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Magh purnima 2025: पितृदोष से मुक्ति का सबसे बड़ा दिन माघ पूर्णिमा, मात्र 2 उपाय करें

Pitra Dosh Ke Upay: Magh Purnima के दिन स्वयं Shri Hari Vishnu Ganga Jal में निवास करते हैं। Magh Purnima पर Ganga Snan से Vishnu की कृपा मिलती है। यह दिन Pitra Dosh Nivaran के लिए सबसे खास माना गया है। वर्ष 2025 में 12 February, Wednesday को Magh Maas की Purnima मनाई जा रही है। इस Prayagraj Kumbh Mela में Maha Snan होगा। आप कहीं पर हों, इस दिन Pitra Dosh Mukti के लिए 2 अचूक उपाय करना न चूकें।
Mantra - "ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।"
1. Shiv Puja और Tarpan
सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर Surya Dev को अर्घ्य देने के पश्चात Pitra Tarpan नदी तट पर करें। इसके बाद Shiv Mandir में जाकर Shivling Puja करें। Ganga Jal, Kaccha Doodh, Kali Til, Safed Aakde ke Phool, Bilva Patra, Bhaang, और Dhatura अर्पित करें। इसके बाद Pitra Sukta, Gajendra Moksha, Pitra Stotra, Pitra Kavach का पाठ करें और Kapoor Aarti करें।
2. Deep Daan
Magh Purnima पर Nadi Tat पर या River में Deep Daan करने को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे Devi Devta Prasanna होते हैं और Punya की प्राप्ति होती है। इसी के साथ Pitra Dosh Mukti भी मिलती है। इस दिन Tulsi Ji के नीचे Ghee Ka Diya जलाने से Maa Lakshmi का आशीर्वाद प्राप्त होता है। Financial Problems दूर करने के लिए Magh Purnima के दिन 11 Kauri को Haldi Se Rangkar Mata Lakshmi को अर्पित करें और फिर इन्हें Lal Kapda में बांधकर Tijori में रख दें।

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लक्ष्मी नारायण कवच (Lakshmi Narayan Kavach) एक अत्यंत प्रभावशाली कवच है। इसका नियमित पाठ करने से साधक को Wealth, Prosperity और Good Health प्राप्त होती है, क्योंकि यह Goddess Lakshmi और Lord Narayana की कृपा को आकर्षित करता है। यदि कोई व्यक्ति अपने Business में लगातार Losses का सामना कर रहा है और कठिन Hard Work करने के बावजूद उसका Business सफल नहीं हो रहा, तो उसे अवश्य ही Lakshmi Narayan Kavach का पाठ करना चाहिए। यह व्यक्ति को Financial Stability दिलाने के साथ-साथ उसके व्यापार में Success और Growth प्रदान करता है। जो लोग आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं या Work Field में तरक्की नहीं मिल रही, उनके लिए यह कवच अत्यंत लाभकारी है। यह न केवल Money और Economic Progress को बढ़ावा देता है, बल्कि जीवन में Positivity भी लाता है। यदि किसी व्यक्ति का जीवन Tensions और Troubles से भरा हुआ है, और बार-बार Negative Thoughts मन में आते हैं, तो उसे इस कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे जीवन में Happiness और Success का संचार होता है।
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Vasudeva Stotram (Mahabharatam) (वासुदेव स्तोत्रम् (महाभारतम्))

Vasudeva Stotram भगवान Krishna की महिमा और कृपा का वर्णन करता है, जो "Lord of Universe" और "Supreme Protector" के रूप में पूजित हैं। इस स्तोत्र का पाठ भक्तों को भगवान की "Divine Grace" प्राप्त करने और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति पाने में सहायक होता है। इसमें भगवान Vasudeva के गुण, शक्ति और उनकी लीलाओं का विस्तार से उल्लेख किया गया है। यह स्तोत्र "Krishna Devotional Hymn" और "Divine Protector Prayer" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके नियमित पाठ से जीवन में शांति, सकारात्मकता और सफलता प्राप्त होती है। Vasudeva Stotram को "Spiritual Energy Chant" और "Hymn for Lord Krishna" के रूप में पढ़ने से भक्त का आत्मिक बल और विश्वास बढ़ता है।
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Saraswati Sahasranama Stotram (सरस्वती सहस्रनाम स्तोत्रम्)

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नर्मदा स्तुति माँ Narmada river की महिमा का गुणगान करती है, जो nature goddess के समान पूजनीय मानी जाती हैं। Hindu culture में, इसे Ganga और Yamuna जैसी sacred rivers की तरह revered किया गया है। यह स्तुति salvation प्राप्त करने, sins का नाश करने और peace व prosperity लाने का माध्यम है। माँ नर्मदा की पूजा divine energy और environmental protection की प्रेरणा देती है। उनकी महिमा से जीवन में positivity और blessings का संचार होता है।
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Shri Deenbandhu Ashtakam (श्री दीनबन्धु अष्टकम्)

Shri Deenbandhu Ashtakam (श्री दीनबन्धु अष्टकम्): श्री दीनबंधु अष्टकम् का नियमित पाठ करने से सभी दुख, दरिद्रता आदि दूर हो जाते हैं। सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। श्री दीनबंधु अष्टकम् को किसी भी शुक्ल पक्ष की पंचमी से शुरू करके अगले शुक्ल पक्ष तक प्रत्येक दिन चार मण्यों के साथ तुलसी की माला से दीप जलाकर करना चाहिए। दीनबंधु वह अष्टक है जो गरीबों की नम्रता को हराता है। इस स्तोत्र का पाठ तुलसी की माला से दीप जलाकर और अगले चंद्र मास के शुक्ल पक्ष से प्रारंभ करने से सभी प्रकार के दुख, दरिद्रता, और दुःख समाप्त होते हैं और हर प्रकार की सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। श्री दीनबंधु अष्टकम् उन भक्तों के लिए है जिन्होंने प्रपत्ति की है और प्रपन्न बन गए हैं, और साथ ही उन लोगों के लिए भी जो प्रपत्ति की इच्छा रखते हैं। भगवान की त्वरा (जल्दी से मदद करने की क्षमता) का उल्लेख पहले और आखिरी श्लोकों में किया गया है, जो संकट में फंसे लोगों की रक्षा के लिए है। इस अष्टकम् में, रचनाकार भगवान के ऐश्वर्य, मोक्ष-प्रदाता होने, आदि का उल्लेख करते हुए हमें भगवान के पास जाने की प्रेरणा देते हैं, और बताते हैं कि भगवान के अलावा किसी और से मोक्ष की प्राप्ति संभव नहीं है। यह एक ऐसा अष्टकम् है जिसमें पूर्ण आत्मसमर्पण (प्रपत्ति) और इसके प्रभाव को बहुत संक्षेप में आठ श्लोकों में प्रस्तुत किया गया है। पहले श्लोक में, रचनाकार हमारे जीवन की तुलना उस व्यक्ति से करते हैं जिसे हमारी इंद्रियां चारों ओर से हमला कर रही हैं और जो उन्हें अपनी ओर खींच रही हैं, जैसे कि वह किसी जंगली मगरमच्छ द्वारा खींचा जा रहा हो, और भगवान की कृपा और रक्षा की प्रार्थना करते हैं। दूसरे श्लोक में, रचनाकार हमें यह महसूस करने की आवश्यकता बताते हैं कि हम हमेशा भगवान के निर्भर हैं और हम उनसे स्वतंत्र नहीं हैं। यह प्रपत्ति के अंगों में से एक अंग है – कर्पण्य। जब हम प्रपत्ति के अंगों का पालन करते हैं, तब भगवान हमें अपने चरणों में समर्पण करने की इच्छा देते हैं, जो भगवान को प्राप्त करने का अगला कदम है। तीसरे श्लोक में, रचनाकार भगवान की महानता का गुणगान करते हैं, जो निम्नतम प्राणियों के साथ भी सहजता से मिल जाते हैं। हम सभी उनके द्वारा दी गई पाड़ा-पूजा की याद कर सकते हैं, जिसमें महालक्ष्मी जल का कलश लेकर उनके चरणों की पूजा करती हैं और फिर उस जल को भगवान और महालक्ष्मी के सिर पर छिड़कती हैं। इस प्रकार, प्रत्येक श्लोक में दीनबंधु की महानता का वर्णन किया गया है और इसके पाठ के प्रभावों का भी उल्लेख किया गया है।
Ashtakam

Shankaracharya Krit Shiva Ashtakam (शंकराचार्य कृत शिव अष्टकम्)

Shankaracharya Krit Shiva Ashtakam भगवान शिव की praise में रचित एक दिव्य stotra है, जो आठ श्लोकों में शिव के divine qualities और शक्ति का वर्णन करता है। यह chanting नियमित रूप से करने से spiritual enlightenment और blessings प्राप्त होती हैं। Shiva को संसार के सर्वोत्तम god और supreme power के रूप में पूजा जाता है। इस hymn का पाठ devotees को जीवन के troubles से मुक्ति और peace प्रदान करता है।
Ashtakam

Shri Govinda Ashtakam (श्री गोविन्द अष्टकम्)

श्रीमद भागवत के अनुसार Shri Krishna सर्वकष्ट विनाशी माने जाते है। अगर सच्चे मन से उनकी worship किया जाए और Shri Govinda Ashtakam का recitation किया जाए तो humans को कोई भी परेशानियों का सामना नही करना पड़ता है। Shri Govinda Ashtakam का chanting नियमित रूप से करने से Shri Krishna भगवान भी प्रसन्न हो जाते है और अपने devotees पर पूर्ण रूप से blessing बनाये रखते है। अगर practitioner सच्चे मन से Shri Govinda Ashtakam का recitation करता है तो उसके सारे sins धुल जाते है इस chanting को करने से human life की सभी प्रकार की diseases व suffering नष्ट होने लगते है। और positive energy जीवन में बनाये रखता है। Shri Govinda Ashtakam recitation को करने से desired wishes भी fulfilled होती है।
Ashtakam

Shri Shitalashtakam Stotram (श्री शीतला अष्टकम स्तोत्रम्)

श्री शीतलाष्टकम् स्तोत्रम् देवी Shitala Mata की स्तुति है, जो Hindu religion में disease healing और health goddess के रूप में पूजनीय हैं। इस स्तोत्र का पाठ smallpox और अन्य infectious diseases से protection पाने के लिए किया जाता है। इसे peace, prosperity और divine blessings प्राप्त करने का माध्यम माना गया है। Shitala Devi की पूजा से health, hygiene और spiritual energy का संचार होता है। यह स्तोत्र भक्तों को negativity से मुक्त कर सकारात्मकता प्रदान करता है।
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