No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 44 (नारायणीयं दशक 44)
नारायणीयं दशक 44 (Narayaniyam Dashaka 44)
गूढं वसुदेवगिरा कर्तुं ते निष्क्रियस्य संस्कारान् ।
हृद्गतहोरातत्त्वो गर्गमुनिस्त्वत् गृहं विभो गतवान् ॥1॥
नंदोऽथ नंदितात्मा वृंदिष्टं मानयन्नमुं यमिनाम् ।
मंदस्मितार्द्रमूचे त्वत्संस्कारान् विधातुमुत्सुकधीः ॥2॥
यदुवंशाचार्यत्वात् सुनिभृतमिदमार्य कार्यमिति कथयन् ।
गर्गो निर्गतपुलकश्चक्रे तव साग्रजस्य नामानि ॥3॥
कथमस्य नाम कुर्वे सहस्रनाम्नो ह्यनंतनाम्नो वा ।
इति नूनं गर्गमुनिश्चक्रे तव नाम नाम रहसि विभो ॥4॥
कृषिधातुणकाराभ्यां सत्तानंदात्मतां किलाभिलपत् ।
जगदघकर्षित्वं वा कथयदृषिः कृष्णनाम ते व्यतनोत् ॥5॥
अन्यांश्च नामभेदान् व्याकुर्वन्नग्रजे च रामादीन् ।
अतिमानुषानुभावं न्यगदत्त्वामप्रकाशयन् पित्रे ॥6॥
स्निह्यति यस्तव पुत्रे मुह्यति स न मायिकैः पुनः शोकैः ।
द्रुह्यति यः स तु नश्येदित्यवदत्ते महत्त्वमृषिवर्यः ॥7॥
जेष्यति बहुतरदैत्यान् नेष्यति निजबंधुलोकममलपदम् ।
श्रोष्यसि सुविमलकीर्तीरस्येति भवद्विभूतिमृषिरूचे ॥8॥
अमुनैव सर्वदुर्गं तरितास्थ कृतास्थमत्र तिष्ठध्वम् ।
हरिरेवेत्यनभिलपन्नित्यादि त्वामवर्णयत् स मुनिः ॥9॥
गर्गेऽथ निर्गतेऽस्मिन् नंदितनंदादिनंद्यमानस्त्वम् ।
मद्गदमुद्गतकरुणो निर्गमय श्रीमरुत्पुराधीश ॥10॥
Related to Vishnu
Vishnu Ji Mantra (विष्णु मंत्र)
भगवान विष्णु के मंत्र इतने शक्तिशाली हैं कि जो इन मंत्रों का जाप करता है उस व्यक्ति के चारों ओर एक शक्तिशाली सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं और वह जातक चमत्कारी परिवर्तनों को महसूस कर सकता है।Mantra
Narayaniyam Dashaka 57 (नारायणीयं दशक 57)
नारायणीयं दशक 57 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 43 (नारायणीयं दशक 43)
नारायणीयं दशक 43 भगवान विष्णु की महिमा और उनकी अनंत कृपा का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु के दिव्य गुणों और उनकी भक्तों के प्रति अद्वितीय प्रेम का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Bhaj Govindam (भज गोविन्दम्)
भज गोविन्दम् आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक भजन है, जो भगवान कृष्ण की स्तुति में गाया जाता है और भक्तों को भक्ति और साधना की शिक्षा देता है।Shloka-Mantra
Narayaniyam Dashaka 60 (नारायणीयं दशक 60)
नारायणीयं दशक 60 भगवान नारायण के अद्वितीय लीलाओं और उनकी दयालुता का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Shri Ramashtottara Shat Naam Stotram (श्री रामाष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्)
श्री रामाष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् भगवान राम के 108 दिव्य नामों की स्तुति में रचित है, जो उनके विभिन्न गुणों और लीलाओं का वर्णन करता है।Stotra
Maha Vishnu Stotram - Garudgaman Tav (महा विष्णु स्तोत्रम् - गरुडगमन तव)
महा विष्णु स्तोत्रम् - गरुडगमन तव भगवान विष्णु की स्तुति करने वाला एक प्रतिष्ठित स्तोत्र है, जो ब्रह्मांड के संरक्षक और रक्षक हैं, अक्सर गरुड़ पर सवार दिखाई देते हैं। इस स्तोत्र का जाप करने से दिव्य सुरक्षा, शांति और आध्यात्मिक उत्थान मिलता है।Stotra
Narayaniyam Dashaka 80 (नारायणीयं दशक 80)
नारायणीयं का अस्सीवां दशक भगवान विष्णु के अद्वितीय स्वरूप और उनकी असीम शक्तियों का वर्णन करता है। इस दशक में, भगवान की अनंत शक्तियों और उनके द्वारा किए गए अद्भुत कार्यों की महिमा की गई है। भक्त भगवान की महिमा और उनकी असीम कृपा का अनुभव करते हैं।Narayaniyam-Dashaka