No festivals today or in the next 14 days. 🎉

नवरात्रि में भूल कर भी ना करें ये गलतियां, माता के कोप से अनिष्ट का बनती हैं कारण

Chaitra Navratri vrat mistakes: नवरात्रि, Maa Durga Puja का विशेष समय है, जहाँ भक्त उनकी कृपा पाने के लिए नौ दिनों तक उनकी worship करते हैं। इन दिनों में माता के 9 रूपों की विधिवत prayer करने से माता अपने भक्तों पर विशेष कृपा बनाए रखती हैं और उनसे प्रसन्न होती हैं। वहीं कुछ ऐसे कर्म भी हैं जिनसे बचना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि इन्हें करने से Goddess Durga अप्रसन्न हो सकती हैं।
नवरात्रि में भूल कर भी नहीं करना चाहिए ये काम
-Hungry person को भोजन न कराना: नवरात्रि में poor and needy को भोजन कराना पुण्य का काम माना जाता है। भूखे को भोजन न कराना bad luck का कारण बन सकता है।
-Water, food आदि चीजों को व्यर्थ बर्बादी: Food and water wastage करना देवी Annapurna का अपमान माना जाता है, जिससे घर में poverty आती है।
-Poor or labor exploitation: नवरात्रि में किसी भी weak or poor person को सताना देवी माँ की anger का कारण बनता है।
-Animal cruelty: Animals and birds को सताना पाप माना जाता है और इससे negative energy उत्पन्न होती है।
-Disrespect of Kanya (girls): नवरात्रि में young girls को Goddess Durga form माना जाता है, इसलिए उनका सम्मान करना आवश्यक है। उनका अपमान करने से Maa Durga क्रोधित हो सकती हैं।
इन कार्यों से बचकर नवरात्रि में Maa Durga blessings प्राप्त की जा सकती है।

Related Blogs

Narayaniyam Dashaka 16 (नारायणीयं दशक 16)

नारायणीयं दशक 16 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।
Narayaniyam-Dashaka

Narayaniyam Dashaka 83 (नारायणीयं दशक 83)

नारायणीयं का तिरासीवां दशक भगवान विष्णु के अनंत महिमा और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है। इस दशक में भगवान की दिव्यता और उनकी लीला का गुणगान किया गया है। भक्त भगवान की महिमा और उनकी असीम कृपा का अनुभव करते हैं।
Narayaniyam-Dashaka

Shri Krishna Ashtottara Sata Nama Stotram (श्री कृष्ण अष्टोत्तर शतनामस्तोत्रम्)

श्री कृष्ण अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् (Shri Krishna Ashtottara Sata Nama Stotram) भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) के 108 पवित्र नामों का वर्णन करता है, जो भक्तों (devotees) को सुख, शांति और समृद्धि (happiness, peace, and prosperity) प्रदान करता है। यह स्तोत्रम् असुर शक्तियों (evil forces) से बचाने और नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) को दूर करने में सहायक है। गोविंद, मुकुंद, माधव (Govinda, Mukunda, Madhava) जैसे पवित्र नामों का जप करने से आध्यात्मिक उन्नति (spiritual growth) और पापों से मुक्ति (freedom from sins) प्राप्त होती है। यह ईश्वरीय अनुग्रह (divine grace) पाने और जीवन में सफलता (success in life) के लिए अत्यंत फलदायी है। श्री हरि विष्णु (Shri Hari Vishnu) के नाम स्मरण से कलियुग के दोषों (Kali Yuga Dosha) से मुक्ति मिलती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
Stotra

Dhanvantari Mantra (धन्वंतरी मंत्र)

धन्वंतरि मंत्र भगवान धन्वंतरि की स्तुति और ध्यान के लिए उपयोग किया जाता है, जो आयुर्वेद के देवता और स्वास्थ्य के संरक्षक माने जाते हैं। धन्वंतरि, जिन्हें "Health God" और "Ayurveda Healer" के रूप में भी जाना जाता है, विष्णु के अवतार हैं। मंत्र का उच्चारण शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ आत्मा को शांति प्रदान करता है। इस मंत्र का नियमित जाप तन और मन को शक्ति प्रदान करता है और व्यक्ति को रोगों से बचने की क्षमता देता है। इसे "Holistic Health God Prayer" के रूप में भी देखा जा सकता है। भगवान धन्वंतरि की पूजा से सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक जागरूकता को प्रोत्साहन मिलता है।
Mantra

Shri Durga Mata Stuti (श्री दुर्गा माता स्तुति)

Durga Stuti: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार तीनों काल को जानने वाले महर्षि वेद व्यास ने Maa Durga Stuti को लिखा था, उनकी Durga Stuti को Bhagavati Stotra नाम से जानते हैं। कहा जाता है कि महर्षि वेदव्यास ने अपनी Divine Vision से पहले ही देख लिया था कि Kaliyuga में Dharma का महत्व कम हो जाएगा। इस कारण Manushya नास्तिक, कर्तव्यहीन और अल्पायु हो जाएंगे। इसके कारण उन्होंने Veda का चार भागों में विभाजन भी कर दिया ताकि कम बुद्धि और कम स्मरण-शक्ति रखने वाले भी Vedas का अध्ययन कर सकें। इन चारों वेदों का नाम Rigveda, Yajurveda, Samaveda और Atharvaveda रखा। इसी कारण Vyasaji Ved Vyas के नाम से विख्यात हुए। उन्होंने ही Mahabharata की भी रचना की थी।
Stuti

Shri Shiva Mangalashtakam (श्री शिव मंगलाष्टकम्)

Shiva Mangalashtak एक Auspicious Stotra है जिसे Lord Shiva Worship के अंत में तब पढ़ा जाता है जब कोई भक्त कई Sacred Hymns का पाठ कर रहा होता है। Shiva Mangalashtak Chanting तब भी किया जाता है जब कई Devotional Songs गाए जा रहे हों या फिर कोई Auspicious Ceremony या Religious Rituals संपन्न हो रहे हों। Mangal Stotra में भक्त मूल रूप से Lord Shiva से Blessings for Prosperity and Well-being की कामना कर रहा होता है। Mangalam का अर्थ "Good Wishes" या "Prayers for a Positive Outcome" भी होता है।
Ashtakam

Shri Rama Pancharatna Stotram (श्री राम पञ्चरत्न स्तोत्रम्)

Shri Rama Pancharatna Stotram भगवान Lord Rama की पांच रत्नों जैसी स्तुति है, जो उनके Divine Qualities और Heroic Actions का बखान करती है। इस Sacred Stotra का Recitation करने से भक्तों को Spiritual Blessings, Protection, और Divine Grace प्राप्त होती है। Lord Rama Worship से जीवन में Peace, Prosperity, और Inner Strength आती है। यह Hindu Devotional Hymn व्यक्ति को Positive Energy और Spiritual Growth प्रदान करता है। Rama Bhakti के द्वारा भक्तों के पाप समाप्त होते हैं और Moksha की प्राप्ति होती है। Shri Rama Pancharatna Stotra का पाठ जीवन को एक नई दिशा और Divine Blessings देता है।
Stotra

Shri Kashi Vishwanath Stotram (श्री काशी विश्वनाथ स्तोत्रम्)

Shri Kashi Vishwanath Stotram भगवान Lord Shiva के काशी स्थित Vishwanath Temple में पूजा करने का एक महत्वपूर्ण Hindu Stotra है। यह Sacred Hymn भक्तों को Spiritual Enlightenment और Divine Blessings प्रदान करता है। इस स्तोत्र का Recitation करने से जीवन में Peace, Prosperity, and Protection मिलती है। Lord Vishwanath Worship से Negative Energy का नाश होता है और Positive Transformation होती है। काशी में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को Moksha की प्राप्ति होती है। यह Auspicious Stotra भक्तों को Spiritual Awakening और जीवन में Divine Grace प्रदान करता है।
Stotra

Today Panchang

07 November 2025 (Friday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala