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jhulelal jayanti 2025: भगवान झूलेलाल की कहानी

Cheti Chand Festival 2025: सिंधी समाज के हिंदुओं में Jhulelal को Varun Dev का अवतार माना जाता है। Sindhi Community के हिंदुओं को Sindhi Hindus कहा जाता है। Sindhi Province के हिंदुओं को Muslim Atrocities से बचाने के लिए ही इनका अवतार हुआ था। यह एक चमत्कारिक संत थे। Jhulelal Jayanti चैत्र शुक्ल माह की द्वितीया को आती है। इनका Prakat Utsav चैत्र प्रतिपदा से ही प्रारंभ हो जाता है। झूलेलालजी को Jinda Peer, Lal Shah, Pallaywaro, Jyotinwaro, Amar Lal, Udero Lal, Ghodewaro भी कहते हैं। इन्हें मुसलमान Khwaja Khizr Jinda Peer के नाम से पूजते हैं। Pakistani Sindhi People इन्हें 'Prabhu Lal Sai' कहते हैं।
चैत्र शुक्ल पक्ष द्वितीया Samvat 1007 को उनका जन्म Nasarpur के Thakur Ratanrai के यहां हुआ था। उनकी माता का नाम Devaki था। उनके माता पिता ने उनका नाम 'Lal Udayraj' रखा था। लोग उन्हें Udaychand भी कहते थे।
Sindh Province में Mirk Shah नामक एक क्रूर Muslim King के अत्याचार और Hindu Community को समाप्त करने के कुचक्र के चलते Jhulelal का 10वीं सदी में अवतार हुआ और उन्होंने Hindu-Muslim Unity का पाठ पढ़ाया। जन्म से ही Miraculous Child होने की प्रसिद्धि के चलते Mirk Shah को लगा कि यह बालक संभवत: मेरी मौत का कारण बन सकता है। अत: शाह ने Udayraj को समाप्त करवाने की योजना बनाई। शाह दल-बल सहित Udayraj को मारने के लिए निकले ही थे लेकिन Udayraj ने अपनी Divine Powers से शाह के महल में आग का कहर बरपा दिया और शाह की सेना बेबस हो गई। सेनापतियों ने देखा कि सिंहासन पर 'Lal Udayraj' बैठे हैं। जब महल भयानक आग से जलने लगा तो बादशाह भागकर 'Lal Udayraj' के चरणों में गिर पड़ा।
'लाल उदयराज' की शक्ति से प्रभावित होकर ही मिरक शाह ने शां‍ति का रास्ता अपनाकर सर्वधर्म समभाव की भावना से कार्य किया और बादशाह ने बाद में उनके लिए एक भव्य मंदिर भी बनाकर दिया था।
Cheti Chand Festival: Sindhi Community के हिंदुओं, जिन्हें Sindhi Hindus कहा जाता है, उनके लिए Cheti Chand सबसे बड़ा पर्व है। भगवान Jhulelal का अवतरण इसी दिन हुआ था। जो भी 4 दिन तक विधि-विधान से भगवान Jhulelal की पूजा-अर्चना करता है, वह सभी दुःखों से दूर हो जाता है। कुछ लोग Jhulelal Chaliha Utsav मनाते हैं, अर्थात 40 दिन तक Vrat उपवास रखते हैं।
Jhulelal Samadhi Sthal: पाकिस्तान के Nasarpur में Jhulelal का प्रसिद्ध Samadhi Mandir है। हालांकि यह मंदिर अब Dargah के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। यहां दुनियाभर से लोग आकर माथा टेकते हैं और अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं। इन्हें मुस्लिम लोग 'Jinda Peer' और हिंदू लोग 'Prabhu Lal Sai' कहते हैं।
झूले झूले झूले झूलुलाल...
आयो लाल झुलेलाल.
लाल उदेरो रत्नाणी
करी भलायूं भाल....
आयो लाल झुलेलाल.
असीं निमाणा ऐब न आणा
दूला तूहेंजे दर तें वेकाणा
करीं भलायूं भाल...
आयो लाल झुलेलाल.
झूले झूले झूले झुलेलाल...

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