No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 40 (नारायणीयं दशक 40)
नारायणीयं दशक 40 (Narayaniyam Dashaka 40)
तदनु नंदममंदशुभास्पदं नृपपुरीं करदानकृते गतम्।
समवलोक्य जगाद भवत्पिता विदितकंससहायजनोद्यमः ॥1॥
अयि सखे तव बालकजन्म मां सुखयतेऽद्य निजात्मजजन्मवत् ।
इति भवत्पितृतां व्रजनायके समधिरोप्य शशंस तमादरात् ॥2॥
इह च संत्यनिमित्तशतानि ते कटकसीम्नि ततो लघु गम्यताम् ।
इति च तद्वचसा व्रजनायको भवदपायभिया द्रुतमाययौ ॥3॥
अवसरे खलु तत्र च काचन व्रजपदे मधुराकृतिरंगना ।
तरलषट्पदलालितकुंतला कपटपोतक ते निकटं गता ॥4॥
सपदि सा हृतबालकचेतना निशिचरान्वयजा किल पूतना ।
व्रजवधूष्विह केयमिति क्षणं विमृशतीषु भवंतमुपाददे ॥5॥
ललितभावविलासहृतात्मभिर्युवतिभिः प्रतिरोद्धुमपारिता ।
स्तनमसौ भवनांतनिषेदुषी प्रददुषी भवते कपटात्मने ॥5॥
समधिरुह्य तदंकमशंकितस्त्वमथ बालकलोपनरोषितः ।
महदिवाम्रफलं कुचमंडलं प्रतिचुचूषिथ दुर्विषदूषितम् ॥7॥
असुभिरेव समं धयति त्वयि स्तनमसौ स्तनितोपमनिस्वना ।
निरपतद्भयदायि निजं वपुः प्रतिगता प्रविसार्य भुजावुभौ ॥8॥
भयदघोषणभीषणविग्रहश्रवणदर्शनमोहितवल्लवे ।
व्रजपदे तदुरःस्थलखेलनं ननु भवंतमगृह्णत गोपिकाः ॥9॥
भुवनमंगलनामभिरेव ते युवतिभिर्बहुधा कृतरक्षणः ।
त्वमयि वातनिकेतननाथ मामगदयन् कुरु तावकसेवकम् ॥10॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 23 (नारायणीयं दशक 23)
नारायणीयं का तेईसवां दशक भगवान नारायण की कृपा और भक्तों की भक्ति के बारे में है। इसमें भगवान की महानता और उनकी लीला का वर्णन है। भक्तों को भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी शरण में जाने की प्रेरणा मिलती है।Narayaniyam-Dashaka
Shri Vishnu 28 Naam Stotra (श्रीविष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम्)
श्री विष्णु 28 नाम स्तोत्र भगवान विष्णु के 28 नामों का स्तुति पाठ है, जो भक्ति, धैर्य, और शांति का प्रतीक है। इसका पाठ करने से धन, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।Stotra
Shri Hari Stotram (श्री हरि स्तोत्रम्)
Shri Hari Stotram भगवान Vishnu की divine glory और supreme power का गुणगान करने वाला एक sacred hymn है। यह holy chant उनके infinite mercy, protection, और grace का वर्णन करता है। इस stotra के पाठ से negative energy दूर होती है और spiritual growth बढ़ती है। भक्तों को peace, prosperity, और divine blessings प्राप्त होते हैं। यह powerful mantra भगवान Hari की bhakti को गहरा करता है और karma व moksha की प्राप्ति में सहायक होता है। Shri Hari Stotram का जाप करने से जीवन में positivity और harmony आती है।Stotra
Jagdishwar Ji Arti (जगदीश्वर जी की आरती)
Lord Shiva, जिन्हें Mahadev, Destroyer of Evil, और Bholenath कहा जाता है, उनकी आरती में उनकी सर्वशक्तिमान और सृष्टि के पालक स्वरूप की वंदना की जाती है। Shiv Aarti का पाठ करने से negative energy समाप्त होती है और जीवन में positivity, strength, और spiritual growth आती है।Arti
Narayaniyam Dashaka 13 (नारायणीयं दशक 13)
नारायणीयं दशक 13 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 11 (नारायणीयं दशक 11)
नारायणीयं दशक 11 में भगवान नारायण के लीलाओं का वर्णन है। यह दशक भक्तों को भगवान के दिव्य लीलाओं की अद्वितीयता को समझाता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 24 (नारायणीयं दशक 24)
नारायणीयं का चौबीसवां दशक भगवान नारायण की महिमा और उनकी भक्ति के महत्त्व को उजागर करता है। इसमें भगवान के अनंत रूपों और उनके अवतारों की महानता का वर्णन है, जो भक्तों को उनकी भक्ति में और भी दृढ़ बनाता है।Narayaniyam-Dashaka
Vishnu Sahasranama Stotram (विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम्)
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम् भगवान Vishnu के 1000 divine names का संग्रह है, जो उनकी महिमा और eternal power को दर्शाता है। इसे Hindu scriptures में सबसे powerful और sacred chants माना गया है। इस स्तोत्र के पाठ से भक्तों को peace, prosperity और spiritual enlightenment प्राप्त होता है। Lord Vishnu की स्तुति troubles, negativity और karmic obstacles को दूर करती है। यह स्तोत्र life में positivity, divine blessings और protection का मार्ग प्रशस्त करता है।Sahasranama-Stotram