No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Shri Vishnu Shat Nam Stotram (Vishnu Purana) (श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम्)
श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् (विष्णु पुराण)
(Shri Vishnu Shat Nam Stotram (Vishnu Purana))
॥ श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनामस्तोत्रम् ॥
वासुदेवं हृषीकेशं वामनं जलशायिनम् ।
जनार्दनं हरिं कृष्णं श्रीवक्षं गरुडध्वजम् ॥ 1 ॥
वाराहं पुण्डरीकाक्षं नृसिंहं नरकान्तकम् ।
अव्यक्तं शाश्वतं विष्णुमनन्तमजमव्ययम् ॥ 2 ॥
नारायणं गदाध्यक्षं गोविन्दं कीर्तिभाजनम् ।
गोवर्धनोद्धरं देवं भूधरं भुवनेश्वरम् ॥ 3 ॥
वेत्तारं यज्ञपुरुषं यज्ञेशं यज्ञवाहनम् ।
चक्रपाणिं गदापाणिं शङ्खपाणिं नरोत्तमम् ॥ 4 ॥
वैकुण्ठं दुष्टदमनं भूगर्भं पीतवाससम् ।
त्रिविक्रमं त्रिकालज्ञं त्रिमूर्तिं नन्दकेश्वरम् ॥ 5 ॥
रामं रामं हयग्रीवं भीमं रऽउद्रं भवोद्भवम् ।
श्रीपतिं श्रीधरं श्रीशं मङ्गलं मङ्गलायुधम् ॥ 6 ॥
दामोदरं दमोपेतं केशवं केशिसूदनम् ।
वरेण्यं वरदं विष्णुमानन्दं वासुदेवजम् ॥ 7 ॥
हिरण्यरेतसं दीप्तं पुराणं पुरुषोत्तमम् ।
सकलं निष्कलं शुद्धं निर्गुणं गुणशाश्वतम् ॥ 8 ॥
हिरण्यतनुसङ्काशं सूर्यायुतसमप्रभम् ।
मेघश्यामं चतुर्बाहुं कुशलं कमलेक्षणम् ॥ 9 ॥
ज्योतीरूपमरूपं च स्वरूपं रूपसंस्थितम् ।
सर्वज्ञं सर्वरूपस्थं सर्वेशं सर्वतोमुखम् ॥ 10 ॥
ज्ञानं कूटस्थमचलं ज्ञ्हानदं परमं प्रभुम् ।
योगीशं योगनिष्णातं योगिसंयोगरूपिणम् ॥ 11 ॥
ईश्वरं सर्वभूतानां वन्दे भूतमयं प्रभुम् ।
इति नामशतं दिव्यं वैष्णवं खलु पापहम् ॥ 12 ॥
व्यासेन कथितं पूर्वं सर्वपापप्रणाशनम् ।
यः पठेत् प्रातरुत्थाय स भवेद् वैष्णवो नरः ॥ 13 ॥
सर्वपापविशुद्धात्मा विष्णुसायुज्यमाप्नुयात् ।
चान्द्रायणसहस्राणि कन्यादानशतानि च ॥ 14 ॥
गवां लक्षसहस्राणि मुक्तिभागी भवेन्नरः ।
अश्वमेधायुतं पुण्यं फलं प्राप्नोति मानवः ॥ 15 ॥
॥ इति श्रीविष्णुपुराणे श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनास्तोत्रम् ॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 76 (नारायणीयं दशक 76)
नारायणीयं दशक 76 भगवान नारायण की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 44 (नारायणीयं दशक 44)
नारायणीयं दशक 44 भगवान विष्णु की कृपा और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु के दिव्य गुणों और उनकी भक्तों के प्रति अनंत प्रेम का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 47 (नारायणीयं दशक 47)
नारायणीयं दशक 47 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 79 (नारायणीयं दशक 79)
नारायणीयं का उन्यासीवां दशक भगवान विष्णु के दिव्य स्वरूप और उनकी लीला का गहन विवरण प्रदान करता है। इस दशक में, भगवान की महिमा और उनके द्वारा किए गए अद्भुत कार्यों का वर्णन किया गया है। भक्त भगवान की अनंत कृपा और उनकी दिव्यता का अनुभव करते हैं।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 87 (नारायणीयं दशक 87)
नारायणीयं का सत्तासीवां दशक भगवान विष्णु की असीम कृपा और उनके भक्तों के प्रति उनके अनुग्रह का वर्णन करता है। इस दशक में भगवान की कृपा और उनके भक्तों के प्रति उनके प्रेम की महिमा की गई है। भक्त भगवान की अनंत कृपा और उनकी दिव्यता का अनुभव करते हैं।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 78 (नारायणीयं दशक 78)
नारायणीयं दशक 78 भगवान नारायण की महिमा का वर्णन करता है और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 43 (नारायणीयं दशक 43)
नारायणीयं दशक 43 भगवान विष्णु की महिमा और उनकी अनंत कृपा का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु के दिव्य गुणों और उनकी भक्तों के प्रति अद्वितीय प्रेम का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 69 (नारायणीयं दशक 69)
नारायणीयं दशक 69 भगवान नारायण की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka