No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 16 (नारायणीयं दशक 16)
नारायणीयं दशक 16 (Narayaniyam Dashaka 16)
दक्षो विरिंचतनयोऽथ मनोस्तनूजां
लब्ध्वा प्रसूतिमिह षोडश चाप कन्याः ।
धर्मे त्रयोदश ददौ पितृषु स्वधां च
स्वाहां हविर्भुजि सतीं गिरिशे त्वदंशे ॥1॥
मूर्तिर्हि धर्मगृहिणी सुषुवे भवंतं
नारायणं नरसखं महितानुभावम् ।
यज्जन्मनि प्रमुदिताः कृततूर्यघोषाः
पुष्पोत्करान् प्रववृषुर्नुनुवुः सुरौघाः ॥2॥
दैत्यं सहस्रकवचं कवचैः परीतं
साहस्रवत्सरतपस्समराभिलव्यैः ।
पर्यायनिर्मिततपस्समरौ भवंतौ
शिष्टैककंकटममुं न्यहतां सलीलम् ॥3॥
अन्वाचरन्नुपदिशन्नपि मोक्षधर्मं
त्वं भ्रातृमान् बदरिकाश्रममध्यवात्सीः ।
शक्रोऽथ ते शमतपोबलनिस्सहात्मा
दिव्यांगनापरिवृतं प्रजिघाय मारम् ॥4॥
कामो वसंतमलयानिलबंधुशाली
कांताकटाक्षविशिखैर्विकसद्विलासैः ।
विध्यन्मुहुर्मुहुरकंपमुदीक्ष्य च त्वां
भीरुस्त्वयाऽथ जगदे मृदुहासभाजा ॥5॥
भीत्याऽलमंगज वसंत सुरांगना वो
मन्मानसं त्विह जुषध्वमिति ब्रुवाणः ।
त्वं विस्मयेन परितः स्तुवतामथैषां
प्रादर्शयः स्वपरिचारककातराक्षीः ॥6॥
सम्मोहनाय मिलिता मदनादयस्ते
त्वद्दासिकापरिमलैः किल मोहमापुः ।
दत्तां त्वया च जगृहुस्त्रपयैव सर्व-
स्वर्वासिगर्वशमनीं पुनरुर्वशीं ताम् ॥7॥
दृष्ट्वोर्वशीं तव कथां च निशम्य शक्रः
पर्याकुलोऽजनि भवन्महिमावमर्शात् ।
एवं प्रशांतरमणीयतरावतारा-
त्त्वत्तोऽधिको वरद कृष्णतनुस्त्वमेव ॥8॥
दक्षस्तु धातुरतिलालनया रजोऽंधो
नात्यादृतस्त्वयि च कष्टमशांतिरासीत् ।
येन व्यरुंध स भवत्तनुमेव शर्वं
यज्ञे च वैरपिशुने स्वसुतां व्यमानीत् ॥9॥
क्रुद्धेशमर्दितमखः स तु कृत्तशीर्षो
देवप्रसादितहरादथ लब्धजीवः ।
त्वत्पूरितक्रतुवरः पुनराप शांतिं
स त्वं प्रशांतिकर पाहि मरुत्पुरेश ॥10॥
Related to Vishnu
Shri Vishnu Ashtottara Satanam Stotram (श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्)
श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम भगवान विष्णु के 108 पावन नामों का महत्त्वपूर्ण स्तोत्र है, जो भक्तों को सुख, समृद्धि, शांति और पापों से मुक्ति प्रदान करता है। इस स्तोत्र में भगवान के पालनकर्ता, नारायण, जनार्दन, मधुसूदन, केशव जैसे दिव्य नामों का स्मरण किया गया है। इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति को संकटों का नाश, धन-वैभव की प्राप्ति, और मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मिलता है। इस स्तोत्र का पाठ व्रत, पूजा, एकादशी और विशेष अवसरों पर करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। भगवान विष्णु के 108 नामों का जप व्यक्ति को सफलता, धार्मिक ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।Stotra
Narayaniyam Dashaka 32 (नारायणीयं दशक 32)
नारायणीयं दशक 32 भगवान विष्णु के दिव्य गुणों और उनकी भक्तों को प्रदान की गई कृपा का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनके असीम अनुग्रह का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 11 (नारायणीयं दशक 11)
नारायणीयं दशक 11 में भगवान नारायण के लीलाओं का वर्णन है। यह दशक भक्तों को भगवान के दिव्य लीलाओं की अद्वितीयता को समझाता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 19 (नारायणीयं दशक 19)
नारायणीयं दशक 19 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।Narayaniyam-Dashaka
Vishnu Shatpadi (विष्णु षट्पदि)
विष्णु षट्पदि एक दिव्य भजन है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह भजन भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है और भक्तों को शांति और भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करता है।Shloka-Mantra
Narayaniyam Dashaka 20 (नारायणीयं दशक 20)
नारायणीयं दशक 20 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 14 (नारायणीयं दशक 14)
नारायणीयं दशक 14 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 38 (नारायणीयं दशक 38)
नारायणीयं दशक 38 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka