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Shri Mrityunjaya Stotram || श्री मृत्युञ्जय स्तोत्रम् : Full Lyrics with Benefits in Sanskrit
Shri Mrityunjaya Stotram (श्री मृत्युञ्जय स्तोत्रम्)
Shri Mrityunjaya Stotram (श्री मृत्युंजय स्तोत्रम्): श्री मृत्युंजय स्तोत्र (Shri Mrityunjay Stotra) को सबसे प्राचीन वेदों (Vedas) में से एक माना जाता है। महा मृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) गंभीर बीमारियों (serious ailments) से छुटकारा दिलाने में सहायक माना जाता है। यह मंत्र ऋग्वेद (Rig Veda) से लिया गया है और भगवान शिव (Lord Shiva) के रुद्र अवतार (Rudra Avatar) को संबोधित करता है। इस मंत्र का नियमित जप (regular chanting) न केवल आयु (longevity) बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि पारिवारिक कलह (familial discord), संपत्ति विवाद (property disputes), और वैवाहिक तनाव (marital stress) को भी सुलझाने में सहायक होता है। श्री मृत्युंजय स्तोत्र में अद्भुत उपचारात्मक शक्तियां (healing powers) हैं। यह हिंदुओं की सबसे आध्यात्मिक साधना (spiritual pursuit) मानी जाती है। भगवान शिव को सत्य (truth) और परमात्मा (Transcendent Lord) माना गया है। शिव के अनुयायियों का विश्वास है कि वे स्वयंभू (Swayambho) हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना सरल है और वे अपने भक्तों (devotees) को आसानी से वरदान (boons) प्रदान करते हैं। धन (wealth), स्वास्थ्य (health), सुख (happiness), या समृद्धि (prosperity) से संबंधित कोई भी इच्छा, शिव पूरी करते हैं और भक्तों को कष्टों (sufferings) से मुक्त करते हैं। इसका उल्लेख शिव पुराण (Shiva Purana) में दो कहानियों के रूप में मिलता है। पहली कहानी के अनुसार, यह मंत्र केवल ऋषि मार्कंडेय (Rishi Markandeya) को ज्ञात था, जिन्हें स्वयं भगवान शिव ने यह मंत्र प्रदान किया था। आज के युग में शिव की पूजा (worship) का सही तरीका क्या है? सतयुग (Satyug) में मूर्ति पूजा (idol worship) प्रभावी थी, लेकिन कलयुग (Kalyug) में केवल मूर्ति के सामने प्रार्थना करना पर्याप्त नहीं है। भविषय पुराणों (Bhavishya Puranas) में भी इस बात का उल्लेख है कि सुख (happiness) और मन की शांति (peace of mind) के लिए मंत्र जप (chanting) का महत्व है। महा मृत्युंजय मंत्र का दैनिक जप (daily chanting) व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य (good health), धन (wealth), समृद्धि (prosperity) और दीर्घायु (long life) प्रदान करता है। यह सकारात्मक ऊर्जा (positive vibes) उत्पन्न करता है और विपत्तियों (calamities) से रक्षा करता है।श्री मृत्युञ्जय स्तोत्रम् (Shri Mrityunjaya Stotram)
रत्नसानुशरासनं रजताद्रिशृङ्गनिकेतनं 
                   शिञ्जिनीकृतपन्नगेश्वरमच्युतानलसायकम् ।
क्षिप्रदग्धपुरत्रयं त्रिदशालयैरभिवन्दितं 
                   चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ १ ॥
पञ्चपादपपुष्पगन्धिपदाम्बुजद्वयशोभितं 
                   भाललोचनजातपावकदग्धमन्मथविग्रहम् । 
भस्मदिग्धकलेवरं भवनाशिनं भवमव्ययं 
                   चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ २ ॥
मत्तवारणमुख्यचर्मकृतोत्तरीयमनोहरं 
                    पङ्कजासनपद्मलोचनपूजिताङ्ङ्घिसरोरुहम् ।
देवसिद्धतरङ्गिणीकरसिक्तशीतजटाधरं 
                    चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ३ ॥
कुण्डलीकृतकुण्डलीश्वरकुण्डलं वृषवाहनं 
                    नारदादिमुनीश्वरस्तुतवैभवं भुवनेश्वरम् ।
अन्धकान्तकमाश्रितामरपादपं शमनान्तकं
                    चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ४ ॥ 
यक्षराजसखं भगाक्षिहरं भुजङ्गविभूषणं 
                    शैलराजसुतापरिष्कृतचारुवामकलेवरम् । 
क्ष्वेडनीलगलं परश्वधधारिणं मृगधारिणं 
                     चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ५ ॥
भेषजं भवरोगिणामखिलापदामपहारिणं 
                     दक्षयज्ञविनाशिनं त्रिगुणात्मकं त्रिविलोचनम् ।
भुक्तिमुक्तिफलप्रदं निखिलाघसंघनिबर्हणं 
                     चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ६ ॥
भक्तवत्सलमर्चतां निधिमक्षयं हरिदम्बरं 
                    सर्वभूतपतिं परात्परमप्रमेयमनूपमम् ।
भूमिवारिनभोहुताशनसोमपालितस्वाकृतिं 
                    चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ७ ॥
विश्वसृष्टिविधायिनं पुनरेव पालनतत्परं 
                    संहरन्तमथ प्रपञ्चमशेषलोकनिवासिनम् ।
क्रीडयन्तमहर्निशं गणनाथयूथसमावृतं 
                    चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ८ ॥ 
रुद्रं पशुपतिं स्थाणं नीलकण्ठमुमापतिम् । 
                   नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ ९ ॥ 
कालकण्ठं कलामूर्ति कालाग्निं कालनाशनम् । 
                   नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ १० ॥ 
नीलकण्ठं विरूपाक्षं निर्मलं निरुपद्रवम् । 
                  नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ १२ ॥ 
वामदेवं महादेवं लोकनाथं जगद्गुरुम् । 
                  नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ ११ ॥ 
देवदेवं जगन्नाथं देवेशमृषभध्वजम् । 
                  नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ।। १३ ।। 
अनन्तमव्ययं शान्तमक्षमालाधरं हरम् ।
                  नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ १४ ।।
आनन्दं परमं नित्यं कैवल्यपदकारणम् ।
                  नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ।। १५ ।।
स्वर्गापवर्गदातारं सृष्टिस्थित्यन्तकारिणम् ।
                  नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ।। १६ ।।
॥ इति श्रीपद्मपुराणान्तर्गत उत्तरखण्डे श्रीमृत्युञ्जयस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
Related to Shiv
Shiv Dhyaan Mantra (शिव ध्यान मंत्र)
Shiv Dhyaan Mantra का जाप करने से inner peace, spiritual awakening, और positive energy प्राप्त होती है। Lord Shiva, जिन्हें Mahadev, Bholenath, और Adi Yogi कहा जाता है, उनकी उपासना से negative energy removal, stress relief, और mental clarity मिलती है। Om Namah Shivaya, Mahamrityunjaya Mantra, और Shiva Panchakshari Mantra जैसे powerful Shiv Mantra का जाप करने से good health, success in career, और protection from evil प्राप्त होता है। विशेष रूप से Mahashivratri, Sawan Somvar, Pradosh Vrat, Shravan Maas, और Masik Shivratri पर इन मंत्रों का जाप करने से divine blessings, happiness, और prosperity मिलती है।Dhayan-Mantra
Shri Rudrashtakam Stotra (श्रीरुद्राष्टकम्)
सनातन धर्म में भगवान शिव शंकर को सभी देवों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि शिव जी आसानी से प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं। यदि कोई भक्त श्रद्धा पूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। यदि आप शिव जी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं 'श्री शिव रूद्राष्टकम' का पाठ करना चाहिए। 'शिव रुद्राष्टकम' अपने-आप में अद्भुत स्तुति है। यदि कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा है तो किसी शिव मंदिर या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर लगातार 7 दिनों तक सुबह शाम 'रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करने से शिव जी बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश पल भर में करते हैं और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। रामायण के अनुसार, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण जैसे भयंकर शत्रु पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर रूद्राष्टकम स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था और परिणाम स्वरूप शिव की कृपा से रावण का अंत भी हुआ था।Stotra
Sadashiva Kavacham (श्री सदाशिव कवचम्)
Sadashiva Kavacham एक शक्तिशाली Shiva Protection Stotra है, जो Lord Sadashiva की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह Divine Shield भक्तों को नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। Sacred Mantra के रूप में, यह Spiritual Energy को बढ़ाकर आत्मिक शांति देता है। Mahadeva Armor का यह पाठ भक्तों को Positive Vibes और आध्यात्मिक उन्नति देता है। Shiv Kavach का नियमित जाप करने से Divine Blessings और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।Kavacha
Shri Shiv Panchakshar Stotram (श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्रम्)
Shri Shiv Panchakshar Stotram भगवान Lord Shiva की स्तुति में रचित दिव्य Shloka संग्रह है। इसमें Om Namah Shivaya Mantra के पांच अक्षरों की महिमा का वर्णन किया गया है। इस Sacred Hymn के पाठ से भक्तों को Positive Energy और आशीर्वाद मिलता है। Shiva Stotra का जाप करने से जीवन में शांति, शक्ति और Spiritual Growth प्राप्त होती है। महादेव की कृपा पाने के लिए Shiv Bhajan और Rudra Puja का भी विशेष महत्व है। यह Hindu Devotional Stotra भक्तों को मोक्ष का मार्ग दिखाता है।Stotra
Mahamrityunjaya Stotram (महामृत्युञ्जयस्तोत्रम्)
महामृत्युञ्जय स्तोत्रम् भगवान शिव की स्तुति में रचित एक प्रार्थना है, जो मृत्यु और भय से मुक्ति दिलाने के लिए गाई जाती है।Stotra
Chandrasekhara Ashtakam (चंद्रशेखराष्टकम्)
Chandrasekhara Ashtakam भगवान Lord Shiva की स्तुति में रचित एक पवित्र Hindu Devotional Stotra है। इसमें Chandrasekhara Shiva की महिमा और उनकी Divine Powers का वर्णन किया गया है। इस Sacred Hymn का पाठ करने से भक्तों को Spiritual Growth और कष्टों से मुक्ति मिलती है। Shiva Bhajan और Mantra Chanting से जीवन में Positive Energy और समृद्धि आती है। यह Powerful Stotra संकटों को हरने वाला और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। Lord Shiva Worship के साथ इसका नियमित पाठ भक्तों को अनंत कृपा देता है।Ashtakam
Sharabheshashtakam (शरभेशाष्टकम्)
शरभेशाष्टकम् भगवान शरभेश्वर को समर्पित एक भजन है, जो उनकी अनंत महिमा और शक्तियों का वर्णन करता है।Ashtakam
Chandrashekharashtakam (चन्द्रशेखराष्टकम्)
चन्द्रशेखराष्टकम् एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का गान करता है और भक्तों को भय से मुक्ति दिलाने के लिए जाना जाता है।Ashtakam