No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Dhanvantari Mantra || धन्वंतरी मंत्र : सर्व रोग नाशक धन्वंतरि मंत्र इन हिंदी ; Full Lyrics and Benefits
Dhanvantari Mantra (धन्वंतरी मंत्र)
धन्वंतरि मंत्र भगवान धन्वंतरि की स्तुति और ध्यान के लिए उपयोग किया जाता है, जो आयुर्वेद के देवता और स्वास्थ्य के संरक्षक माने जाते हैं। धन्वंतरि, जिन्हें "Health God" और "Ayurveda Healer" के रूप में भी जाना जाता है, विष्णु के अवतार हैं। मंत्र का उच्चारण शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ आत्मा को शांति प्रदान करता है। इस मंत्र का नियमित जाप तन और मन को शक्ति प्रदान करता है और व्यक्ति को रोगों से बचने की क्षमता देता है। इसे "Holistic Health God Prayer" के रूप में भी देखा जा सकता है। भगवान धन्वंतरि की पूजा से सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक जागरूकता को प्रोत्साहन मिलता है।धन्वंतरी मंत्र(Dhanvantari Mantra)
ध्यानं
अच्युतानंत गोविंद विष्णो नारायणाऽमृत
रोगान्मे नाशयाऽशेषानाशु धन्वंतरे हरे ।
आरोग्यं दीर्घमायुष्यं बलं तेजो धियं श्रियं
स्वभक्तेभ्योऽनुगृह्णंतं वंदे धन्वंतरिं हरिम् ॥
शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्भिः ।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम् ।
कालांभोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारुपीतांबराढ्यम् ।
वंदे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम् ॥
धन्वंतरेरिमं श्लोकं भक्त्या नित्यं पठंति ये ।
अनारोग्यं न तेषां स्यात् सुखं जीवंति ते चिरम् ॥
मंत्रं
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वंतरये अमृतकलशहस्ताय [वज्रजलौकहस्ताय] सर्वामयविनाशनाय त्रैलोक्यनाथाय श्रीमहाविष्णवे स्वाहा ।
[पाठांतरः]
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरये अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय त्रैलोक्यपतये त्रैलोक्यनिधये श्रीमहाविष्णुस्वरूप श्रीधन्वंतरीस्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय स्वाहा ।
गायत्री मंत्रम्
ॐ वासुदेवाय विद्महे सुधाहस्ताय धीमहि ।
तन्नो धन्वंतरिः प्रचोदयात् ।
तारकमंत्रम्
ॐ धं धन्वंतरये नमः ।
Related to Lakshmi
Shri Lakshmi Sahasranama Stotram (श्री लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्रम्)
लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्र स्कंद पुराण से लिया गया है, जहां इसे ऋषि सनत कुमार द्वारा 12 ऋषियों के एक समूह को सिखाए जाने का उल्लेख है। यहां यह भी कहा गया है कि देवी लक्ष्मी स्वयं कहती हैं कि यदि यह स्तोत्र बिना विश्वास के भी पाठ किया जाए, तो भी वह उस कुल में सदैव निवास करती हैं। एक अन्य महा लक्ष्मी सहस्रनाम का उल्लेख ब्रह्म पुराण में किया गया है, जो कश्मीर के वर्णन वाले अध्याय और हिरण्यगर्भ हृदय के अध्याय में पाया जाता है। इस अनुवाद के स्रोत में 1,033 नामों का उल्लेख है, हालांकिSahasranama-Stotram
Maha Lakshmyashtakam Strotra (महालक्ष्म्यष्टकम्)
महालक्ष्मी अष्टकम देवराज इन्द्र द्वारा रचित माता लक्ष्मी को समर्पित एक स्तोत्र है, इसका उल्लेख पद्म पुराण में हुआ है। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से साधक महालक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य संपन्न हो जाता है, उसके महान पातकों और शत्रुओं का नाश हो जाता है।Stotra
Sarva Deva Krutha Shri Lakshmi Stotram (सर्वदेव कृत श्री लक्ष्मी स्तोत्रम्)
Sarva Deva Krutha Shri Lakshmi Stotram देवी Lakshmi की divine glory और supreme blessings का गुणगान करने वाला एक sacred hymn है। यह holy chant सभी gods द्वारा देवी Lakshmi की prosperity, wealth, और fortune प्रदान करने वाली शक्तियों की स्तुति करता है। इस stotra के पाठ से negative energy दूर होती है और spiritual abundance प्राप्त होती है। भक्तों को success, happiness, और divine blessings मिलते हैं। यह powerful mantra karma, bhakti, और dharma को मजबूत करता है। Sarva Deva Krutha Shri Lakshmi Stotram का जाप जीवन में positivity, peace, और financial growth लाने में सहायक होता है।Stotra
Shri Sukt (श्री सूक्त)
श्री सूक्त का पाठ करने से महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे मां लक्ष्मी की अराधना करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। श्री यंत्र के सामने श्री सूक्त का पाठ किया जाता है। इस मंत्र में श्री सूक्त के पंद्रह छंदों में अक्षर, शब्दांश और शब्दों के उच्चारण से अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी के ध्वनि शरीर का निर्माण किया जाता है। श्रीसूक्त ऋग्वेद के पांचवे मण्डल के अन्त में होता है। सुक्त में मंत्रों की संख्या पन्द्रह है। सोलहवें मंत्र में फलश्रुति है।Sukt
Padmavati Stotram (पद्मावती स्तोत्रं)
पद्मावती स्तोत्रं: यह स्तोत्र देवी पद्मावती को समर्पित है और उनके आशीर्वाद और सौभाग्य के लिए जपा जाता है।Stotra
Sri Lakshmi Narasimha Stotra (श्रीलक्ष्मीनृसिंहस्तोत्रम्)
श्री नारायण अष्टकम् (Shri Narayan Ashtakam): हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार, नियमित रूप से श्री नारायण अष्टकम् का जप करना <><>भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे प्रभावशाली उपाय है। जो लोग समृद्धि और धन प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन असफलताओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें श्री नारायण अष्टकम् का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह स्तोत्र भगवान विष्णु की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।Stotra
Ashtalakshmi Stuti (अष्टलक्ष्मी स्तुति)
Ashtalakshmi Stuti देवी Mahalakshmi के eight divine forms, जिन्हें Ashta Lakshmi कहा जाता है, की praise में गाई जाने वाली एक devotional hymn है। यह stotra भक्तों को wealth, prosperity, knowledge, strength, progeny, courage, and success प्रदान करने वाली Devi Lakshmi के विभिन्न स्वरूपों की glory का वर्णन करता है। Ashta Lakshmi के आठ स्वरूप हैं: Adi Lakshmi, जो eternal wealth प्रदान करती हैं; Dhana Lakshmi, जो material prosperity का आशीर्वाद देती हैं; Dhanya Lakshmi, जो agriculture and food का आशीर्वाद देती हैं; Gaja Lakshmi, जो power and royalty प्रदान करती हैं; Santana Lakshmi, जो offspring and family happiness का आशीर्वाद देती हैं; Veera Lakshmi, जो valor and victory प्रदान करती हैं; Vijaya Lakshmi, जो success in all endeavors देती हैं; और Vidya Lakshmi, जो education and wisdom का आशीर्वाद देती हैं। Ashtalakshmi Stuti का chanting विशेष रूप से Fridays, Diwali, और Navratri में अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसे pure devotion और clean surroundings में करने से भक्तों के जीवन में peace, prosperity, and divine grace आती है।Stuti
Shri Mahalakshmi Ashtakam (श्री महालक्ष्मी अष्टकम् )
श्री महालक्ष्मी अष्टकम (Shri Mahalakshmi Ashtakam) संस्कृत में Goddess Mahalakshmi को समर्पित एक Sacred Prayer है। Shri Mahalakshmi Ashtakam Padma Purana से लिया गया है, और इस Devotional Prayer का Chanting Lord Indra ने Goddess Mahalakshmi की Stuti (Praise) में किया था। Maa Lakshmi का अर्थ Hindu Dharma में Good Luck से है। 'Lakshmi' शब्द संस्कृत के "Lakshya" शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'Aim' या 'Goal'। वह Wealth and Prosperity की Goddess हैं, जो Material और Spiritual दोनों रूपों में Abundance और Success प्रदान करती हैं। Hindu Mythology में, Maa Lakshmi, जिन्हें "Shri" भी कहा जाता है, Lord Vishnu की Divine Consort हैं और उन्हें Financial Stability, Fortune, and Wealth प्रदान करती हैं, ताकि वे Creation के Maintenance and Preservation में सक्षम हो सकें। इस Stotra का Regular Chanting करने से Ashtakam के समस्त Benefits प्राप्त होते हैं।Ashtakam