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नवरात्रि की तीसरी देवी मां चंद्रघंटा की कथा

Chandraghanta Ki Katha Story: पौराणिक कथा के अनुसार जब Demons (Daityas) Terror बढ़ने लगा, उस काल में Mahishasura's Fierce Battle देवताओं से हो रहा था। Mahishasura Devaloka Conquest करना चाहता था।
जब Deities (Devtas) को इसकी जानकारी मिली, वे Disturbed & Worried हो गए। सभी Gods (Brahma, Vishnu, Mahesh) के समक्ष पहुंचे। Brahma, Vishnu & Shiva’s Anger से Divine Energy (Shakti Udbhav) प्रकट हुई।
उस Energy (Tejas) से Goddess Chandraghanta Manifestation हुआ। Lord Shiva’s Trident (Trishul), Lord Vishnu’s Sudarshan Chakra, Lord Indra’s Bell (Ghanta), Sun God’s Radiance & Sword (Talwar), Lion (Singh) as Vahana प्रदान किए गए।
इसके बाद Maa Chandraghanta ने Mahishasura Demon Slaying कर Deities' Protection (Devata Raksha) की।

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Shri Krishna Ashtakam (श्री कृष्णाष्टकम्)

श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। पुराणों के अनुसार इनका जन्म द्वापर युग में माना गया है। भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए लोग उनकी पूजा करते है उन्हे माखन खिलाते है। इन्हे श्रीकृष्ण अष्टकम् का पाठ करके भी प्रसन्न किया जा सकता है। रोज श्रीकृष्ण अष्टकम पढ़ने पर विशेष पुण्य लाभ मिलता है। भगवान के इस पाठ को करने वाले मनुष्य का जीवन में कभी कोई कार्य नहीं रुकता और उसे हमेशा विजय की प्राप्ति होती है। नियमित रूप से यदि कोई व्यक्ति श्रीकृष्ण अष्टकम् का पाठ करता है तो भगवान उस पर अपनी कृपा दृष्टी बनाएं रखते है और वह हमेशा विजयी रहता है।
Ashtakam

Dhumavati(10 Mahavidya) (धूमावती)

धूमावती दस महाविद्याओं में छठी देवी हैं। वे विधवा स्वरूप में जानी जाती हैं और त्याग तथा वैराग्य का प्रतीक हैं। उनकी साधना अज्ञान और मोह को समाप्त करने के लिए की जाती है। धूमावती का स्वरूप धैर्य, त्याग, और आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है।
10-Mahavidya

Nanda Kumar Ashtkam (नंद कुमार अष्टकम्)

नंद कुमार अष्टकम् भगवान कृष्ण के बाल रूप की स्तुति करने वाला एक विशेष स्तोत्र है। यह स्तोत्र भक्तों को बाल कृष्ण की लीलाओं और उनकी महिमा का वर्णन करने में मदद करता है।
Ashtakam

Shri Ram Chalisa

राम चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान राम के जीवन, आदर्शों और गुणों पर आधारित है। यह 40 छन्दों से मिलकर बनी एक प्रसिद्ध प्रार्थना है। राम चालीसा का पाठ भगवान राम की कृपा पाने, शांति, सुख, और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए किया जाता है। इसे विशेष रूप से राम नवमी, दशहरा, दीपावली, और अन्य रामभक्त त्योहारों पर गाया जाता है। राम चालीसा का पाठ करने से भक्तों को श्रीरामचरितमानस, संपूर्ण रामायण, और हनुमान चालीसा के समान आध्यात्मिक लाभ मिलता है। यह भगवान राम के गुणों जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम, धैर्य, और त्याग को उजागर करता है। इस प्रार्थना को सुबह और शाम के समय, राम आरती, राम मंत्र जप, या राम कथा के साथ जोड़कर पाठ करना अत्यधिक शुभ माना गया है।
Chalisa

Bhagwan Shri Bholenath Arti (भगवान् श्री भोलेनाथ जी की आरती )

भगवान भोलेनाथ की आरती भगवान शिव की महिमा का गुणगान करती है। इसमें भोलेनाथ के सरल स्वभाव, दयालुता और उनकी शक्तियों का वर्णन किया गया है। Lord Shiva, जिन्हें Mahadev, Shankar, और Bholenath के नाम से भी जाना जाता है, के भक्त उनकी आरती गाकर दुखों का नाश, शांति, और मोक्ष की कामना करते हैं।
Arti

Shri Vishwakarma Chalisha (श्री विश्वकर्मा चालीसा)

विश्वकर्मा चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान विश्वकर्मा पर आधारित है। हिंदू धर्म में Lord Vishwakarma को सृजन और निर्माण का देवता माना जाता है। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने से creativity और innovation में वृद्धि होती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो engineering, architecture, या अन्य तकनीकी क्षेत्रों में काम करते हैं।
Chalisa

Bhagwan Shri Shankar Arti (भगवान् श्री शंकर की आरती )

जयति जयति जग-निवास भगवान शंकर की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। इसमें Shankar या Shiva, जिन्हें Lord of the Universe कहा जाता है, के प्रति असीम भक्ति और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है।
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Shri Surya Chalisa (श्री सूर्य चालीसा)

सूर्य चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान सूर्यदेव पर आधारित है। सूर्य देवता को source of energy, health, और prosperity का प्रतीक माना जाता है। इस चालीसा का पाठ करने से confidence बढ़ता है, और health issues से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। Surya Mantra chanting और सूर्य को अर्घ्य देने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
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