No festivals today or in the next 14 days. 🎉

होली की अनजानी कथा : इलोजी और होलिका की प्रेम गाथा

Holika Dahan 2025 : धार्मिक शास्त्रों के अनुसार Holika Dahan festival का पर्व Vishnu bhakt Prahlad की कथा से जुड़ा है। Holika उनकी Bua थी और Hiranyakashipu उनके Pitaji थे। Holika को Brahmaji ने Agni se jalkar nahi marne का वरदान दिया था। इसी वरदान के चलते Holika ने Hiranyakashipu के कहने पर Bhakt Prahlad को अपनी Goad में बैठाकर Agni Kund में बैठ गई थीं।
हालांकि Varadan ke durupyog करने के चलते वे Agni Kund में जल गईं लेकिन Shri Hari की कृपा से Prahlad बच गए। इसी कारण सभी लोग Holika को Khalnayika मानते हैं, परंतु Holika ki apni ek dardbhari kahani भी है। आओ जानते हैं उसी कहानी को-
यह कहानी हमें Himachal ki Lok Katha में मिलती है। Janshruti के आधार पर यह माना जाता है कि Holika ki ek prem katha भी थी। उसे वहां पर एक Bebas Preyasi के तौर पर देखा जाता है, जो अपने Priyatam से मिलने के खातिर Maut ko gale लगा लेती है। Holika महान Asur Raja Hiranyakashipu की Behan थी और उसका विवाह Iloji से तय हुआ था और विवाह Purnima को तय हुआ था।
हालांकि उसी समय Hiranyakashipu अपने बेटे Prahlad ki Vishnu Bhakti से परेशान था। सभी उपाय करने के बाद भी वह उसे Maut ke ghat उतार नहीं पा रहा था। तब उसने Holika ke samne Prahlad ko Agni me jalaane का प्रस्ताव रखा, जिसे Holika ne manne se inkar कर दिया।
होलिका के इनकार करने के कारण हिरण्यकश्यप ने उसके विवाह में व्यवधान डालने की धमकी थी। आखिरकार मजबूर होकर होलिका ने भाई की बात मान ली और प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठने की बात स्वीकार कर ली। होलिका अग्नि की उपासक थी और उसे अग्नि का भय नहीं था। जिस दिन होलिका का विवाह होना था उसी दिन उसे यह कार्य भी करना था।
दूसरी ओर होलिका का जिससे विवाह हो रहा था, वह इन सभी बातों से अनजान था। उसका नाम इलोजी था और वह बारात लेकर आ रहा था। इधर मंडप सजा था और उधर होलिका प्रहलाद को जलाने के प्रयास में स्वयं जलकर भस्म हो गई। जब इलोजी बारात लेकर पहुंचा तब तक होलिका की देह खाक हो चुकी थी।
इलोजी यह सब देखकर बहुत दु:खी हुआ और वह यह सहन नहीं कर पाया और उन्होंने भी उसी अग्नि कुंड में कूद गया, लेकिन तब तक आग बुझ चुकी थी। अपना संतुलन खोकर वे राख और लकड़ियां लोगों पर फेंकने लगे। वह पागल जैसे हो गया और फिर इस अवस्था में उसने अपना पूरा जीवन गुजारा। आज भी होलिका-इलोजी की प्रेम कहानी हिमाचल प्रदेश के लोग गाकर याद रखते हैं।

Related Blogs

Shri Saraswati Chalisa (श्री सरस्वती चालीसा)

सरस्वती चालीसा माँ सरस्वती को समर्पित है। माँ सरस्वती को Goddess of Knowledge, Veena Vadini, और Vagdevi कहा जाता है। Saraswati mantra for students जैसे "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" का जाप सरस्वती चालीसा के साथ करने से विद्या और बुद्धि का विकास होता है।
Chalisa

Shri Vishnu Shat Nam Stotram (Vishnu Purana) (श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम्)

श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् भगवान विष्णु के 100 नामों की महिमा का वर्णन करता है, जो उनकी अनंत शक्ति और कृपा को दर्शाता है।
Stotra

Shri Kamalapati Ashtakam (श्री कमलापति अष्टकम् )

श्री कमलापति अष्टकम भगवान विष्णु के प्रसिद्ध अष्टकमों में से एक है । कमलापत्य अष्टकम् भगवान विष्णु की स्तुति में रचित और गाया गया है। यह एक प्रार्थना है जो विष्णु को समर्पित है। विष्णु हमें सच्चा मार्ग दिखाते हैं और उस माया को दूर करते हैं जिसमें हम जीते हैं। यह अष्टकम स्तोत्र है, जिसे यदि पूर्ण भक्ति के साथ पढ़ा जाए तो यह मोक्ष या अंतिम मुक्ति के मार्ग पर ले जाता है। कमलापत्य अष्टकम् भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे स्वामी ब्रह्मानंद द्वारा रचा गया है।
Ashtakam

Mrit Sanjeevani Kavach (मृत संजीवनी कवच)

मृतसंजीवनी स्त्रोत्र ऐसा माना जाता है कि इसे परमपिता ब्रह्मा के पुत्र महर्षि वशिष्ठ ने लिखा था। 30 श्लोकों का यह स्त्रोत्र भगवान शिव को समर्पित है और उनके कई अनजाने पहलुओं पर प्रकाश डालता है। जो कोई भी इस स्त्रोत्र का पूर्ण चित्त से पाठ करता है, उसे जीवन में किसी भी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता।
Kavacha

Ekakshara Ganapati Kavacham (एकाक्षर गणपति कवचम्)

एकाक्षर गणपति कवचम्: एकाक्षर गणपति कवचम् भगवान गणेश की दिव्य उपस्थिति और सुरक्षा को बुलाने वाला एक शक्तिशाली कवच है। यह कवच एक अक्षर की शक्ति के साथ गणपति की महिमा को समाहित करता है, जो उनकी कृपा और संरक्षण प्रदान करता है। गणेश पूजा और एकाक्षर गणपति कवचम् का संगम: गणेश पूजा में एकाक्षर गणपति कवचम् का समावेश एक दिव्य संगति उत्पन्न करता है। यह पूजा में गणपति के आशीर्वाद और सुरक्षा ऊर्जा को आमंत्रित करने का प्रभावशाली माध्यम बनता है। इस कवच का पाठ गणपति की कृपा को प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है, जिससे पूजा अधिक शुभ और फलदायक हो जाती है।
Kavacha

Durga Saptashati Chapter 5 (दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं

दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला पाँचवा अध्याय है।
Durga-Saptashati-Sanskrit

Shri Devi Vandana (श्री देवी-वन्दना)

श्री देवी वंदना में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की स्तुति की जाती है। यह वंदना माँ के शक्ति, ज्ञान, करुणा और रक्षा करने वाले गुणों का गुणगान करती है। Goddess Durga, जिन्हें Jagat Janani, Adishakti, और Mahamaya के रूप में पूजा जाता है, उनके अनंत स्वरूप भक्तों को संकटों से मुक्ति और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
Vandana

Alabhya Gayatri Kavacham (अलभ्य श्री गायत्री कवचम्)

अलभ्य श्री गायत्री कवचम् एक दिव्य spiritual armor है, जो माता Goddess Gayatri की कृपा से साधक को अद्भुत protection and wisdom प्रदान करता है। इस sacred kavach का पाठ करने से साधक को divine blessings प्राप्त होती हैं और वह हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रहता है। यह powerful mantra मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति और positive energy को बढ़ाने में सहायक है। श्री Gayatri Kavacham का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को success, prosperity और spiritual growth प्राप्त होती है। जो व्यक्ति अपने जीवन में knowledge, intelligence और आत्मिक बल चाहता है, उसके लिए यह sacred shield अत्यंत प्रभावशाली है। यह divine armor व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है तथा उसे peace, happiness और समृद्धि की ओर अग्रसर करता है। Goddess Gayatri की कृपा से व्यक्ति के भीतर clarity of mind आती है और वह अपने जीवन के सही मार्ग को पहचानने में सक्षम होता है।
Kavacha

Today Panchang

03 August 2025 (Sunday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala