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नवरात्रि की आठवीं देवी मां महागौरी की कथा

Eighth Day of Navratri: Maa Mahagauri (मां महागौरी)
Param Kripalu Maa Mahagauri कठिन Tapasya (Penance) कर Gaur Varna (Fair Complexion) को प्राप्त कर Bhagwati Mahagauri के नाम से संपूर्ण Vishva (World) में विख्यात हुईं।
Pauranik Katha (Mythological Story) के अनुसार, Bhagwan Shiva को Pati Roop (Husband Form) में पाने के लिए, इन्होंने हजारों सालों तक कठिन Tapasya की थी, जिससे इनका Rang (Skin Color) काला पड़ गया था। बाद में Lord Shiva ने Ganga Jal (Sacred Ganges Water) से इनके Varna (Complexion) को फिर से Gaur (Fair) कर दिया, और तब से यह Mahagauri के नाम से जानी गईं।
अपने Parvati Roop में इन्होंने Bhagwan Shiva को Pati Roop में प्राप्त करने के लिए Kathor Tapasya (Severe Penance) की थी। इनकी Pratigya (Vow) थी- 'Vriye'ham Varadam Shambhum Naanyam Devam Maheshwarat' (Narada Pancharatra)।
Goswami Tulsidas Ji के अनुसार, इन्होंने Bhagwan Shiva के Varan (Acceptance) के लिए Hard Sankalp (Firm Resolution) लिया था:
जन्म कोटि लगि रगर हमारी।
बरऊं संभु न त रहऊं कुंआरी॥
इस Kathor Tapasya के कारण इनका Sharir (Body) एकदम Kaala (Dark) पड़ गया। इनकी Tapasya से प्रसन्न होकर Bhagwan Shiva ने इनके Sharir को Ganga Ji के Pavitra Jal (Sacred Water) से Malkar (Washing) शुद्ध किया, जिससे इनका Tej (Radiance) Vidyut Prabha (Lightning Glow) के समान Kantiman Gaur (Bright and Fair) हो उठा। तभी से इन्हें Mahagauri कहा जाने लगा।

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Ashtalakshmi Stuti देवी Mahalakshmi के eight divine forms, जिन्हें Ashta Lakshmi कहा जाता है, की praise में गाई जाने वाली एक devotional hymn है। यह stotra भक्तों को wealth, prosperity, knowledge, strength, progeny, courage, and success प्रदान करने वाली Devi Lakshmi के विभिन्न स्वरूपों की glory का वर्णन करता है। Ashta Lakshmi के आठ स्वरूप हैं: Adi Lakshmi, जो eternal wealth प्रदान करती हैं; Dhana Lakshmi, जो material prosperity का आशीर्वाद देती हैं; Dhanya Lakshmi, जो agriculture and food का आशीर्वाद देती हैं; Gaja Lakshmi, जो power and royalty प्रदान करती हैं; Santana Lakshmi, जो offspring and family happiness का आशीर्वाद देती हैं; Veera Lakshmi, जो valor and victory प्रदान करती हैं; Vijaya Lakshmi, जो success in all endeavors देती हैं; और Vidya Lakshmi, जो education and wisdom का आशीर्वाद देती हैं। Ashtalakshmi Stuti का chanting विशेष रूप से Fridays, Diwali, और Navratri में अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसे pure devotion और clean surroundings में करने से भक्तों के जीवन में peace, prosperity, and divine grace आती है।
Stuti

Devi Mahatayam Suktam (देवी माहात्म्यं देवी सूक्तम्)

देवी माहात्म्यं देवी सूक्तम् (Devi Mahatayam Suktam) ॐ अहं रुद्रेभिर्वसुभिश्चराम्यहमादित्यैरुत विश्वदेवैः । अहं मित्रावरुणोभा बिभर्म्यहमिन्द्राग्नी अहमश्विनोभा ॥1॥ अहं सोममाहनसं बिभर्म्यहं त्वष्टारमुत पूषणं भगम् । अहं दधामि द्रविणं हविष्मते सुप्राव्ये यजमानाय सुन्वते ॥2॥ अहं राष्ट्री संगमनी वसूनां चिकितुषी प्रथमा यज्ञियानाम् । तां मा देवा व्यदधुः पुरुत्रा भूरिस्थात्रां भूर्यावेशयंतीम् ॥3॥ मया सो अन्नमत्ति यो विपश्यति यः प्राणिति य ईं शृणोत्युक्तम् । अमन्तवोमांत उपक्षियंति श्रुधि श्रुतं श्रद्धिवं ते वदामि ॥4॥ अहमेव स्वयमिदं वंदामि जुष्टं देवेभिरुत मानुषेभिः । यं कामये तं तमुग्रं कृणोमि तं ब्रह्माणं तमृषिं तं सुमेधाम् ॥5॥ अहं रुद्राय धनुरातनोमि ब्रह्मद्विषे शरवे हंत वा उ । अहं जनाय समदं कृणोम्यहं द्यावापृथिवी आविवेश ॥6॥ अहं सुवे पितरमस्य मूर्धन् मम योनिरप्स्वंतः समुद्रे । ततो वितिष्ठे भुवनानु विश्वोतामूं द्यां वर्ष्मणोप स्पृशामि ॥7॥ अहमेव वात इव प्रवाम्यारभमाणा भुवनानि विश्वा । परो दिवापर एना पृथिव्यैतावती महिना संबभूव ॥8॥ ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ॥ ॥ इति ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तं समाप्तम् ॥ ॥तत् सत्॥
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