No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 58 (नारायणीयं दशक 58)
नारायणीयं दशक 58 (Narayaniyam Dashaka 58)
त्वयि विहरणलोले बालजालैः प्रलंब-
प्रमथनसविलंबे धेनवः स्वैरचाराः ।
तृणकुतुकनिविष्टा दूरदूरं चरंत्यः
किमपि विपिनमैषीकाख्यमीषांबभूवुः ॥1॥
अनधिगतनिदाघक्रौर्यवृंदावनांतात्
बहिरिदमुपयाताः काननं धेनवस्ताः ।
तव विरहविषण्णा ऊष्मलग्रीष्मताप-
प्रसरविसरदंभस्याकुलाः स्तंभमापुः ॥2॥
तदनु सह सहायैर्दूरमन्विष्य शौरे
गलितसरणिमुंजारण्यसंजातखेदम् ।
पशुकुलमभिवीक्ष्य क्षिप्रमानेतुमारा-
त्त्वयि गतवति ही ही सर्वतोऽग्निर्जजृंभे ॥3॥
सकलहरिति दीप्ते घोरभांकारभीमे
शिखिनि विहतमार्गा अर्धदग्धा इवार्ताः ।
अहह भुवनबंधो पाहि पाहीति सर्वे
शरणमुपगतास्त्वां तापहर्तारमेकम् ॥4॥
अलमलमतिभीत्या सर्वतो मीलयध्वं
दृशमिति तव वाचा मीलिताक्षेषु तेषु ।
क्व नु दवदहनोऽसौ कुत्र मुंजाटवी सा
सपदि ववृतिरे ते हंत भांडीरदेशे ॥5॥
जय जय तव माया केयमीशेति तेषां
नुतिभिरुदितहासो बद्धनानाविलासः ।
पुनरपि विपिनांते प्राचरः पाटलादि-
प्रसवनिकरमात्रग्राह्यघर्मानुभावे ॥6॥
त्वयि विमुखमिवोच्चैस्तापभारं वहंतं
तव भजनवदंतः पंकमुच्छोषयंतम् ।
तव भुजवदुदंचद्भूरितेजःप्रवाहं
तपसमयमनैषीर्यामुनेषु स्थलेषु ॥7॥
तदनु जलदजालैस्त्वद्वपुस्तुल्यभाभि-
र्विकसदमलविद्युत्पीतवासोविलासैः ।
सकलभुवनभाजां हर्षदां वर्षवेलां
क्षितिधरकुहरेषु स्वैरवासी व्यनैषीः ॥8॥
कुहरतलनिविष्टं त्वां गरिष्ठं गिरींद्रः
शिखिकुलनवकेकाकाकुभिः स्तोत्रकारी ।
स्फुटकुटजकदंबस्तोमपुष्पांजलिं च
प्रविदधदनुभेजे देव गोवर्धनोऽसौ ॥9॥
अथ शरदमुपेतां तां भवद्भक्तचेतो-
विमलसलिलपूरां मानयन् काननेषु ।
तृणममलवनांते चारु संचारयन् गाः
पवनपुरपते त्वं देहि मे देहसौख्यम् ॥10॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 15 (नारायणीयं दशक 15)
नारायणीयं दशक 15 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।Narayaniyam-Dashaka
Baal Mukundashtakam (बाल मुकुन्दाष्टकम्)
बाल मुकुन्दाष्टकम् भगवान मुकुन्द के बाल रूप का वर्णन करता है, जो उनकी सुंदरता और लीलाओं का गुणगान करता है।Ashtakam
Narayaniyam Dashaka 54 (नारायणीयं दशक 54)
नारायणीयं दशक 54 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 60 (नारायणीयं दशक 60)
नारायणीयं दशक 60 भगवान नारायण के अद्वितीय लीलाओं और उनकी दयालुता का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Shri Srinivasa Gadyam (श्री श्रीनिवास गद्यम्)
श्री श्रीनिवास गद्यम् एक भक्तिपूर्ण प्रार्थना है जो भगवान श्रीनिवास की महिमा का वर्णन करता है।Shloka-Mantra
Narayaniyam Dashaka 49 (नारायणीयं दशक 49)
नारायणीयं दशक 49 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 43 (नारायणीयं दशक 43)
नारायणीयं दशक 43 भगवान विष्णु की महिमा और उनकी अनंत कृपा का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु के दिव्य गुणों और उनकी भक्तों के प्रति अद्वितीय प्रेम का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 94 (नारायणीयं दशक 94)
नारायणीयं दशक 94 भगवान विष्णु की दिव्य शक्तियों और उनके अनंत गुणों का वर्णन करता है। यह अध्याय भक्तों को भगवान की महिमा का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।Narayaniyam-Dashaka