No festivals today or in the next 14 days. 🎉

Ravidas jayanti 2025: गुरु रविदास जयन्ती कब है, जानिए उनके बारे में 5 रोचक बातें

प्रतिवर्ष Magh Maas Ki Purnima के दिन Guru Ravidas Jayanti मनाई जाती है। इस बार English Calendar के अनुसार 12 February 2025, Wednesday को यह जयंती मनाई जाएगी। Sant Ravidas का जन्म Magh Purnima को 1376 CE में हुआ था। उनका जन्म Uttar Pradesh, Varanasi के Govardhanpur Village में हुआ था। Shri Ram Bhakt Ravidas Ji Chamar Samaj से होने के कारण Shoemaking Profession से जुड़े थे। ऐसा करने में उन्हें बहुत खुशी मिलती थी और वे पूरी लगन तथा परिश्रम से अपना कार्य करते थे।
क्यों मनाते हैं Ravidas Jayanti
Sant Ravidas एक महान Spiritual Guru थे। उनके काल में हजारों शिष्य थे और आज उनके लाखों अनुयायी हैं। उनके अनुयायी Holy Rivers Snan कर उन्हें याद करते हैं। इसके बाद वे उनके जीवन से जुड़ी Great Events और Miracles को याद करके प्रेरणा लेते हैं। समाज में Unity बनी रहे और लोग Caste System को भूलकर एक रहें, इसलिए उनके भक्त Birthplace और Samadhi Sthal पर एकत्रित होकर Jayanti Celebration करते हैं।
1. Sant Ravidas के गुरु Swami Ramanand
Sant Ravidas Ji बचपन से ही Bhakti Movement में लीन रहते थे। कहते हैं कि उनकी प्रतिभा को जानकर Swami Ramanand ने उन्हें अपना Disciple बनाया। Swami Ramanandacharya Vaishnav Bhakti Dhara के महान Saint थे। Sant Kabir, Sant Pipa, Sant Dhanna और Sant Ravidas उनके शिष्य थे। Sant Kabir ने 'Santan Mein Ravidas' कहकर इन्हें मान्यता दी है।
2. Mirabai थी उनकी शिष्या
Rajasthan की Krishna Bhakt Poetess Mirabai की Sant Ravidas से मुलाकात का कोई आधिकारिक विवरण नहीं मिलता, लेकिन कहते हैं कि Mirabai Ke Guru Ravidas Ji ही थे। संत रविदास ने कई बार Mirabai Ki Jaan Bachayi थी।
मीराबाई के एक पद से उनके गुरु का पता चलता है:-
‘गुरु मिलिआ संत गुरु रविदास जी, दीन्ही ज्ञान की गुटकी.’
‘मीरा सत गुरु देव की करै वंदा आस.
जिन चेतन आतम कहया धन भगवन रैदास..’
3. कैसे पड़ा नाम Ravidas?
कहते हैं कि Magh Purnima को जब Sant Ravidas Ji का जन्म हुआ, वह Sunday था, इसलिए इनका नाम Ravidas रखा गया। Punjab में इन्हें Ravidas कहा जाता है, जबकि Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Rajasthan में Raidas नाम से जाना जाता है। Gujarat, Maharashtra में Rohidas और West Bengal में Ruidas कहते हैं। कुछ Ancient Manuscripts में इन्हें Rayadas, Redas, Remdas, Raudas के नाम से भी जाना जाता है।
4. Guru Granth Sahib में शामिल पद
Sant Ravidas ने अपनी Poetry के लिए Braj Bhasha का उपयोग किया है। इसमें Awadhi, Rajasthani, Khari Boli और Urdu-Farsi Words का भी मिश्रण है। Sant Ravidas Ke Lagbhag 40 Pad Sikh Religion के पवित्र ग्रंथ Guru Granth Sahib में भी सम्मिलित किए गए हैं।
5. Sant Ravidas का Temple
Varanasi में Sant Ravidas का Grand Temple Aur Math स्थित है, जहां सभी जाति के लोग दर्शन के लिए आते हैं। Varanasi Mein Guru Ravidas Park भी है, जो Nagwa Area में उनके सम्मान में बनाया गया है। इसे Guru Ravidas Smarak Aur Park के नाम से जाना जाता है।

Related Blogs

Bhagavad Gita Eighth Chapter (भगवद गीता आठवां अध्याय)

भगवद गीता आठवां अध्याय "अक्षर ब्रह्म योग" के रूप में प्रसिद्ध है। इसमें श्रीकृष्ण मृत्यु, आत्मा, और परम ब्रह्म के रहस्यों को उजागर करते हैं। वे बताते हैं कि जो व्यक्ति अंतिम समय में ईश्वर का स्मरण करता है, वह उनके परम धाम को प्राप्त करता है। यह अध्याय "अक्षर ब्रह्म", "मोक्ष का मार्ग", और "ध्यान का महत्व" पर आधारित है।
Bhagwat-Gita

Bhagavad Gita Nineth Chapter (भगवद गीता नौवाँ अध्याय)

भगवद गीता नौवां अध्याय "राज विद्या राज गुह्य योग" कहलाता है। इसमें श्रीकृष्ण भक्ति के महत्व को बताते हैं और इसे सबसे गोपनीय ज्ञान कहते हैं। वे यह भी समझाते हैं कि जो व्यक्ति ईश्वर में पूर्ण विश्वास रखता है, वह उनके विशेष कृपा का पात्र बनता है। यह अध्याय "भक्ति योग", "ईश्वर की कृपा", और "गुप्त ज्ञान" को उजागर करता है।
Bhagwat-Gita

Shri Meenakshi Stuti (श्री मीनाक्षी स्तुति)

Shri Meenakshi Stuti देवी मीनाक्षी की महिमा का वर्णन करती है, जो "Goddess of Power" और "Divine Protector" के रूप में पूजित हैं। यह स्तुति विशेष रूप से मीनाक्षी देवी के सौंदर्य, शक्ति और उनके "Divine Grace" को प्रणाम करती है। देवी मीनाक्षी को "Supreme Goddess" और "Goddess of Knowledge" के रूप में भी जाना जाता है, जो भक्तों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि प्रदान करती हैं। Shri Meenakshi Stuti का पाठ "Goddess Meenakshi Prayer" और "Spiritual Power Hymn" के रूप में किया जाता है। इसके जाप से व्यक्ति के जीवन में "Divine Protection" और "Inner Peace" का संचार होता है। यह स्तोत्र "Blessings for Prosperity" और "Mental Strength Prayer" के रूप में भी प्रभावी है। इसका नियमित पाठ भक्तों को "Positive Energy" और "Spiritual Awakening" प्रदान करता है। Shri Meenakshi Stuti को "Divine Feminine Energy Chant" और "Goddess Meenakshi Blessings" के रूप में पढ़ने से जीवन में हर बाधा दूर होती है।
Stuti

Shri Vishwakarma Chalisha (श्री विश्वकर्मा चालीसा)

विश्वकर्मा चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान विश्वकर्मा पर आधारित है। हिंदू धर्म में Lord Vishwakarma को सृजन और निर्माण का देवता माना जाता है। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने से creativity और innovation में वृद्धि होती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो engineering, architecture, या अन्य तकनीकी क्षेत्रों में काम करते हैं।
Chalisa

Shri Krishna Ashtakam Stotra (श्रीकृष्णाष्टकम्)

Shri krishna Ashtakam: श्रीरीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। पुराणों के अनुसार इनका जन्म द्वापर युग में माना गया है। भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए लोग उनकी पूजा करते है उन्हे माखन खिलाते है। इन्हे श्रीकृष्ण अष्टकम् का पाठ करके भी प्रसन्न किया जा सकता है। रोज श्रीकृष्ण अष्टकम पढ़ने पर विशेष पुण्य लाभ मिलता है। भगवान के इस पाठ को करने वाले मनुष्य का जीवन में कभी कोई कार्य नहीं रुकता और उसे हमेशा विजय की प्राप्ति होती है। नियमित रूप से यदि कोई व्यक्ति श्रीकृष्ण अष्टक का पाठ करता है तो भगवान उस पर अपनी कृपा दृष्टी बनाएं रखते है और वह हमेशा विजयी रहता है।
Stotra

Shri Shiv Sukti (श्री शिव सूक्ति)

श्री शिव सुक्ति एक दिव्य ग्रंथ है जो महादेव (Supreme God) की महिमा और उनकी अलौकिक शक्ति (Divine Power) का वर्णन करता है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों, उनकी कृपा, और उनके सृष्टि संचालन (Cosmic Creation) के महत्व को दर्शाया गया है। शिव को "योगेश्वर" (Master of Yoga) और आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual Wisdom) के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ शिव की स्तुति, मंत्रों (Mantras), और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति को आत्मिक शांति (Inner Peace) और मुक्ति (Liberation) प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है। शिव भक्तों (Devotees) के लिए यह ग्रंथ एक प्रेरणास्त्रोत (Source of Inspiration) है, जो उन्हें शिव की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करता है। इसमें शिवलिंग (Shivling) की पूजा, रुद्राक्ष (Rudraksha) के महत्व, और शिव भक्ति (Devotion) के प्रभाव को सरल और प्रभावशाली तरीके से बताया गया है। श्री शिव सुक्ति का संदेश हर युग में प्रासंगिक है और यह शिव के प्रति आस्था (Faith) और धर्म (Righteousness) के मार्ग को प्रेरित करता है।
Sukti

Shri Jagannath Ashtakam (श्री जगन्नाथाष्टकम्)

Shri Jagannath Ashtakam (श्री जगन्नाथाष्टकम्) की रचना Adi Shankaracharya ने Lord Jagannath की स्तुति में की थी, जब वे Puri पहुंचे थे। यह one of the most important hymns मानी जाती है, जिसे Sri Chaitanya Mahaprabhu ने भी अपने Jagannath Temple visit के दौरान गाया था। ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति Shri Jagannath Ashtakam का श्रद्धा और भक्ति के साथ recitation करता है, तो वह sinless और pure-hearted हो जाता है और अंततः Vishnuloka को प्राप्त करता है। इस sacred Ashtakam के chanting से material existence की व्यर्थता समाप्त हो जाती है, और ocean of sins नष्ट हो जाता है। ऐसा निश्चित रूप से माना जाता है कि Lord Jagannath उन fallen souls पर अपनी divine grace बरसाते हैं, जिनका इस संसार में कोई shelter नहीं है, सिवाय उनके lotus feet के।
Ashtakam

Shri Dashavatar rupahari-Vandana (श्रीदशावतार रूपहरि-वन्दना)

श्री दशावतार रूपहारी वंदना भगवान विष्णु के दस दिव्य अवतारों की स्तुति है। इसमें मत्स्य से लेकर कल्कि तक सभी अवतारों की महिमा, उनके रूप और कार्यों का वर्णन किया गया है। यह वंदना भक्ति, धर्म और आदर्श जीवन मूल्यों की प्रेरणा देती है।
Vandana

Today Panchang

03 August 2025 (Sunday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala