No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Shiv Tandava Stotra: शिवताण्डव स्तोत्र | Lord Shiva’s Cosmic Dance and Tandava Energy
Shiv Tandava Stotra (शिवताण्डवस्तोत्रम्)
शिव तांडव स्तोत्र को बहुत चमत्कारी माना जाता है। इसकी रचना रावण द्वारा की गई है। कहा जाता है कि एक बार अहंकारवश रावण ने कैलाश को उठाने की कोशिश की तो भगवान शिव ने अपने अंगूठे से पर्वत को दबाकर स्थिर कर दिया, जिससे रावण का हाथ पर्वत के नीचे दब गया। तब पीड़ा में रावण ने भगवान शिव की स्तुति की। रावण द्वारा की गई यह स्तुति शिव तांडव स्तोत्र के नाम से जानी जाती है। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ अन्य किसी भी पाठ की तुलना में भगवान शिव को अधिक प्रिय है। इसका पाठ करने से शिव जी बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।शिवताण्डवस्तोत्रम्
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥
जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी- विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्द्धनि ।
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥
धराधरेन्द्रनन्दिनीविलासबन्धुबन्धुर- स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।
कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥३॥
जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा- कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥
सहस्त्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर- प्रसूनधूलिधोरणीविधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटकः श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥
ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभानिपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं महाकपालि सम्पदे शिरो जटालमस्तु नः ॥६॥
करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वलद्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रकप्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥
नवीनमेघमण्डलीनिरुद्धदुर्धरस्फुरत्कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगधुरन्धरः ॥८॥
प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभावलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छिदान्धकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥९॥
अखर्वसर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरीरसप्रवाहमाधुरीविजृम्भणामधुव्रतम् ।
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥१०॥
जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वसद्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।
धिमिद्धिमिद्धिमिद्ध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गलध्वनिक्रमप्रवर्तितप्रचण्डताण्डवः शिवः ॥११॥
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः समप्रवृत्तिकः कदा सदाशिवं भजाम्यहम् ॥१२॥
कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमञ्जलिं वहन् ।
विलोललोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मन्त्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥१३॥
इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेति सन्ततम् ।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिन्तनम् ॥१४॥
पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां लक्ष्मीं सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥१५॥
इति श्रीरावणकृतं शिवताण्डवस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
Related to Shiv
Dwadash Jyotirlinga Stotram (द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्)
Dwadash Jyotirlinga Stotram भगवान Shiva के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव को "Destroyer of Evil" और "Supreme Protector" के रूप में आदरपूर्वक स्मरण करता है। इसमें सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, काशी विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर, रामेश्वरम, और अन्य ज्योतिर्लिंगों की "Sacred Sites of Shiva" के रूप में स्तुति की गई है। यह स्तोत्र "Shiva Devotional Hymn" और "Spiritual Protection Chant" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके नियमित पाठ से जीवन में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। Dwadash Jyotirlinga Stotram को "Hymn for 12 Jyotirlingas" और "Prayer for Divine Blessings" के रूप में पढ़ने से भक्त का मनोबल और विश्वास बढ़ता है।Stotra
Shri Nataraja Stotram (Patanjali Krutam) (श्री नटराज स्तोत्रं (पतंजलि कृतम्))
Shri Nataraja Stotram (Patanjali Krutam) भगवान Lord Nataraja के महिमा का गान करने वाला एक अद्भुत Hindu Stotra है। इसे Rishi Patanjali ने रचित किया है और यह Dance Form of Shiva का वर्णन करता है। इस Divine Hymn का Chanting से भक्तों को Spiritual Awakening और Divine Knowledge प्राप्त होती है। Lord Shiva Worship में Nataraja Stotra का जाप जीवन में Peace, Prosperity, और Positive Energy लाता है। यह Auspicious Stotra भक्तों को Inner Strength और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। भगवान Nataraja’s Grace से साधक को Moksha और जीवन में Divine Blessings प्राप्त होती हैं।Stotra
Shiva Manas Puja (शिव मानस पूज)
शिव मानस पूजा एक आध्यात्मिक भजन है जो भगवान शिव की मानसिक पूजा का वर्णन करता है, जिसमें उन्हें उनके दिव्य गुणों के साथ ध्यान किया जाता है।Shloka-Mantra
Bhairava Rupa Shiva Stuti (भैरवरूप शिव स्तुति)
Bhairava Rupa Shiva Stuti (भैरवरूप शिव स्तुति) भगवान Shiva के उग्र और Bhairava स्वरूप को समर्पित एक दिव्य stuti है। भगवान भैरव को protector, destroyer of negativity और guardian of cosmic order माना जाता है। यह hymn भगवान शिव के उन गुणों को दर्शाता है, जिनमें वे fearlessness, protection, और justice के प्रतीक हैं। इस stuti का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से fear, obstacles, और negative energies समाप्त होती हैं। विशेष रूप से Kalabhairava Ashtami और Amavasya के दिन इसका recitation अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। Bhairava के भक्तों को इस stuti का नित्य पाठ करना चाहिए, जिससे वे courage, strength, और divine blessings प्राप्त कर सकें।Stuti
Anand Lahari (आनन्द लहरि)
आनन्द लहरि एक आध्यात्मिक भजन है जो भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है, जो उनकी कृपा और आनंद को व्यक्त करता है।Lahari
Shiva Sankalpa Upanishad (शिवसङ्कल्पोपनिषत् )
शिवसङ्कल्पोपनिषत् एक प्राचीन ग्रंथ है जो भगवान शिव की महिमा और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन करता है।Shloka-Mantra
Shri Shiv Sukti (श्री शिव सूक्ति)
श्री शिव सुक्ति एक दिव्य ग्रंथ है जो महादेव (Supreme God) की महिमा और उनकी अलौकिक शक्ति (Divine Power) का वर्णन करता है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों, उनकी कृपा, और उनके सृष्टि संचालन (Cosmic Creation) के महत्व को दर्शाया गया है। शिव को "योगेश्वर" (Master of Yoga) और आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual Wisdom) के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ शिव की स्तुति, मंत्रों (Mantras), और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति को आत्मिक शांति (Inner Peace) और मुक्ति (Liberation) प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है। शिव भक्तों (Devotees) के लिए यह ग्रंथ एक प्रेरणास्त्रोत (Source of Inspiration) है, जो उन्हें शिव की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करता है। इसमें शिवलिंग (Shivling) की पूजा, रुद्राक्ष (Rudraksha) के महत्व, और शिव भक्ति (Devotion) के प्रभाव को सरल और प्रभावशाली तरीके से बताया गया है। श्री शिव सुक्ति का संदेश हर युग में प्रासंगिक है और यह शिव के प्रति आस्था (Faith) और धर्म (Righteousness) के मार्ग को प्रेरित करता है।Sukti
Shri Rudra Laghunyasam (श्री रुद्रं लघुन्यासम्)
श्री रुद्रं लघुन्यासम् एक पवित्र वैदिक मंत्र है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह यजुर्वेद का हिस्सा है और इसे मन और आत्मा को शुद्ध करने, शांति और आशीर्वाद आमंत्रित करने के लिए माना जाता है।MahaMantra