No festivals today or in the next 14 days. 🎉

श्री हनुमान जी: शक्ति, भक्ति और पराक्रम के प्रतीक

श्री हनुमान जी: शक्ति, भक्ति और पराक्रम के प्रतीक
श्री हनुमान जी, जिन्हें बजरंगबली, पवनपुत्र और महावीर के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में अद्वितीय पराक्रम, भक्ति और शक्ति के प्रतीक हैं। वे भगवान शिव के रुद्रावतार और भगवान राम के अनन्य भक्त माने जाते हैं। हनुमान जी की पूजा और साधना से भक्तों को अद्वितीय शक्ति, साहस और भक्ति की प्राप्ति होती है।
हनुमान जी की पूजा का महत्व
हनुमान जी की पूजा करने से हमें उनके अद्वितीय गुणों और शक्तियों का आशीर्वाद मिलता है। वे वायु के देवता पवन के पुत्र हैं और उन्हें असीमित शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। हनुमान जी के भक्तों के लिए, वे संकटमोचक और अद्वितीय भक्ति के आदर्श हैं।
हनुमान जी की पूजा के लाभ
1. संकटों से मुक्ति: हनुमान जी को संकटमोचक माना जाता है, जो अपने भक्तों को जीवन की हर कठिनाई और संकट से मुक्ति दिलाते हैं।
2. शक्ति और साहस: हनुमान जी की पूजा से मानसिक और शारीरिक शक्ति की प्राप्ति होती है।
3. भक्ति और विश्वास: भगवान राम के प्रति हनुमान जी की अटूट भक्ति से हमें सच्ची भक्ति और विश्वास का आदर्श मिलता है।
4. स्वास्थ्य और समृद्धि: हनुमान जी की कृपा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और जीवन में समृद्धि आती है।
5. बुरी शक्तियों से रक्षा: हनुमान जी की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
6. विद्या और ज्ञान: हनुमान जी को ज्ञान के देवता भी माना जाता है, उनकी पूजा से विद्या और बुद्धि की वृद्धि होती है।
हनुमान जी से जुड़े प्रमुख मंदिर
1. हनुमानगढ़ी, अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित यह मंदिर हनुमान जी के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है।
2. महावीर मंदिर, पटना: बिहार की राजधानी पटना में स्थित यह मंदिर हनुमान जी के भक्तों के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल है।
3. हनुमान मंदिर, कंबोडिया: कंबोडिया के अंकोर वाट में स्थित हनुमान जी का यह मंदिर भी महत्वपूर्ण है।
4. हनुमान धारा, चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में स्थित यह स्थल हनुमान जी के भक्तों के लिए विशेष स्थान रखता है।
हनुमान जी से जुड़ी प्रमुख कथाएँ
1. सिंदूर कथा: एक बार माता सीता ने हनुमान जी से पूछा कि वे अपने पूरे शरीर पर सिंदूर क्यों लगाते हैं। हनुमान जी ने उत्तर दिया कि वे ऐसा इसलिए करते हैं ताकि भगवान राम की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि बनी रहे। इस कथा से हमें हनुमान जी की अटूट भक्ति का उदाहरण मिलता है।
2. लक्ष्मण मुर्छा कथा: जब लक्ष्मण जी युद्ध में मूर्छित हो गए थे, तब हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लाकर उन्हें पुनः जीवित किया। इस कथा से हनुमान जी की शक्ति और साहस का परिचय मिलता है।
3. रामसेतु निर्माण: रामायण में वर्णित कथा के अनुसार, हनुमान जी ने अपने बल और बुद्धि से रामसेतु का निर्माण किया ताकि भगवान राम और उनकी सेना लंका पहुंच सके।
हनुमान जी की पूजा और साधना विधि
1. स्नान और शुद्धिकरण: हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र को शुद्ध जल से स्नान कराएं और शुद्ध वस्त्र पहनाएं।
2. धूप और दीप: धूप और दीप जलाकर हनुमान जी की आरती करें।
3. नैवेद्य: हनुमान जी को मिष्ठान्न, फल, और अन्य शुद्ध खाद्य पदार्थ भोग के रूप में अर्पित करें।
4. मंत्र जाप: हनुमान जी के मंत्र का जाप करें और उनका ध्यान लगाएं।
5. हनुमान चालीसा: हनुमान चालीसा का पाठ करें, जो हनुमान जी की स्तुति और महिमा का वर्णन करता है।
हनुमान जी के प्रमुख मंत्र
1. मूल मंत्र: "ॐ हनुमंते नमः।"
2. हनुमान चालीसा: "श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि। बरनऊं रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥"
3. हनुमान अष्टक: "बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार॥"
हनुमान जी की साधना के लाभ
1. संकटों से मुक्ति: हनुमान जी की साधना से जीवन के सभी संकटों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
2. शक्ति और साहस: हनुमान जी की कृपा से अद्वितीय शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है।
3. भक्ति और विश्वास: हनुमान जी की साधना से सच्ची भक्ति और विश्वास का विकास होता है।
4. स्वास्थ्य और समृद्धि: हनुमान जी की कृपा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और जीवन में समृद्धि आती है।
5. विद्या और ज्ञान: हनुमान जी की साधना से विद्या और बुद्धि की वृद्धि होती है।
हनुमान जी की कृपा से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है, और हमें हर कठिनाई का सामना करने की शक्ति मिलती है। हनुमान जी की पूजा न केवल हमारे जीवन को बेहतर बनाती है, बल्कि हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में भी मदद करती है। भगवान हनुमान की भक्ति से हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और हम आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं।

Related Blogs

Padmavati Stotram (पद्मावती स्तोत्रं)

पद्मावती स्तोत्रं: यह स्तोत्र देवी पद्मावती को समर्पित है और उनके आशीर्वाद और सौभाग्य के लिए जपा जाता है।
Stotra

Shri Ram Ashtakam (श्री राम अष्टकम्)

Shri Ram Ashtakam (श्री राम अष्टकम): श्री राम अष्टकम Lord Shri Ram को समर्पित है। Shri Ram Ashtakam की रचना Maharishi Vyasa ने की थी। इसमें Shri Vyasa Ji ने Lord Shri Ram का बहुत सुंदर वर्णन किया है। Shri Ram Ashtakam Sanskrit Language में लिखा गया है। यह Vyasa Muni की एक अद्भुत रचना है। Vyasa Muni इस Shri Ram Ashtakam में कहते हैं कि वे Lord Shri Ram की Worship करते हैं, क्योंकि Shri Ram अपने Devotees के सभी Sins को नष्ट कर देते हैं। Lord Ram हमेशा अपने Devotees को Blissful करते हैं। वे अपने Devotees' Fear को दूर करते हैं। वे True Knowledge के Giver हैं और हमेशा अपने Devotees को Blessings देते हैं। यह Shri Ram Ashtakam का संक्षिप्त अर्थ है। Shri Ram Lord Vishnu के Avatar हैं, जो Ravana के Destruction के लिए Earth पर आए थे। Hindu Tradition में, Lord Ram को Maryada Purushottam माना जाता है, जो Ideal Man हैं और जो Humanity's Perfection का Example प्रस्तुत करते हैं। Lord Krishna के साथ, वे Lord Vishnu के सबसे महत्वपूर्ण Avatars में से एक माने जाते हैं। Lord Vishnu को Dharma's Preserver और Hindu Trimurti का एक प्रमुख अंग माना जाता है। Rama-Centric Sects में, उन्हें Avatar के बजाय Supreme Being माना जाता है। वे Righteousness और Truthful Living के प्रतीक हैं। इसके अतिरिक्त, Lord Ram के दो अर्थ हैं – 1. वह जिन्होंने अपनी इच्छा से दशरथ पुत्र श्रीराम का मोहक रूप धारण किया। 2. Supreme Brahman, जो अनंत Blissful Spiritual Self हैं, जिनमें Yogis तल्लीन रहते हैं। Rishi Vyasa इस Shri Ram Ashtakam में कहते हैं कि वे Lord Ram की Worship करते हैं क्योंकि Shri Ram अपने Devotees' Sins को दूर कर देते हैं। Shri Ram हमेशा अपने Devotees को Happiness प्रदान करते हैं। वे अपने Devotees' Fear को नष्ट करते हैं। Lord Ram's Teachings हमें यह स्मरण कराती हैं कि Happiness and Sorrow, Fear and Anger, Gain and Loss, Life and Death – ये सभी Destiny के अधीन हैं। Shri Ram's Life and Journey हमें सिखाते हैं कि कैसे कठिनतम परिस्थितियों में भी Dharma का पालन करना चाहिए। वे Ideal Man और Perfect Human के रूप में चित्रित किए जाते हैं। Lord Ram ने अपने Gurus से अनेक Spiritual Practices (Sadhanas) सीखी थीं। उन्होंने हमें यह सिखाया कि हमें अपने जीवन के हर क्षेत्र में Dharma और Guru का अनुसरण करना चाहिए।
Ashtakam

Maa Tara mantra (तारामन्त्र)

माँ तारा मंत्र देवी तारा की आराधना के लिए एक शक्तिशाली मंत्र है, जो विशेष रूप से संकटों से मुक्ति, मानसिक शांति और दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह मंत्र भक्तों को तात्कालिक सहायता, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करने में सहायक होता है।
Mantra

Hanuman Stuti (हनुमान स्तुति)

हनुमान स्तुति में भगवान हनुमान (Hanuman), जिन्हें "Lord of Strength" और "symbol of devotion" कहा जाता है, की महिमा का वर्णन है। यह स्तुति उन्हें "protector from evil," "remover of obstacles," और "divine messenger of Lord Rama" के रूप में प्रस्तुत करती है। हनुमान जी को उनकी "immense power," "courage," और "unwavering loyalty" के लिए पूजा जाता है। इस स्तुति का पाठ करने से "spiritual strength," "peace of mind," और "divine blessings" प्राप्त होते हैं।
Stuti

Parameshwar Stotram (परमेश्वर स्तोत्रम्‌)

परमेश्वर स्तोत्र परमात्मा के प्रति एक प्रार्थना है, जो परम है। इस स्तोत्र के कुछ पदों में भगवान शिव को संबोधित किया गया है और कुछ में भगवान विष्णु को, लेकिन इसका उद्देश्य उस परमात्मा को संबोधित करना है जो इन सीमित विवरणों से परे है। यह स्तोत्र अत्यंत संगीतात्मक है और इसे "स्तोत्र रत्नावली" से लिया गया है। यह स्तुति भगवान महेश्वर को समर्पित है, जो उमा (उनकी शक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाली) के अविभाज्य साथी हैं। शक्ति और शक्तिमान के बीच भेद को अद्वैत रूप में दर्शाने के लिए इसे मंदिरों में अर्धनारीश्वर के रूप में मूर्त रूप दिया गया है। इन दोनों को, जिन्हें कालिदास ने "रघुवंश" में अपने मंगलाचरण में पार्वती और परमेश्वर के रूप में संबोधित किया है, उन्होंने शब्द और अर्थ (वाक और अर्थ) की उस अनादि अविभाज्य जोड़ी के समान बताया है। यह सत्य कात्यायन ने अपने पहले वार्तिक में भी व्यक्त किया है।
Stotra

saraswati vandana (सरवस्ती वदना)

सरस्वती वंदना का हिंदु धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। माँ सरस्वती की वंदना करने से ऐसा माना जाता है कि मुर्ख भी ज्ञानी बन सकते हैं। माँ सरस्वती को हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक माना गया है। इनकी कृपा पाने के लिए संगीतज्ञ, छात्रों और यहां तक की गूढ़ विषयों में रुचि रखने वालों द्वारा भी इनकी वंदना की जाती है। सरस्वती माँ को शारदा, शतरुपा, वीणावादिनी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।
Vandana

Shri Tulsi Chalisa (श्री तुलसी चालीसा)

तुलसी चालीसा देवी माता तुलसी को समर्पित है। पुराणों के अनुसार, देवी वृंदा ही तुलसी रूप में प्रकट हुई थीं और भगवान विष्णु को देवी लक्ष्मी के समान ही प्रिय हैं। Tulsi Chalisa का नियमित पाठ करने से पापों का नाश, धन-संपदा, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह पाठ विशेष रूप से देव उठनी एकादशी, कार्तिक मास, और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर किया जाता है।
Chalisa

Shri LaxmiNarayan Ji Arti (श्री लक्ष्मीनारायण जी की आरती)

श्री लक्ष्मी नारायण जी की आरती भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा और वंदना का पवित्र स्तोत्र है। भगवान विष्णु और लक्ष्मी के रूप में यह आरती भक्तों को धन, संपत्ति, और समृद्धि का आशीर्वाद देती है। भगवान लक्ष्मी नारायण को धर्म, सुख, और धन के देवता के रूप में पूजा जाता है।
Arti

Today Panchang

03 August 2025 (Sunday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala