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Bhagavad Gita Chapter 8: Akshara Brahma Yoga in Hindi-English | भगवद गीता अध्याय 8: अक्षर ब्रह्म योग
Bhagavad Gita Nineth Chapter (भगवद गीता नौवाँ अध्याय)
भगवद गीता नौवां अध्याय "राज विद्या राज गुह्य योग" कहलाता है। इसमें श्रीकृष्ण भक्ति के महत्व को बताते हैं और इसे सबसे गोपनीय ज्ञान कहते हैं। वे यह भी समझाते हैं कि जो व्यक्ति ईश्वर में पूर्ण विश्वास रखता है, वह उनके विशेष कृपा का पात्र बनता है। यह अध्याय "भक्ति योग", "ईश्वर की कृपा", और "गुप्त ज्ञान" को उजागर करता है।Page no.
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श्रीमद्भगवद्गीता का सप्तदशो अध्याय श्रद्धात्रय विभाग योग के नाम से जाना जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण श्रद्धा के तीन प्रकारों की व्याख्या करते हैं।Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan
Panduranga Ashtkam (श्री पांडुरंग अष्टकम्)
श्री पांडुरंग अष्टकम् भगवान विट्ठल की स्तुति करने वाला एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तोत्र भक्तों को पांडुरंग की कृपा और भक्ति का अनुभव करने में मदद करता है।Ashtakam
Nanda Kumar Ashtkam (नंद कुमार अष्टकम्)
नंद कुमार अष्टकम् भगवान कृष्ण के बाल रूप की स्तुति करने वाला एक विशेष स्तोत्र है। यह स्तोत्र भक्तों को बाल कृष्ण की लीलाओं और उनकी महिमा का वर्णन करने में मदद करता है।Ashtakam
Shri Krishnan Chalisa (श्री कृष्णन चालीसा)
कृष्ण चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान कृष्ण पर आधारित है। कृष्ण चालीसा एक लोकप्रिय प्रार्थना है जो 40 छन्दों से बनी है। कई लोग जन्माष्टमी सहित भगवान कृष्ण को समर्पित अन्य त्योहारों पर कृष्ण चालीसा का पाठ करते हैं। इस चालीसा के पाठ से भक्तों को spiritual peace और blessings मिलती हैं। Krishna mantra for positivity का जाप जीवन में love और prosperity लाने का एक प्रभावी उपाय है।Chalisa
Bhagavad Gita Sixteenth Chapter (भगवत गीता सोलहवाँ अध्याय)
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Shri Govindashtakam (श्रीगोविन्दाष्टकम्)
ये श्लोक भगवान श्री कृष्ण, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं, की स्तुति में लिखे गए हैं। यहां मंत्रों के हिंदी और अंग्रेजी पाठ के साथ उनका अर्थ (in English) भी दिया गया है। गोविंदाष्टकम में 8 श्लोक हैं और इसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचा गया था।Stotra
Shrimad Bhagwad Gita Parayaan - Chapter 16 (श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - षोडशोऽध्यायः)
श्रीमद्भगवद्गीता का षोडशो अध्याय दैवासुर संपद्विभाग योग के नाम से जाना जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण दैवी और आसुरी गुणों की व्याख्या करते हैं।Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan
Shri Krishna Sharanam mam (श्रीकृष्णः शरणं मम)
श्री कृष्ण शरणम मम: भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में देवकी और वसुदेव के घर हुआ था, और उन्हें वृंदावन में नंद और यशोदा ने पाल-पोसा। चंचल और शरारती भगवान श्री कृष्ण की पूजा विशेष रूप से उनकी बाल्य और युवावस्था की रूप में की जाती है, जो भारत और विदेशों में व्यापक रूप से प्रचलित है। श्री कृष्ण शरणम मम: का उच्चारण करके भक्त भगवान श्री कृष्ण की शरण में आते हैं, यह मंत्र श्री कृष्ण की कृपा और संरक्षण प्राप्त करने का एक प्रमुख उपाय माना जाता है।Stotra