No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 17 (नारायणीयं दशक 17)
नारायणीयं दशक 17 (Narayaniyam Dashaka 17)
उत्तानपादनृपतेर्मनुनंदनस्य
जाया बभूव सुरुचिर्नितरामभीष्टा ।
अन्या सुनीतिरिति भर्तुरनादृता सा
त्वामेव नित्यमगतिः शरणं गताऽभूत् ॥1॥
अंके पितुः सुरुचिपुत्रकमुत्तमं तं
दृष्ट्वा ध्रुवः किल सुनीतिसुतोऽधिरोक्ष्यन् ।
आचिक्षिपे किल शिशुः सुतरां सुरुच्या
दुस्संत्यजा खलु भवद्विमुखैरसूया ॥2॥
त्वन्मोहिते पितरि पश्यति दारवश्ये
दूरं दुरुक्तिनिहतः स गतो निजांबाम् ।
साऽपि स्वकर्मगतिसंतरणाय पुंसां
त्वत्पादमेव शरणं शिशवे शशंस ॥3॥
आकर्ण्य सोऽपि भवदर्चननिश्चितात्मा
मानी निरेत्य नगरात् किल पंचवर्षः ।
संदृष्टनारदनिवेदितमंत्रमार्ग-
स्त्वामारराध तपसा मधुकाननांते ॥4॥
ताते विषण्णहृदये नगरीं गतेन
श्रीनारदेन परिसांत्वितचित्तवृत्तौ ।
बालस्त्वदर्पितमनाः क्रमवर्धितेन
निन्ये कठोरतपसा किल पंचमासान् ॥5॥
तावत्तपोबलनिरुच्छ्-वसिते दिगंते
देवार्थितस्त्वमुदयत्करुणार्द्रचेताः ।
त्वद्रूपचिद्रसनिलीनमतेः पुरस्ता-
दाविर्बभूविथ विभो गरुडाधिरूढः ॥6॥
त्वद्दर्शनप्रमदभारतरंगितं तं
दृग्भ्यां निमग्नमिव रूपरसायने ते ।
तुष्टूषमाणमवगम्य कपोलदेशे
संस्पृष्टवानसि दरेण तथाऽऽदरेण ॥7॥
तावद्विबोधविमलं प्रणुवंतमेन-
माभाषथास्त्वमवगम्य तदीयभावम् ।
राज्यं चिरं समनुभूय भजस्व भूयः
सर्वोत्तरं ध्रुव पदं विनिवृत्तिहीनम् ॥8॥
इत्यूचिषि त्वयि गते नृपनंदनोऽसा-
वानंदिताखिलजनो नगरीमुपेतः ।
रेमे चिरं भवदनुग्रहपूर्णकाम-
स्ताते गते च वनमादृतराज्यभारः ॥9॥
यक्षेण देव निहते पुनरुत्तमेऽस्मिन्
यक्षैः स युद्धनिरतो विरतो मनूक्त्या ।
शांत्या प्रसन्नहृदयाद्धनदादुपेता-
त्त्वद्भक्तिमेव सुदृढामवृणोन्महात्मा ॥10॥
अंते भवत्पुरुषनीतविमानयातो
मात्रा समं ध्रुवपदे मुदितोऽयमास्ते ।
एवं स्वभृत्यजनपालनलोलधीस्त्वं
वातालयाधिप निरुंधि ममामयौघान् ॥11॥
Related to Vishnu
Vishnu Shatpadi (विष्णु षट्पदि)
विष्णु षट्पदि एक दिव्य भजन है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह भजन भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है और भक्तों को शांति और भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करता है।Shloka-Mantra
Sudarshan Ashtottara Sata Naam Stotram (सुदर्शन अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्)
Sudarshan Ashtottara Sata Naam Stotram भगवान Vishnu के Sudarshan Chakra की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है, जिसे "Divine Weapon" और "Protector of Dharma" के रूप में जाना जाता है। इस स्तोत्र का पाठ नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियों और शत्रुओं से रक्षा के लिए किया जाता है। यह स्तोत्र "Sudarshan Chakra Hymn" और "Divine Protection Prayer" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके पाठ से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा प्राप्त होती है। इसे "Sacred Chant for Protection" और "Lord Vishnu Devotional Hymn" के रूप में पढ़ने से जीवन में सफलता और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है।Stotra
Shri Venkateshwara Vajra Kavacha Stotram (श्री वेंकटेश्वर वज्र कवच स्तोत्रम्)
Shri Venkateshwara Vajra Kavacha Stotram भगवान श्री वेंकटेश्वर की "Divine Protection" और "Supreme Power" का आह्वान करता है, जो "Lord of the Universe" और "Divine Protector" के रूप में पूजित हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से भगवान वेंकटेश्वर की "Invincible Shield" और "Cosmic Energy" को शक्ति प्रदान करता है। Shri Venkateshwara Vajra Kavacha Stotram का पाठ "Spiritual Protection Mantra" और "Divine Shield Prayer" के रूप में किया जाता है। इसके जाप से व्यक्ति को "Inner Peace" और "Mental Strength" प्राप्त होती है। यह स्तोत्र "Blessings of Lord Venkateshwara" और "Victory Prayer" के रूप में प्रभावी है। इसके नियमित पाठ से जीवन में "Positive Energy" का प्रवाह होता है, और व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सुरक्षा मिलती है। Shri Venkateshwara Vajra Kavacha Stotram को "Divine Protection Prayer" और "Spiritual Awakening Chant" के रूप में पढ़ने से जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।Kavacha
Narayaniyam Dashaka 63 (नारायणीयं दशक 63)
नारायणीयं दशक 63 भगवान नारायण की अनंत महिमा और उनके दिव्य गुणों का गुणगान करता है।Narayaniyam-Dashaka
Dashaavatara Stotram (दशावतार स्तोत्रम्)
दशावतार स्तोत्रम् भगवान Vishnu के दस अवतारों की महिमा का वर्णन करता है, जो "Preserver of Universe" और "Supreme Protector" के रूप में पूजित हैं। यह स्तोत्रम् भक्तों को भगवान के Matsya, Kurma, Varaha, Narasimha, Vamana, Parashurama, Rama, Krishna, Buddha, और Kalki अवतारों के दिव्य कार्यों और उनके उद्देश्यों की याद दिलाता है। प्रत्येक अवतार पृथ्वी पर धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए अवतरित हुआ है। यह स्तोत्रम् "Divine Chant for Vishnu Avatars" और "Evil Destroyer Hymn" के रूप में लोकप्रिय है। दशावतार स्तोत्रम् का नियमित पाठ "Spiritual Devotion" और "Positive Energy Mantra" के रूप में लाभकारी माना जाता है। भगवान Vishnu के इन अवतारों की स्तुति से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। इसे "Vishnu Avatars Prayer" और "Hymn of Divine Incarnations" के रूप में पढ़ने से आध्यात्मिक जागरूकता और भक्तिभाव को बढ़ावा मिलता है।Stotra
Sudarshan Kavach (श्री सुदर्शन कवच )
सुदर्शन कवच (Sudarshan Kavach) भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का महान रक्षात्मक कवच (protective shield) है। इस कवच का पाठ (recitation) करने से व्यक्ति गंभीर बीमारियों (serious illnesses), बुरी नजर (evil eye), काले जादू (black magic) आदि से सुरक्षित रहता है और उसे उत्तम स्वास्थ्य (good health) प्राप्त होता है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी गंभीर बीमारी (chronic disease) से पीड़ित है, जिसे उपचार (treatment) और दवाओं (medication) के बावजूद राहत नहीं मिल रही है, जिसके कारण उसे बहुत शारीरिक कष्ट (physical suffering) और पीड़ा सहनी पड़ रही है और उसका परिवार भी अत्यधिक परेशान है, तो ऐसी स्थिति में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) अवश्य करना चाहिए। इस पाठ (recitation) से गंभीर बीमारियां (serious illnesses) धीरे-धीरे ठीक होने लगती हैं और शारीरिक स्वास्थ्य (physical health) भी अच्छा बना रहता है। व्यक्ति को दीर्घायु (longevity) का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि किसी व्यक्ति के घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा (negative energy), बुरी नजर (evil eye), तंत्र-मंत्र (tantra-mantra) का प्रभाव, काला जादू (black magic) आदि है, जिसके कारण परिवार के सदस्यों के बीच रोज किसी न किसी बात पर झगड़े होते हैं, सभी के मन में एक-दूसरे के प्रति नाराजगी रहती है, और घर में अशांति रहती है, तो ऐसी स्थिति में सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) करने और घर में सुदर्शन यंत्र (Sudarshan Yantra) स्थापित करने से व्यक्ति और उसका परिवार सभी नकारात्मक ऊर्जा (negative energy), काले जादू (black magic) आदि से सुरक्षित होने लगता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दैनिक पूजा (daily worship) में सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) अवश्य करना चाहिए, ताकि वह भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के दिव्य आशीर्वाद (divine blessings) प्राप्त कर सके।Kavacha
Shri Vishnu 28 Naam Stotra (श्रीविष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम्)
श्री विष्णु 28 नाम स्तोत्र भगवान विष्णु के 28 नामों का स्तुति पाठ है, जो भक्ति, धैर्य, और शांति का प्रतीक है। इसका पाठ करने से धन, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।Stotra
Vishnu Ji Mantra (विष्णु मंत्र)
भगवान विष्णु के मंत्र इतने शक्तिशाली हैं कि जो इन मंत्रों का जाप करता है उस व्यक्ति के चारों ओर एक शक्तिशाली सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं और वह जातक चमत्कारी परिवर्तनों को महसूस कर सकता है।Mantra