No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Shri Mrityunjaya Stotram || श्री मृत्युञ्जय स्तोत्रम् : Full Lyrics with Benefits in Sanskrit
Shri Mrityunjaya Stotram (श्री मृत्युञ्जय स्तोत्रम्)
Shri Mrityunjaya Stotram (श्री मृत्युंजय स्तोत्रम्): श्री मृत्युंजय स्तोत्र (Shri Mrityunjay Stotra) को सबसे प्राचीन वेदों (Vedas) में से एक माना जाता है। महा मृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) गंभीर बीमारियों (serious ailments) से छुटकारा दिलाने में सहायक माना जाता है। यह मंत्र ऋग्वेद (Rig Veda) से लिया गया है और भगवान शिव (Lord Shiva) के रुद्र अवतार (Rudra Avatar) को संबोधित करता है। इस मंत्र का नियमित जप (regular chanting) न केवल आयु (longevity) बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि पारिवारिक कलह (familial discord), संपत्ति विवाद (property disputes), और वैवाहिक तनाव (marital stress) को भी सुलझाने में सहायक होता है। श्री मृत्युंजय स्तोत्र में अद्भुत उपचारात्मक शक्तियां (healing powers) हैं। यह हिंदुओं की सबसे आध्यात्मिक साधना (spiritual pursuit) मानी जाती है। भगवान शिव को सत्य (truth) और परमात्मा (Transcendent Lord) माना गया है। शिव के अनुयायियों का विश्वास है कि वे स्वयंभू (Swayambho) हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना सरल है और वे अपने भक्तों (devotees) को आसानी से वरदान (boons) प्रदान करते हैं। धन (wealth), स्वास्थ्य (health), सुख (happiness), या समृद्धि (prosperity) से संबंधित कोई भी इच्छा, शिव पूरी करते हैं और भक्तों को कष्टों (sufferings) से मुक्त करते हैं। इसका उल्लेख शिव पुराण (Shiva Purana) में दो कहानियों के रूप में मिलता है। पहली कहानी के अनुसार, यह मंत्र केवल ऋषि मार्कंडेय (Rishi Markandeya) को ज्ञात था, जिन्हें स्वयं भगवान शिव ने यह मंत्र प्रदान किया था। आज के युग में शिव की पूजा (worship) का सही तरीका क्या है? सतयुग (Satyug) में मूर्ति पूजा (idol worship) प्रभावी थी, लेकिन कलयुग (Kalyug) में केवल मूर्ति के सामने प्रार्थना करना पर्याप्त नहीं है। भविषय पुराणों (Bhavishya Puranas) में भी इस बात का उल्लेख है कि सुख (happiness) और मन की शांति (peace of mind) के लिए मंत्र जप (chanting) का महत्व है। महा मृत्युंजय मंत्र का दैनिक जप (daily chanting) व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य (good health), धन (wealth), समृद्धि (prosperity) और दीर्घायु (long life) प्रदान करता है। यह सकारात्मक ऊर्जा (positive vibes) उत्पन्न करता है और विपत्तियों (calamities) से रक्षा करता है।श्री मृत्युञ्जय स्तोत्रम् (Shri Mrityunjaya Stotram)
रत्नसानुशरासनं रजताद्रिशृङ्गनिकेतनं
शिञ्जिनीकृतपन्नगेश्वरमच्युतानलसायकम् ।
क्षिप्रदग्धपुरत्रयं त्रिदशालयैरभिवन्दितं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ १ ॥
पञ्चपादपपुष्पगन्धिपदाम्बुजद्वयशोभितं
भाललोचनजातपावकदग्धमन्मथविग्रहम् ।
भस्मदिग्धकलेवरं भवनाशिनं भवमव्ययं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ २ ॥
मत्तवारणमुख्यचर्मकृतोत्तरीयमनोहरं
पङ्कजासनपद्मलोचनपूजिताङ्ङ्घिसरोरुहम् ।
देवसिद्धतरङ्गिणीकरसिक्तशीतजटाधरं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ३ ॥
कुण्डलीकृतकुण्डलीश्वरकुण्डलं वृषवाहनं
नारदादिमुनीश्वरस्तुतवैभवं भुवनेश्वरम् ।
अन्धकान्तकमाश्रितामरपादपं शमनान्तकं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ४ ॥
यक्षराजसखं भगाक्षिहरं भुजङ्गविभूषणं
शैलराजसुतापरिष्कृतचारुवामकलेवरम् ।
क्ष्वेडनीलगलं परश्वधधारिणं मृगधारिणं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ५ ॥
भेषजं भवरोगिणामखिलापदामपहारिणं
दक्षयज्ञविनाशिनं त्रिगुणात्मकं त्रिविलोचनम् ।
भुक्तिमुक्तिफलप्रदं निखिलाघसंघनिबर्हणं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ६ ॥
भक्तवत्सलमर्चतां निधिमक्षयं हरिदम्बरं
सर्वभूतपतिं परात्परमप्रमेयमनूपमम् ।
भूमिवारिनभोहुताशनसोमपालितस्वाकृतिं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ७ ॥
विश्वसृष्टिविधायिनं पुनरेव पालनतत्परं
संहरन्तमथ प्रपञ्चमशेषलोकनिवासिनम् ।
क्रीडयन्तमहर्निशं गणनाथयूथसमावृतं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ८ ॥
रुद्रं पशुपतिं स्थाणं नीलकण्ठमुमापतिम् ।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ ९ ॥
कालकण्ठं कलामूर्ति कालाग्निं कालनाशनम् ।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ १० ॥
नीलकण्ठं विरूपाक्षं निर्मलं निरुपद्रवम् ।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ १२ ॥
वामदेवं महादेवं लोकनाथं जगद्गुरुम् ।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ ११ ॥
देवदेवं जगन्नाथं देवेशमृषभध्वजम् ।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ।। १३ ।।
अनन्तमव्ययं शान्तमक्षमालाधरं हरम् ।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ॥ १४ ।।
आनन्दं परमं नित्यं कैवल्यपदकारणम् ।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ।। १५ ।।
स्वर्गापवर्गदातारं सृष्टिस्थित्यन्तकारिणम् ।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्युः करिष्यति ।। १६ ।।
॥ इति श्रीपद्मपुराणान्तर्गत उत्तरखण्डे श्रीमृत्युञ्जयस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
Related to Shiv
Uma Maheshwar Stotram (उमा महेश्वर स्तोत्रम्)
उमा महेश्वर स्तोत्रम् भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त महिमा का वर्णन करता है। इसमें उमा (पार्वती) और महेश्वर (शिव) के दिव्य स्वरूप, उनकी करूणा, और उनकी शक्ति की स्तुति की गई है। यह स्तोत्र दर्शाता है कि शिव और शक्ति का मिलन सृष्टि के संतुलन और हर जीव के कल्याण का आधार है। कैलाश पर्वत पर निवास करने वाले इस दिव्य युगल का स्मरण जीवन के संकटों को दूर करता है और भक्तों को सुख, शांति, और समृद्धि प्रदान करता है। यह स्तोत्र कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की पूजाओं में विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। शिव और पार्वती के इस अद्वितीय स्वरूप की आराधना से जीवन में आध्यात्मिक संतुलन और सांसारिक सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।Stotra
Shri Shivaparadha Kshamapana Stotra
शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान शिव की पूजा और आराधना के दौरान हुई त्रुटियों और अपराधों की क्षमा के लिए उच्चारित किया जाता है। इसे विशेष रूप से भगवान शिव के प्रति किए गए आध्यात्मिक दोष और उपासना में हुई गल्तियों के लिए माँगने के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र के माध्यम से भक्त अपने गलत कार्यों को सुधारने और भगवान शिव के अद्वितीय और अचूक कृपा से जुड़ने का प्रयास करते हैं। इस स्तोत्र का उच्चारण भगवान शिव की उपासना के बाद करना चाहिए, ताकि आत्मा को शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हो सके। इसका नियमित अभ्यास करने से साधक अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन महसूस करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की दिव्य कृपा और माता दुर्गा की शक्तियों के साथ साधक को जोड़े रखता है।Stotra
Sarvrup Bhagwan Arti (सर्वरूप भगवान् आरती)
सर्वरूप भगवान की आरती में भगवान के सभी रूपों की आराधना और वंदना की जाती है। यह आरती भगवान को उनकी सर्वशक्तिमानता, कृपा, और संपूर्णता के लिए समर्पित है। Sarvaroop Bhagwan Aarti में ईश्वर को उनके सृष्टि रचयिता, पालनहार, और संहारक रूपों के लिए पूजा जाता है। यह आरती गाने से भक्तों को आध्यात्मिक बल, शांति, और धार्मिक उत्थान की प्राप्ति होती है।Arti
Kashi Panchakam Stotra (काशीपंचकम स्तोत्र)
काशी पंचकम स्तोत्र (Kashi Panchakam Stotra) भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित एक दिव्य स्तोत्र (divine hymn) है, जो काशी (Kashi/Varanasi) की महिमा (glory) का वर्णन करता है। काशी को मोक्ष (salvation) का द्वार और आध्यात्मिक ऊर्जा (spiritual energy) का केंद्र माना गया है। इस स्तोत्र का पाठ (recitation) आत्मज्ञान (self-realization), शांति (peace), और ईश्वर की कृपा (divine blessings) प्राप्त करने के लिए किया जाता है। भगवान शिव, जिन्हें विश्वनाथ (Vishwanath) के नाम से भी जाना जाता है, काशी में सदा वास करते हैं। काशी पंचकम का जप व्यक्ति को पापों (sins) से मुक्त कर जीवन को दिव्यता (divinity) से परिपूर्ण करता है।Devi-Stotra
Kashi Vishwanathashtakam (काशी विश्वनाथाष्टकम्)
Kashi Vishwanath Ashtakam भगवान शिव के काशी स्थित विश्वनाथ रूप की महिमा का वर्णन करता है, जिन्हें "Lord of the Universe" और "Supreme Divine Protector" माना जाता है। यह स्तोत्र काशी, जो "Spiritual Capital" और "Sacred City of Lord Shiva" के रूप में प्रसिद्ध है, उसकी महिमा और शक्ति को प्रणाम करता है। Kashi Vishwanath Ashtakam का पाठ "Shiva Devotional Chant" और "Divine Blessings Hymn" के रूप में किया जाता है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति को "Spiritual Awakening" और "Inner Peace" प्राप्त होती है। यह स्तोत्र "Blessings of Lord Shiva" और "Cosmic Energy Prayer" के रूप में प्रभावी है। इसका जाप करने से जीवन में "Spiritual Protection" और "Positive Energy" का प्रवाह होता है। Kashi Vishwanath Ashtakam को "Divine Shiva Prayer" और "Blessings for Prosperity" के रूप में पढ़ने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। काशी विश्वनाथ की कृपा से जीवन में शांति, समृद्धि और आत्मिक संतुलन आता है।Ashtakam
Bhagwan Kailashwashi Arti (भगवान् कैलासवासी आरती )
शीश गंग अर्धन्ग पार्वती भगवान कैलाशवासी की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। इसमें Lord Kailashnath और उनकी अर्धांगिनी Goddess Parvati के प्रति श्रद्धा और भक्ति का वर्णन है। यह आरती Shiva-Parvati के मिलन और उनके दिव्य रूप की स्तुति करती है।Arti
Shivanand Lahari (शिवानन्द लहरि)
शिवानन्द लहरी भगवान शिव की स्तुति में रचित एक भजन है, जो उनकी अनंत कृपा और आशीर्वाद को आमंत्रित करता है।Lahari
Shiva Chalisa
भगवान शिव की कृपा और शक्ति पाने के लिए शिव चालीसा एक प्रसिद्ध भक्ति गीत है। इसमें 40 छंद हैं, जो Maha Shivratri और Shiv Puja के दौरान विशेष रूप से पाठ किए जाते हैं। Shiv Chalisa in Hindi का नियमित जाप भक्तों को आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद प्रदान करता है। यह Shiva Mantra for Positivity के साथ जीवन में सकारात्मक बदलाव और शक्ति का अनुभव कराता है। Shiv Ji Aarti और Shiv Ji Ki Puja के साथ इसका पाठ जीवन के सभी कष्टों को हरने में सहायक होता है।Chalisa