी व्यक्त किया है।
Stotra

Shri Shakambhari Chalisa (श्री शाकम्भरी चालीसा)

श्री शकंभरी चालीसा देवी शकंभरी माँ को समर्पित एक शक्तिशाली प्रार्थना है। Shakambhari, जिन्हें Goddess of Nourishment के रूप में पूजा जाता है, का आशीर्वाद सभी कष्टों से मुक्ति, सुख-समृद्धि, और दुर्लभ चीजों के प्राप्ति में सहायक है।
Chalisa

Mrit Sanjeevani Kavach (मृत संजीवनी कवच)

मृतसंजीवनी स्त्रोत्र ऐसा माना जाता है कि इसे परमपिता ब्रह्मा के पुत्र महर्षि वशिष्ठ ने लिखा था। 30 श्लोकों का यह स्त्रोत्र भगवान शिव को समर्पित है और उनके कई अनजाने पहलुओं पर प्रकाश डालता है। जो कोई भी इस स्त्रोत्र का पूर्ण चित्त से पाठ करता है, उसे जीवन में किसी भी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता।
Kavacha

Ram Vandana (राम वन्दना)

राम वंदना भगवान राम (Lord Rama), जिन्हें "Maryada Purushottam" और "embodiment of dharma" कहा जाता है, की महिमा का वर्णन करती है। यह वंदना उनके "ideal character," "divine leadership," और "symbol of righteousness" को उजागर करती है। श्रीराम भक्तों को "spiritual guidance," "inner peace," और "moral strength" प्रदान करते हैं। राम वंदना का पाठ जीवन में "harmony," "prosperity," और "divine blessings" लाने का मार्ग है।
Vandana

Today Panchang

19 June 2025 (Thursday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala