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Shri Vindhyeshwari Stotram || श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् : Full Lyrics !! Vindhyavasini Stotram !! Durga Stotram
Shri Vindhyeshwari Stotram (श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् )
श्री विंध्येश्वरी स्तोत्रम् देवी Vindhyeshwari Mata की स्तुति है, जिन्हें power, prosperity और protection goddess माना जाता है। यह स्तोत्र भक्तों को divine energy, success और strength प्राप्त करने में सहायक है। Hindu mythology में देवी विंध्येश्वरी को troubles और negativity दूर करने वाली शक्ति के रूप में revered किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ life में positivity, blessings और spiritual upliftment के लिए किया जाता है। विंध्येश्वरी माँ की आराधना से भक्त fear और obstacles से मुक्त होकर victory हासिल करते हैं।श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् (Shri Vindhyeshwari Stotram)
निशुम्भशुम्भमर्दिनीं प्रचण्डमुण्डखण्डिनीम्।
वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥ १ ॥
त्रिशूलरत्नधारिणीं धराविघातहारिणीम्।
गृहे गृहे निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥ २ ॥
दरिद्रदुःखहारिणीं सतां विभूतिकारिणीम्।
वियोगशोकहारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥ ३ ॥
लसत्सुलोललोचनां लतां सदावरप्रदाम् ।
कपालशूलधारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥ ४॥
करे मुदा गदाधरां शिवां शिवप्रदायिनीम् ।
वरावराननां शुभां भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥ ५ ॥
ऋषीन्द्रजामिनप्रदां त्रिधास्यरूपधारिणीम् ।
जले स्थले निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥ ६ ॥
विशिष्टसृष्टिकारिणीं विशालरूपधारिणीम् ।
महोदरां विशालिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥ ७॥
पुरन्दरादिसेवितां मुरादिवंशखण्डिनीम् ।
विशुद्धबुद्धिकारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥ ८ ॥
॥ इति श्रीविन्ध्येश्वरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
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