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Durga Maa Mantra || दुर्गा माँ मंत्र : A Powerful Sacred Chant for overcoming Obstacles, Negativity, and Spiritual Empowerment
Durga Maa Mantra (दुर्गा माँ मंत्र)
दुर्गा माँ मंत्र देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली मंत्र है। यह Durga Mantra for Protection भक्तों को बुराई, संकटों और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाता है, मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है। Devi Durga Powerful Mantra न केवल दुर्गा माँ के प्रति आस्था को बढ़ाता है, बल्कि यह जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और पॉजिटिव एनर्जी लाने में सहायक होता है। Durga Beej Mantra और Mantra to Remove Negativity विशेष रूप से उन भक्तों के लिए प्रभावी हैं जो जीवन में सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं। यह मंत्र Maa Durga Aarti और दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ और अधिक फलदायक होता है। Durga Maa Ki Puja और Mantra for Peace and Security का नियमित जाप जीवन में सुख, शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव कराता है। माँ दुर्गा श्लोक
न तातो न माता, न बन्धुर्न दाता,
न पुत्रो न पुत्री न भ्रत्यो न भर्ता।
न जाया न विद्या न वर्तिमम्मेव,
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥
भवाब्धावपारे महादुःखभीरु,
पपात प्रकामी प्रलोभी प्रमत्तः।
कुसंसारपाशप्रबद्धः सदाहं,
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥
न जानामि दानं न च ध्यानयोगं,
न जानामि तन्त्रं न च स्तोत्रमन्त्रम्।
न जानामि पूजां न च न्यासयोगं,
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥
न जानामि पुण्यं न जानामि तीर्थं,
न जानामि मुक्तिं लयं वा कदाचित्।
न जानामि भक्तिं व्रतं वापि मातर्,
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥
कुकर्मी कुसङ्गी कुबुद्धिः कुदासः,
कुलाचारहीनः कदाचारलीनः।
कुदृष्टिः कुवाक्यप्रबन्धः सदाहं,
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥
प्रजेशं रमेशं महेशं सुरेशं,
दिनेशं निशीथेश्वरं वा कदाचित्।
न जानामि चान्यत् सदाहं शरण्ये,
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥
विवादे विषादे प्रमादे प्रवासे,
जले चानले पर्वते शत्रुमध्ये।
अरण्ये शरण्ये सदा मां प्रपाहि,
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥
अनाथो दरिद्रो जरारोगयुक्तो,
महाक्षीणदीनः सदा जाड्यवक्त्रः।
विपत्तौ प्रविष्टः प्रनष्टः सदाहं,
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥
2. दुर्गा मन्त्र (Durga Mantra): -
ॐ दुं दुर्गाये नमः
3. नर्वाण मन्त्र (Nrwan Mantra): -
ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चे
4. दुर्गतिनाशक दुर्गा मन्त्र (Durgtinashk Durga Mantra): -
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गतिनाशिन्ये महामाये स्वाहा
5. कल्याणक दुर्गा मन्त्र (Kalyank Durga Mantra): -
ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वाथसाधिके,
शरण्ये त्रयंबके गौरि नारायणि नमोस्तुते
6. महिषासुर मर्दिनी मन्त्र (Mahishasur Mardini Mantra): -
ॐ ह्रीं महामहिषमर्दिनी स्वाहा
7. दुर्गा रक्षा मन्त्रा (Durga Protection Mantra): -
ॐ ह्रीं दुर्गे दुर्गे रक्षणी स्वाहा
8. दुर्गा नमस्कार मन्त्र (Durga Namaskar Mantra): -
या देवी सर्वभुतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभुतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभुतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभुतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभुतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
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Shri Chhinnamasta Kavacham (श्री छिन्नमस्ता कवचम्)
माँ चिन्नमस्ता शक्ति का एक रूप हैं, जिन्हें अपने सिर को काटते हुए दिखाया जाता है। उनके गले से बहता हुआ खून, जो जीवन को बनाए रखने वाली प्राण शक्ति का प्रतीक है, तीन धाराओं में बहता है—एक धार उनके अपने मुँह में, यह दर्शाता है कि वह आत्मनिर्भर हैं, और बाकी दो धार उनकी दो महिला सहायक दकिणी और वर्णिनी के मुँह में बहती हैं, जो समस्त जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। कटा हुआ सिर मोक्ष का प्रतीक है। सिर को काटकर वह अपनी असली अवस्था में प्रकट होती हैं, जो अज्ञेय, अनंत और स्वतंत्र है। यह बंधन और व्यक्तिगतता से मुक्ति का प्रतीक है। उनका नग्न रूप उनकी स्वायत्तता को दर्शाता है, यह दिखाता है कि उन्हें किसी भी रूप में संकुचित नहीं किया जा सकता। खोपड़ी की माला (रुंडमाला) दिव्य सृजनात्मकता का प्रतीक है। वह काम और रति के मिलन करते जोड़े पर खड़ी होती हैं, यह दिखाता है कि उन्होंने यौन इच्छाओं पर विजय प्राप्त कर ली है। 'काम' यौन इच्छा का और 'रति' यौन संबंध का प्रतीक है। उनके गले से बहता खून तीन नाड़ियों – इडा, पिंगला और सुशुम्ना के माध्यम से चेतना के प्रवाह का प्रतीक है। काम और रति एक उत्तेजित कुंडलिनी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो सुशुम्ना में चढ़कर अज्ञानता को समाप्त करती है। कुंडलिनी द्वारा सहस्रार चक्र में उत्पन्न अद्वितीय ऊर्जा के कारण सिर उड़ जाता है। इसका मतलब है कि मुलाधार चक्र में शक्ति शिव से सहस्रार चक्र में मिलती है, जिससे आत्म-साक्षात्कार होता है। रति को प्रभुत्व में दिखाया गया है, जबकि काम को निष्क्रिय रूप में दिखाया गया है। माँ चिन्नमस्ता कवच का पाठ शत्रुओं से छुटकारा पाने और विजय प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह कवच अंधी शक्तियों और रुकावटों को दूर करने में मदद करता है। यह आध्यात्मिक उन्नति और संवेदनशीलता में वृद्धि करता है।Kavacha
Durga Saptashati (दुर्गासप्तशती) 1 chapter (पहला अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठके नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का पहला अध्याय "मधु और कैटभ का वध" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Shri Durga Saptashati 13 Chapter (श्री दुर्गा सप्तशती तेरहवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का त्रयोदश अध्याय "सुरथ और वैश्य को वरदान" देने पर पर आधारित है।Durga-Saptashati
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 11 Chapter (ग्यारहवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का एकादश अध्याय "नारायणी की स्तुति" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Durga Saptashati Chapter 5 (दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला पाँचवा अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Shri Durga Sahasranama Stotram (श्री दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम्)
दुर्गा सहस्रनाम देवी दुर्गा (Goddess Durga) के एक हजार नामों (1000 names) का संग्रह है। दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्र (Durga Sahasranama Stotra) वास्तव में एक ऐसा स्तोत्र (hymn) है, जिसमें देवी की महिमा का गुणगान (eulogizing) किया जाता है और उनके हजार नामों का पाठ (recitation) किया जाता है। नवरात्रि (Navaratri) के पावन अवसर पर, दुर्गा सहस्रनाम का श्रद्धा (devotion) और समर्पण (dedication) के साथ जप करने से देवी की कृपा (blessings) और वरदान (boons) प्राप्त होते हैं। दुर्गा सहस्रनाम में नामों को ऐसे क्रम में लिखा गया है कि कोई नाम दोहराया नहीं गया है। संस्कृत में "दुर्गा" का अर्थ है "जो समझ से परे (incomprehensible) या पहुंचने में कठिन (difficult to reach)" है। देवी दुर्गा शक्ति (Shakti) का ऐसा रूप हैं, जिनकी पूजा उनकी सौम्य (gracious) और उग्र (terrifying) दोनों रूपों में की जाती है। वह ब्रह्मांड (Universe) की माता हैं और अनंत शक्ति (infinite power) का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा का प्रकट होना उनके निराकार स्वरूप (formless essence) से होता है, और ये दोनों स्वरूप अभिन्न (inseparable) हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त देवी दुर्गा (Durga Sahasranama) की प्रार्थना (pray) करते हैं, वे शुरू में बाधाओं (obstacles) का सामना करते हैं, लेकिन समय के साथ, ये बाधाएं सूर्य की गर्मी से पिघलती हुई बर्फ की तरह समाप्त हो जाती हैं। मां दुर्गा सहस्रनाम की कृपा (grace) का वर्णन शब्दों से परे है।Sahasranama-Stotram
Shri Vindhyeshwari Stotram (श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् )
श्री विंध्येश्वरी स्तोत्रम् देवी Vindhyeshwari Mata की स्तुति है, जिन्हें power, prosperity और protection goddess माना जाता है। यह स्तोत्र भक्तों को divine energy, success और strength प्राप्त करने में सहायक है। Hindu mythology में देवी विंध्येश्वरी को troubles और negativity दूर करने वाली शक्ति के रूप में revered किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ life में positivity, blessings और spiritual upliftment के लिए किया जाता है। विंध्येश्वरी माँ की आराधना से भक्त fear और obstacles से मुक्त होकर victory हासिल करते हैं।Devi-Stotra
Shri Amba Ji Arti (श्री अम्बाजी की आरती)
श्री अम्बा जी की आरती माँ अम्बे के शक्ति, साहस और करुणा की स्तुति करती है। इसमें माँ अम्बे, जिन्हें Sherawali और Jagat Janani के नाम से भी जाना जाता है, को सिंहवाहिनी, त्रिशूलधारिणी और Mahishasurmardini स्वरूप में पूजा जाता है। आरती में Goddess Amba की शौर्य, दया, और भक्ति का वर्णन है। भक्त Maa Ambe Aarti गाकर उनसे संकट हरने, जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद माँगते हैं।Arti