No festivals today or in the next 14 days. 🎉

गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल

Chaitra Navratri 2025 Date: Chaitra Pratipada से Hindu New Year की शुरुआत होती है। इसी दिन से Chaitra Maas की Navratri भी प्रारंभ होती है। Chaitra Maas की Navratri 30 March 2025 Sunday से प्रारंभ होकर 6 April को इसका समापन होगा।
29 March 2025 को शाम 04:27 PM से Pratipada Tithi प्रारंभ होगी जो 30 March 2025 को 12:49 PM समाप्त होगी। Udaya Tithi के अनुसार Chaitra Navratri Pratipada 30 March को रहेगी।
8 Days Navratri: Chaitra Navratri इस बार 8 दिन की ही रहेगी। 6 April को Ram Navami के साथ ही इसका समापन हो जाएगा। 5 April को Ashtami और 6 April को Ram Navami रहेगी। Navratri का Paran यानी व्रत खोलना 7 April को सुबह रहेगा।
Gaja पर सवार होकर आ रही Mataji: Gaja यानी Elephant। इस बार Ambe Mata Elephant पर सवार होकर आ रही है। कहा जा रहा है कि इससे Varsha अच्छी होगी। यह Farmers के लिए शुभ है। Crop Production बढ़ेगा।
देश के Grain Reserves में बढ़ोतरी होगी। India में इससे Wealth और Prosperity बढ़ेगी। Inflation Control रहेगा। Mata की इस सवारी को Peace और Prosperity का प्रतीक भी माना जाता है।
Sadhana का काल: Chaitra Maas में कई लोग Tantra Sadhana भी कहते हैं। इस काल को Siddhis के लिए अच्छा काल माना जाता है। Sadhaks की मनोकामना पूर्ण होगी और उनके जीवन में Happiness और Prosperity आएगी।
इस दौरान Chandi Path, Durga Saptashati Path और Durga Ashtakam का Path करने से लाभ मिलता है।

Related Blogs

Krishna Sahasranama Stotram (कृष्ण सहस्रनाम स्तोत्रम्)

श्री कृष्ण सहस्त्रनाम का पाठ ऐसा पाठ है जिसे करने से मनुष्य भयंकर रोग से, हर प्रकार के कर्ज से, हर प्रकार की चिंता, अवसाद आदि से मुक्ति पा सकता है। श्री कृष्ण सहस्त्रनाम के पाठ से मनुष्य के घर-परिवार में शांति रहती है, शत्रु का नाश होता है, सौभाग्य में वृद्धि होती है, अपार धन-सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।
Sahasranama-Stotram

Shri Yamunashtakam Stotra (श्री यमुनाष्टकम् स्तोत्र)

पौराणिक अनुश्रुतियों के अनुसार, भुवनभास्कर सूर्य देवी यमुना के पिता, मृत्यु के देवता यम भाई और भगवान श्री कृष्ण देवी के परि स्वीकार्य किये गए हैं। जहां भगवान श्री कृष्ण ब्रज संस्कृति के जनक कहे जाते है, वहां देवी यमुना इसकी जननी मानी जाती हैं। इस प्रकार यह सच्चे अर्थों में ब्रजवासियों की माता है। देवी यमुना को प्रसन्न करने व उनका आशीर्वाद पाने के लिए यमुना नदी में स्नान करने के बाद श्री यमुनाष्टक स्तोत्र का पाठ किया जाता है। मान्यता है कि स्तोत्र का का पाठ करने से देवी यमुना जल्द प्रसन्न होती हैं, मनुष्य को आशीर्वाद प्राप्त होता है। श्री यमुनाष्टक स्तोत्र में 8 श्लोक हैं, जिनमें देवी यमुना की सुंदरता, उनकी शक्तियों के बारे में बताया गया है। स्तोत्र में देवी यमुना और श्रीकृष्ण के संबंध का भी वर्णन किया गया है।
Devi-Stotra

Laxmi Stuti (लक्ष्मी स्तुति)

लक्ष्मी स्तुति देवी लक्ष्मी (Lakshmi), जिन्हें "goddess of wealth" और "prosperity" कहा जाता है, की महिमा का गान करती है। यह स्तुति उन्हें "symbol of abundance" और "divine fortune" के रूप में वर्णित करती है। माता लक्ष्मी अपने भक्तों को "spiritual growth," "success," और "financial stability" का आशीर्वाद देती हैं। उनकी कृपा से जीवन में "peace," "harmony," और "divine blessings" की प्राप्ति होती है।
Stuti

Brahmanaspati Suktam (ब्रह्मणस्पति सूक्त)

आदिपुरुष भगवान् सदाशिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्रसूक्त के पाठ का विशेष महत्व है। भगवान शिव के पूजन में रुद्राभिषेक की परम्परा है, जिसमें रुद्रसूक्त का ही प्रमुखता से उच्चारण किया जाता है। रुद्राभिषेक के अन्तर्गत रुद्राष्टाध्यायी के पाठ में ग्यारह बार रुद्रसूक्त का उच्चारण करने पर ही पूर्ण रुद्राभिषेक माना जाता है। 'रुद्रसूक्त' आध्यात्मिक, आधिदैविक एवं आधिभौतिक- त्रिविध तापों से मुक्त कराने तथा अमृतत्व की ओर अग्रसर करने का अन्यतम उपाय है।
Sukt

Guru Stotram (गुरु स्तोत्रम्‌)

गुरु स्तोत्र (गुरु स्तुति): गुरु स्तोत्र, स्कंद पुराण में वर्णित गुरु गीता के 14 श्लोकों का संग्रह है। यह एक संवाद है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के बीच गुरु की महिमा पर आधारित है। गुरु स्तोत्र सतगुरु की स्तुति है।‘गु’ का अर्थ है अंधकार और ‘रु’ का अर्थ है उसे दूर करने वाला। गुरु वह है जो सत्य के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर हमें आत्मा का साक्षात्कार करवाते हैं। गुरु स्तोत्र उस सतगुरु की स्तुति है, जिन्होंने हमें आत्मज्ञान का दर्शन कराया है। यह गुरु और भगवान के प्रति आभार व्यक्त करने का माध्यम है, जिन्होंने हमारे जीवन में मार्गदर्शन के लिए एक गुरु का आशीर्वाद दिया। यदि हमारे पास अभी तक गुरु नहीं है, तो गुरु स्तोत्र का जाप भगवान से यह प्रार्थना है कि हमें सतगुरु का मार्गदर्शन प्राप्त हो। जब हमारी प्रार्थना सच्ची होती है, तो भगवान हमारी ओर गुरु को भेजते हैं। गुरु स्तोत्र का जाप हमारे गुरु भक्ति को विकसित और सुदृढ़ करता है। हमें अपने गुरु के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए और गुरु से भक्ति और समर्पण की प्रार्थना करनी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण है हमारा अपना आत्म प्रयास। हमें अपने मन को शुद्ध करते रहना चाहिए। जब हम एक सच्चे गुरु के योग्य बन जाते हैं, तो वे स्वयं हमारे पास आ जाते हैं। गुरु स्तोत्र का जाप हमारा आत्म प्रयास है।
Stotra

Vishnu Sahasranama Stotram (विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम्)

विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम् भगवान Vishnu के 1000 divine names का संग्रह है, जो उनकी महिमा और eternal power को दर्शाता है। इसे Hindu scriptures में सबसे powerful और sacred chants माना गया है। इस स्तोत्र के पाठ से भक्तों को peace, prosperity और spiritual enlightenment प्राप्त होता है। Lord Vishnu की स्तुति troubles, negativity और karmic obstacles को दूर करती है। यह स्तोत्र life में positivity, divine blessings और protection का मार्ग प्रशस्त करता है।
Sahasranama-Stotram

Shri Ram Ashtakam (श्री राम अष्टकम्)

Shri Ram Ashtakam (श्री राम अष्टकम): श्री राम अष्टकम Lord Shri Ram को समर्पित है। Shri Ram Ashtakam की रचना Maharishi Vyasa ने की थी। इसमें Shri Vyasa Ji ने Lord Shri Ram का बहुत सुंदर वर्णन किया है। Shri Ram Ashtakam Sanskrit Language में लिखा गया है। यह Vyasa Muni की एक अद्भुत रचना है। Vyasa Muni इस Shri Ram Ashtakam में कहते हैं कि वे Lord Shri Ram की Worship करते हैं, क्योंकि Shri Ram अपने Devotees के सभी Sins को नष्ट कर देते हैं। Lord Ram हमेशा अपने Devotees को Blissful करते हैं। वे अपने Devotees' Fear को दूर करते हैं। वे True Knowledge के Giver हैं और हमेशा अपने Devotees को Blessings देते हैं। यह Shri Ram Ashtakam का संक्षिप्त अर्थ है। Shri Ram Lord Vishnu के Avatar हैं, जो Ravana के Destruction के लिए Earth पर आए थे। Hindu Tradition में, Lord Ram को Maryada Purushottam माना जाता है, जो Ideal Man हैं और जो Humanity's Perfection का Example प्रस्तुत करते हैं। Lord Krishna के साथ, वे Lord Vishnu के सबसे महत्वपूर्ण Avatars में से एक माने जाते हैं। Lord Vishnu को Dharma's Preserver और Hindu Trimurti का एक प्रमुख अंग माना जाता है। Rama-Centric Sects में, उन्हें Avatar के बजाय Supreme Being माना जाता है। वे Righteousness और Truthful Living के प्रतीक हैं। इसके अतिरिक्त, Lord Ram के दो अर्थ हैं – 1. वह जिन्होंने अपनी इच्छा से दशरथ पुत्र श्रीराम का मोहक रूप धारण किया। 2. Supreme Brahman, जो अनंत Blissful Spiritual Self हैं, जिनमें Yogis तल्लीन रहते हैं। Rishi Vyasa इस Shri Ram Ashtakam में कहते हैं कि वे Lord Ram की Worship करते हैं क्योंकि Shri Ram अपने Devotees' Sins को दूर कर देते हैं। Shri Ram हमेशा अपने Devotees को Happiness प्रदान करते हैं। वे अपने Devotees' Fear को नष्ट करते हैं। Lord Ram's Teachings हमें यह स्मरण कराती हैं कि Happiness and Sorrow, Fear and Anger, Gain and Loss, Life and Death – ये सभी Destiny के अधीन हैं। Shri Ram's Life and Journey हमें सिखाते हैं कि कैसे कठिनतम परिस्थितियों में भी Dharma का पालन करना चाहिए। वे Ideal Man और Perfect Human के रूप में चित्रित किए जाते हैं। Lord Ram ने अपने Gurus से अनेक Spiritual Practices (Sadhanas) सीखी थीं। उन्होंने हमें यह सिखाया कि हमें अपने जीवन के हर क्षेत्र में Dharma और Guru का अनुसरण करना चाहिए।
Ashtakam

Shri Sita Kavacham (श्री सीता कवचम्)

श्री सीता कवचम् एक अद्भुत वैदिक स्तोत्र है, जो देवी सीता की महिमा और सुरक्षा प्रदान करने वाले गुणों का वर्णन करता है। यह कवच भगवान श्रीराम की परम प्रिया और त्याग, धैर्य, एवं निष्ठा की प्रतीक माता सीता की स्तुति करता है। यह कवच भक्तों को देवी सीता के समान साहस और धैर्य प्रदान करने में सहायक है। यह स्तोत्र उनके आशीर्वाद के साथ जीवन में सफलता, शांति और समृद्धि लाने की शक्ति रखता है। इस कवच का पाठ जीवन में "positivity", "spiritual growth" और "divine blessings" लाने के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। "Protection mantra", "Hindu scriptures", और "devotional hymns" जैसे विषयों से जुड़ने वाले पाठकों के लिए यह कवच अत्यंत प्रभावी है।
Kavacha

Today Panchang

07 November 2025 (Friday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala