No festivals today or in the next 14 days. 🎉

महानंदा नवमी कैसे मनाई जाती है? जानें पूजा विधि, महत्व और पौराणिक कथा

Mahananda Navami 2025: Mahananda Navami एक Hindu festival है जो Magh month के Shukla Paksha की Navami tithi को मनाया जाता है। यह पर्व विशेषकर North-East India, Odisha और West Bengal में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यतानुसार Mahananda Navami का पूजन Magh, Bhadrapada और Margashirsha month के Shukla Navami tithi पर किया जाता है।
Mahananda Navami का महत्व:
Mahananda Navami Vrat करने से व्यक्ति के जीवन में happiness, prosperity और peace आती है। यह vrat Devi Nanda को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक उत्तम तरीका है। यह festival Goddess Nanda को समर्पित है, जो Mata Parvati का ही एक रूप हैं। इस दिन, भक्त Goddess Nanda की पूजा करते हैं और उनसे blessings मांगते हैं। वर्ष 2025 में Mahananda Navami का त्योहार 06 February, Thursday को मनाया जाएगा।
Mahananda Navami Puja Vidhi:
• सुबह स्नान करें और clean clothes धारण करें।
• Puja स्थल को साफ करें और वहां एक chowki स्थापित करें।
• Chowki पर Goddess Nanda की मूर्ति या तस्वीर रखें।
• उन्हें flowers, fruits, sweets, dhoop और deep अर्पित करें।
• Goddess Nanda Mantra का जाप करें।
• Navami Katha पढ़ें या सुनें।
• Aarti करें।
• फिर सभी को prasad वितरित करें।
• गरीबों और जरूरतमंदों को daan करें।
• Vrat रखें।
Mahananda Navami Mantra: "ॐ नमो भगवते नन्दायै" तथा "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नन्दादेव्यै नम:" का अधिक से अधिक जाप करें।
Mahananda Navami Katha:
श्री Mahananda Navami Vrat Katha के अनुसार, एक समय की बात है कि एक sahukar की बेटी Peepal tree की पूजा करती थी। उस Peepal में Goddess Lakshmi का वास था। Mata Lakshmi ने साहूकार की बेटी से मित्रता कर ली। एक दिन Lakshmi Ji ने साहूकार की बेटी को अपने घर बुलाकर बहुत अच्छे से hospitality दी और ढेर सारे gifts दिए। जब वह लौटने लगी, तो Lakshmi Ji ने उसे पूछा कि तुम मुझे कब बुला रही हो?
अनमने भाव से उसने Lakshmi Ji को अपने घर आने का invitation तो दे दिया लेकिन वह उदास हो गई। जब साहूकार ने कारण पूछा, तो बेटी ने कहा कि Goddess Lakshmi के वैभव के आगे हमारे पास कुछ भी नहीं है, हम उनकी सेवा कैसे करेंगे? साहूकार ने समझाया कि हमें जो भी प्राप्त है, हमें उसी से उनकी सेवा करनी चाहिए।
बेटी ने चौका लगाया और diya जलाकर Goddess Lakshmi का नाम लेकर बैठ गई। तभी एक cheel नौलखा हार लेकर वहां डाल गया। उसे बेचकर बेटी ने golden thali, shawl, delicious food और golden chowki की तैयारी की।
थोड़ी देर बाद Goddess Lakshmi Lord Ganesha के साथ पधारीं और उसकी सेवा से प्रसन्न होकर उसे unlimited prosperity का आशीर्वाद दिया। इसलिए माना जाता है कि जो व्यक्ति Mahananda Navami के दिन Vrat रखकर Goddess Lakshmi Puja करता है, उसके घर स्थायी wealth and prosperity आती है। साथ ही bad luck और poverty का नाश होता है।

Related Blogs

Shri Raj Rajeshwari Ashtakam (श्री राज राजेश्वरी अष्टकम्)

श्री राज राजेश्वरी अष्टकम् ब्रह्मांड की परम देवी, देवी राज राजेश्वरी की स्तुति करने वाला एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है। इस अष्टकम का जाप करने से दिव्य कृपा, समृद्धि और आध्यात्मिक पूर्णता प्राप्त होती है।
Ashtakam

Shri Saraswati Kavacham (श्री सरस्वती कवचं)

Shri Saraswati Kavacham देवी सरस्वती की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है, जो "Goddess of Wisdom" और "Divine Knowledge" की देवी मानी जाती हैं। यह कवच विशेष रूप से "Protection from Ignorance" और "Goddess of Arts" की शक्तियों का आह्वान करता है, जो शारीरिक और मानसिक बल प्रदान करती हैं। यह कवच "Saraswati Devotional Hymn" और "Spiritual Knowledge Prayer" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके पाठ से जीवन में ज्ञान, रचनात्मकता और मानसिक शांति प्राप्त होती है। Shri Saraswati Kavacham को "Divine Protection Chant" और "Wisdom Mantra" के रूप में पढ़ने से व्यक्ति को "Inner Peace" और "Success in Learning" मिलता है।
Kavacha

Shri Govinda Ashtakam (श्री गोविन्द अष्टकम्)

श्रीमद भागवत के अनुसार Shri Krishna सर्वकष्ट विनाशी माने जाते है। अगर सच्चे मन से उनकी worship किया जाए और Shri Govinda Ashtakam का recitation किया जाए तो humans को कोई भी परेशानियों का सामना नही करना पड़ता है। Shri Govinda Ashtakam का chanting नियमित रूप से करने से Shri Krishna भगवान भी प्रसन्न हो जाते है और अपने devotees पर पूर्ण रूप से blessing बनाये रखते है। अगर practitioner सच्चे मन से Shri Govinda Ashtakam का recitation करता है तो उसके सारे sins धुल जाते है इस chanting को करने से human life की सभी प्रकार की diseases व suffering नष्ट होने लगते है। और positive energy जीवन में बनाये रखता है। Shri Govinda Ashtakam recitation को करने से desired wishes भी fulfilled होती है।
Ashtakam

Chatushloki Stotra (चतुःश्लोकी)

चतु:श्लोकी स्तोत्र (Chatushloki Stotra): यह चार श्लोक (श्लोक) भगवद पुराण के सम्पूर्ण सार को प्रस्तुत करते हैं। इन चार श्लोकों का प्रतिदिन श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ और श्रवण करने से व्यक्ति के अज्ञान और अहंकार का नाश होता है, और उसे आत्म-ज्ञान की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति इन श्लोकों का पाठ करता है, वह अपने पापों से मुक्त हो जाता है और अपने जीवन में सत्य मार्ग का अनुसरण करता है। यह स्तोत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन के वास्तविक उद्देश्य और उद्देश्य को जानने का भी मार्ग प्रशस्त करता है।
Stotra

Shri Durga Sahasranama Stotram (श्री दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम्)

दुर्गा सहस्रनाम देवी दुर्गा (Goddess Durga) के एक हजार नामों (1000 names) का संग्रह है। दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्र (Durga Sahasranama Stotra) वास्तव में एक ऐसा स्तोत्र (hymn) है, जिसमें देवी की महिमा का गुणगान (eulogizing) किया जाता है और उनके हजार नामों का पाठ (recitation) किया जाता है। नवरात्रि (Navaratri) के पावन अवसर पर, दुर्गा सहस्रनाम का श्रद्धा (devotion) और समर्पण (dedication) के साथ जप करने से देवी की कृपा (blessings) और वरदान (boons) प्राप्त होते हैं। दुर्गा सहस्रनाम में नामों को ऐसे क्रम में लिखा गया है कि कोई नाम दोहराया नहीं गया है। संस्कृत में "दुर्गा" का अर्थ है "जो समझ से परे (incomprehensible) या पहुंचने में कठिन (difficult to reach)" है। देवी दुर्गा शक्ति (Shakti) का ऐसा रूप हैं, जिनकी पूजा उनकी सौम्य (gracious) और उग्र (terrifying) दोनों रूपों में की जाती है। वह ब्रह्मांड (Universe) की माता हैं और अनंत शक्ति (infinite power) का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा का प्रकट होना उनके निराकार स्वरूप (formless essence) से होता है, और ये दोनों स्वरूप अभिन्न (inseparable) हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त देवी दुर्गा (Durga Sahasranama) की प्रार्थना (pray) करते हैं, वे शुरू में बाधाओं (obstacles) का सामना करते हैं, लेकिन समय के साथ, ये बाधाएं सूर्य की गर्मी से पिघलती हुई बर्फ की तरह समाप्त हो जाती हैं। मां दुर्गा सहस्रनाम की कृपा (grace) का वर्णन शब्दों से परे है।
Sahasranama-Stotram

Shri Shitalashtakam Stotram (श्री शीतला अष्टकम स्तोत्रम्)

श्री शीतलाष्टकम् स्तोत्रम् देवी Shitala Mata की स्तुति है, जो Hindu religion में disease healing और health goddess के रूप में पूजनीय हैं। इस स्तोत्र का पाठ smallpox और अन्य infectious diseases से protection पाने के लिए किया जाता है। इसे peace, prosperity और divine blessings प्राप्त करने का माध्यम माना गया है। Shitala Devi की पूजा से health, hygiene और spiritual energy का संचार होता है। यह स्तोत्र भक्तों को negativity से मुक्त कर सकारात्मकता प्रदान करता है।
Devi-Stotra

Shri Durga Saptashati 13 Chapter (श्री दुर्गा सप्तशती तेरहवाँ अध्याय)

दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का त्रयोदश अध्याय "सुरथ और वैश्य को वरदान" देने पर पर आधारित है।
Durga-Saptashati

Shri Shiva Ashtakam (श्री शिव अष्टकम्)

प्रस्तुत है परम कल्याणकारी शिवाष्टक स्तोत्र। प्रभुम प्राणनाथम विभुम भगवान शिव के सबसे प्रसिद्ध अष्टकम में से एक है । यह प्रसिद्ध अष्टकम भगवान शिव से संबंधित अधिकांश अवसरों पर सुनाया जाता है। तस्मै नमः परमंकारकरणाय भगवान शिव का एक और प्रसिद्ध अष्टकम है जो आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है ।
Ashtakam

Today Panchang

07 November 2025 (Friday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala