No festivals today or in the next 14 days. 🎉

बसंत पंचमी पर क्या है सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त और जानिए पूजा की विधि सामग्री एवं मंत्र सहित

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है। कहते हैं कि आदिशक्ति से इस दिन माता का अवतरण हुआ था। माता सरस्वती को वीणा वादिनी और शारदादेवी भी कहते हैं। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत उत्सव के रूप में मनाते हैं। इस बार 2 फरवरी 2025 रविवार के दिन यह उत्सव मनाया जाएगा।
बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त:-
प्रथम मुहूर्त: सुबह 07:09 से दोपहर 12:35 तक।
विशेष मुहूर्त: सुबह 09:17: से दोपहर12:35 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:13 से 12:57 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 07:09 से मध्यरात्रि 12:52 तक।
सरस्वती पूजा सामग्री:- पीले रंग के वस्त्र, एक लकड़ी की चौकी, चौकी में बिछाने के लिए पीले रंग का कपड़ा, पीले रंग के फूल और माला, सफेद चंदन, रोली, सिंदूर, आम का पत्ता, एक लोटा जल के लिए, एक पान, सुपारी, छोटी इलायची, लौंग, तुलसी दल, हल्दी, बेसन के लड्डू, बूंदी, मोतीचूर के लड्डू, मालपुआ, केसर की खीर, केसर का हलवा कलावा या मौली, घी का दीपक, अगरबत्ती, बसंत पंचमी हवन करना हो तो उसके लिए अलग से सामग्री लाना होगी।
मां सरस्वती की पूजा विधि:
- इस दिन श्री गणेश जी की पूजा के बाद कलश स्थापना कर देवी सरस्वती का पूजन आरंभ करने का नियम है।
- माता सरस्वती की पूजा पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से करनी चाहिए।
- स्नान से निवृत्त होकर स्वच्छ केशरिया, पीले, वासंती या सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को साफ करके वहां चावल की एक ढेरी रखें।
- चावल की ढेरी के उपाय पाट या लाल कपड़ा बिछाएं।
- मां सरस्वती के चित्र या मूर्ति को पाट पर विराजमान करें।
- पाट के आगे रंगोली बनाएं।
- फूलों से मां सरस्वती पूजन स्थल का श्रृंगार करें।
- पीले रंग के चावल से ॐ लिखकर पूजन करें।
मां सरस्वती जी के पूजा के समय यह श्‍लोक पढ़ें-
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।। कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।। रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।। वन्दे भक्तया वन्दिता च मुनींद्रमनुमानवै:।
- सबसे पहले देवी सरस्वती जी को स्नान कराएं, तपश्चात माता सरस्वती को सिंदूर और अन्य श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
- अब सफेद पुष्प, चंदन, श्वेत वस्त्रादि से देवी सरस्वती का पूजन करें। अब फूल माला चढ़ाएं।
- पूजन के समय आम्र मंजरी देवी सरस्वती को अर्पित करें।
- मंत्र- 'श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा' से देवी सरस्वती की आराधना करें।
- पीली मिठाई या वासंती रंग के व्यंजनों या वासंती खीर या केशरिया भात का भोग लगाएं।
- देवीसरस्वती कवच का पाठ करें।
- यदि आप अध्ययन से संबंधित कार्य करते हैं तो देवी सरस्वती को विद्या की सामग्री, ब्रश, कलम, किताब, नोटबुक आदि समस्त चीजों का पूजन करें।
- यदि आप संगीत के क्षेत्र में हैं तो वाद्य यंत्रों का पूजन करें।
- शारदा माता ईश्वरी, मैं नित सुमरि तोहे, हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोहे इस सरल प्रार्थना को पढ़ें।
- अंत में आरती के बाद प्रसाद वितरण करें।
सरस्वती मंत्र- vasant panchami mantra
1. माता सरस्वती का एकाक्षरी बीज मंत्र- 'ऐं'।
2. 'सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:। वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।।
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने। विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।'
3. ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
4. 'ऎं ह्रीं श्रीं वाग्वादिनी सरस्वती देवी मम जिव्हायां। सर्व विद्यां देही दापय-दापय स्वाहा।'
5. ॐ ऐं वाग्दैव्यै विद्महे कामराजाय धीमही तन्नो देवी प्रचोदयात।
6. ॐ वद् वद् वाग्वादिनी स्वाहा।
7. 'ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।'

Related Blogs

Narayaniyam Dashaka 75 (नारायणीयं दशक 75)

नारायणीयं दशक 75 भगवान नारायण की महिमा का वर्णन करता है और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करता है।
Narayaniyam-Dashaka

Shri Ram Mantra (श्री राम मंत्र)

भगवान श्रीराम के मंत्रों का जाप करने से मनचाही कामना पूरी होती है। साधारण से दिखने वाले इन मंत्रों में जो शक्ति छिपी हुई है, वह हर कोई नहीं पहचान सकता। अत: प्रभु श्रीराम के इन 5 सरल मंत्रों का जाप आपके जीवन को परेशानियों से उबार सकता है। इतना ही नहीं, ये मंत्र अपार धन-संपदा की प्राप्ति भी कराते हैं।
Mantra

Shri Ganesh Ji Arti (1) (श्री गणेश जी कीआरती)

Lord Ganesh, जिन्हें Vighnaharta, Siddhidata, और God of Beginnings के रूप में जाना जाता है, उनकी आरती में Ganpati Bappa की शक्ति, बुद्धि, और समृद्धि का गुणगान किया गया है। Ganesh Aarti का पाठ करने से जीवन में obstacles समाप्त होते हैं और peace, happiness, और success प्राप्त होती है।
Arti

Maa Tara Dhayan mantra (माँ तारा ध्यान मंत्र )

माँ तारा ध्यान मंत्र देवी तारा की ध्यान और साधना से जुड़ा एक शक्तिशाली मंत्र है, जो मानसिक शांति, दिव्य आशीर्वाद और संकटों से मुक्ति के लिए जाप किया जाता है। इस मंत्र के द्वारा भक्त देवी तारा की कृपा प्राप्त करते हुए आत्मिक शांति, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं।
Dhayan-Mantra

Shri Pitar Chalisa (श्री पितर चालीसा)

श्री पितर चालीसा एक भक्ति गीत है जो श्री पितर पर आधारित है। पितर को पितृ, यानी परिवार के पूर्वजों के रूप में पूजा जाता है। Shradh mantra for ancestors का जाप पितरों को संतुष्ट करता है और परिवार में शांति एवं समृद्धि लाता है। श्राद्ध पक्ष के दौरान पितर चालीसा का पाठ करना ancestral blessings प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका है।
Chalisa

Maa Tara mantra (तारामन्त्र)

माँ तारा मंत्र देवी तारा की आराधना के लिए एक शक्तिशाली मंत्र है, जो विशेष रूप से संकटों से मुक्ति, मानसिक शांति और दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह मंत्र भक्तों को तात्कालिक सहायता, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करने में सहायक होता है।
Mantra

Shri Laxmi Chalisa (श्री लक्ष्मी चालीसा)

लक्ष्मी चालीसा एक भक्ति गीत है जो माँ लक्ष्मी पर आधारित है। माँ लक्ष्मी को wealth goddess, prosperity giver, और Dhan Lakshmi कहा जाता है। Lakshmi mantra for money जैसे "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः" का जाप चालीसा के साथ करने से financial stability और abundance प्राप्त होती है।
Chalisa

Bhagavad Gita seventh chapter (भगवद गीता सातवाँ अध्याय)

भगवद गीता सातवां अध्याय "ज्ञान-विज्ञान योग" के नाम से जाना जाता है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण ज्ञान (सिद्धांत) और विज्ञान (व्यावहारिक अनुभव) के महत्व को समझाते हैं। वे कहते हैं कि सभी प्रकृति और जीव उनके ही अंश हैं। यह अध्याय "भक्ति", "ज्ञान", और "प्रकृति और पुरुष" के संबंध को विस्तार से समझाता है।
Bhagwat-Gita

Today Panchang

07 November 2025 (Friday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala