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Shri Amarnath Ashtakam || श्री अमरनाथाष्टकम् : A Divine Prayer to Lord Shiva’s Ice Lingam
Shri Amarnath Ashtakam (श्री अमरनाथाष्टकम्)
Shri Amarnath Ashtakam भगवान शिव के अमरनाथ धाम में स्थित उनके दिव्य रूप की महिमा का वर्णन करता है, जिन्हें "Lord of Immortality" और "Supreme Divine Protector" माना जाता है। यह स्तोत्र अमरनाथ यात्रा की महिमा और शिवलिंग के दिव्य स्वरूप की पूजा करता है, जिसे "Sacred Shiva Lingam" और "Cosmic Energy Source" के रूप में पूजित किया जाता है। Shri Amarnath Ashtakam का पाठ "Shiva Devotional Hymn" और "Divine Blessings Chant" के रूप में किया जाता है। इसके नियमित पाठ से भक्तों को "Spiritual Protection" और "Inner Peace" प्राप्त होती है। यह स्तोत्र "Lord Shiva's Divine Grace" और "Blessings for Prosperity" के रूप में अत्यधिक प्रभावी है। इसका जाप करने से जीवन में "Positive Energy" का प्रवाह होता है और व्यक्ति को "Spiritual Awakening" और "Cosmic Protection" मिलती है। Shri Amarnath Ashtakam को "Sacred Prayer for Blessings" और "Shiva's Eternal Grace" के रूप में पढ़ने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।|| श्री अमरनाथाष्टकम् ||
(Shri Amarnath Ashtakam)
भागीरथीसलिलसान्द्रजटाकलापम्
शीतांशुकान्ति-रमणीय-विशाल-भालम् ।
कर्पूरदुग्धहिमहंसनिभं स्वतोजम्
नित्यं भजाम्यऽमरनाथमहं दयालुम् ॥
गौरीपतिं पशुपतिं वरदं त्रिनेत्रम्
भूताधिपं सकललोकपतिं सुरेशम् ।
शार्दूलचर्मचितिभस्मविभूषिताङ्गम्
नित्यं भजाम्यऽमरनाथमहं दयालुम् ॥
गन्धर्वयक्षरसुरकिन्नर-सिद्धसङ्घैः
संस्तूयमानमनिशं श्रुतिपूतमन्त्रैः ।
सर्वत्रसर्वहृदयैकनिवासिनं तम्
नित्यं भजाम्यऽमरनाथमहं दयालुम् ॥
व्योमानिलानलजलावनिसोमसूर्य
होत्रीभिरष्टतनुभिर्जगदेकनाथः ।
यस्तिष्ठतीह जनमङ्गलधारणाय
तं प्रार्थयाम्यऽमरनाथमहं दयालुम् ॥
शैलेन्द्रतुङ्गशिखरे गिरिजासमेतम्
प्रालेयदुर्गमगुहासु सदा वसन्तम् ।
श्रीमद्गजाननविराजित दक्षिणाङ्कम्
नित्यं भजाम्यऽमरनाथमहं दयालुम् ॥
वाग्बुद्धिचित्तकरणैश्च तपोभिरुग्रैः
शक्यं समाकलयितुं न यदीयरूपम् ।
तं भक्तिभावसुलभं शरणं नतानाम्
नित्य भजाम्यऽमरनाथमहं दयालुम् ॥
आद्यन्तहीनमखिलाधिपतिं गिरीशम्
भक्तप्रियं हितकरं प्रभुमद्वयैकम् ।
सृष्टिस्थितिप्रलयलीलमनन्तशक्तिम्
नित्यं भजाम्यऽमरनाथमहं दयालुम् ॥
हे पार्वतीश वृषभध्वज शूलपाणे
हे नीलकण्ठ मदनान्तक शुभ्रमूर्ते ।
हे भक्तकल्पतरुरूप सुखैकसिन्धो
मां पाहि पाहि भवतोऽमरनाथ नित्यम् ॥
इति स्वामी वरदानन्दभारतीविरचितं श्रीअमरनाथाष्टकं सम्पूर्णम् ।
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Shri Shivaparadha Kshamapana Stotra
शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान शिव की पूजा और आराधना के दौरान हुई त्रुटियों और अपराधों की क्षमा के लिए उच्चारित किया जाता है। इसे विशेष रूप से भगवान शिव के प्रति किए गए आध्यात्मिक दोष और उपासना में हुई गल्तियों के लिए माँगने के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र के माध्यम से भक्त अपने गलत कार्यों को सुधारने और भगवान शिव के अद्वितीय और अचूक कृपा से जुड़ने का प्रयास करते हैं। इस स्तोत्र का उच्चारण भगवान शिव की उपासना के बाद करना चाहिए, ताकि आत्मा को शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हो सके। इसका नियमित अभ्यास करने से साधक अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन महसूस करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की दिव्य कृपा और माता दुर्गा की शक्तियों के साथ साधक को जोड़े रखता है।Stotra
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