No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Dashaavatara Stotram || दशावतार स्तोत्रम् : Ancient Hymn Celebrating the Ten Incarnations of Lord Vishnu
Dashaavatara Stotram (दशावतार स्तोत्रम्)
दशावतार स्तोत्रम् भगवान Vishnu के दस अवतारों की महिमा का वर्णन करता है, जो "Preserver of Universe" और "Supreme Protector" के रूप में पूजित हैं। यह स्तोत्रम् भक्तों को भगवान के Matsya, Kurma, Varaha, Narasimha, Vamana, Parashurama, Rama, Krishna, Buddha, और Kalki अवतारों के दिव्य कार्यों और उनके उद्देश्यों की याद दिलाता है। प्रत्येक अवतार पृथ्वी पर धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए अवतरित हुआ है। यह स्तोत्रम् "Divine Chant for Vishnu Avatars" और "Evil Destroyer Hymn" के रूप में लोकप्रिय है। दशावतार स्तोत्रम् का नियमित पाठ "Spiritual Devotion" और "Positive Energy Mantra" के रूप में लाभकारी माना जाता है। भगवान Vishnu के इन अवतारों की स्तुति से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। इसे "Vishnu Avatars Prayer" और "Hymn of Divine Incarnations" के रूप में पढ़ने से आध्यात्मिक जागरूकता और भक्तिभाव को बढ़ावा मिलता है।दशावतार स्तोत्रम् (वेदांताचार्य कृतम्)
(Dashaavatara Stotram)
देवो नश्शुभमातनोतु दशधा निर्वर्तयन्भूमिकां
रंगे धामनि लब्धनिर्भररसैरध्यक्षितो भावुकैः ।
यद्भावेषु पृथग्विधेष्वनुगुणान्भावान्स्वयं बिभ्रती
यद्धर्मैरिह धर्मिणी विहरते नानाकृतिर्नायिका ॥ 1 ॥
निर्मग्नश्रुतिजालमार्गणदशादत्तक्षणैर्वीक्षणै-
रंतस्तन्वदिवारविंदगहनान्यौदन्वतीनामपाम् ।
निष्प्रत्यूहतरंगरिंखणमिथः प्रत्यूढपाथश्छटा-
डोलारोहसदोहलं भगवतो मात्स्यं वपुः पातु नः ॥ 2 ॥
अव्यासुर्भुवनत्रयीमनिभृतं कंडूयनैरद्रिणा
निद्राणस्य परस्य कूर्मवपुषो निश्वासवातोर्मयः ।
यद्विक्षेपणसंस्कृतोदधिपयः प्रेंखोलपर्यंकिका-
नित्यारोहणनिर्वृतो विहरते देवस्सहैव श्रिया ॥ 3 ॥
गोपायेदनिशं जगंति कुहनापोत्री पवित्रीकृत-
ब्रह्मांडप्रलयोर्मिघोषगुरुभिर्घोणारवैर्घुर्घुरैः ।
यद्दंष्ट्रांकुरकोटिगाढघटनानिष्कंपनित्यस्थिति-
र्ब्रह्मस्तंबमसौदसौ भगवतीमुस्तेवविश्वंभरा ॥ 4 ॥
प्रत्यादिष्टपुरातनप्रहरणग्रामःक्षणं पाणिजै-
रव्यात्त्रीणि जगंत्यकुंठमहिमा वैकुंठकंठीरवः ।
यत्प्रादुर्भवनादवंध्यजठरायादृच्छिकाद्वेधसां-
या काचित्सहसा महासुरगृहस्थूणापितामह्यभृत् ॥ 5 ॥
व्रीडाविद्धवदान्यदानवयशोनासीरधाटीभट-
स्त्रैयक्षं मकुटं पुनन्नवतु नस्त्रैविक्रमो विक्रमः ।
यत्प्रस्तावसमुच्छ्रितध्वजपटीवृत्तांतसिद्धांतिभि-
स्स्रोतोभिस्सुरसिंधुरष्टसुदिशासौधेषु दोधूयते ॥ 6 ॥
क्रोधाग्निं जमदग्निपीडनभवं संतर्पयिष्यन् क्रमा-
दक्षत्रामिह संततक्ष य इमां त्रिस्सप्तकृत्वः क्षितिम् ।
दत्वा कर्मणि दक्षिणां क्वचन तामास्कंद्य सिंधुं वस-
न्नब्रह्मण्यमपाकरोतु भगवानाब्रह्मकीटं मुनिः ॥ 7 ॥
पारावारपयोविशोषणकलापारीणकालानल-
ज्वालाजालविहारहारिविशिखव्यापारघोरक्रमः ।
सर्वावस्थसकृत्प्रपन्नजनतासंरक्षणैकव्रती
धर्मो विग्रहवानधर्मविरतिं धन्वी सतन्वीतु नः ॥ 8 ॥
फक्कत्कौरवपट्टणप्रभृतयः प्रास्तप्रलंबादय-
स्तालांकास्यतथाविधा विहृतयस्तन्वंतु भद्राणि नः ।
क्षीरं शर्करयेव याभिरपृथग्भूताः प्रभूतैर्गुणै-
राकौमारकमस्वदंतजगते कृष्णस्य ताः केलयः ॥ 9 ॥
नाथायैव नमः पदं भवतु नश्चित्रैश्चरित्रक्रमै-
र्भूयोभिर्भुवनान्यमूनिकुहनागोपाय गोपायते ।
कालिंदीरसिकायकालियफणिस्फारस्फटावाटिका-
रंगोत्संगविशंकचंक्रमधुरापर्याय चर्यायते ॥ 10 ॥
भाविन्या दशयाभवन्निह भवध्वंसाय नः कल्पतां
कल्की विष्णुयशस्सुतः कलिकथाकालुष्यकूलंकषः ।
निश्शेषक्षतकंटके क्षितितले धाराजलौघैर्ध्रुवं
धर्मं कार्तयुगं प्ररोहयति यन्निस्त्रिंशधाराधरः ॥ 11 ॥
इच्छामीन विहारकच्छप महापोत्रिन् यदृच्छाहरे
रक्षावामन रोषराम करुणाकाकुत्स्थ हेलाहलिन् ।
क्रीडावल्लव कल्किवाहन दशाकल्किन्निति प्रत्यहं
जल्पंतः पुरुषाः पुनंतु भुवनं पुण्यौघपण्यापणाः ॥
विद्योदन्वति वेंकटेश्वरकवौ जातं जगन्मंगलं
देवेशस्यदशावतारविषयं स्तोत्रं विवक्षेत यः ।
वक्त्रे तस्य सरस्वती बहुमुखी भक्तिः परा मानसे
शुद्धिः कापि तनौ दिशासु दशसु ख्यातिश्शुभा जृंभते ॥
इति कवितार्किकसिंहस्य सर्वतंत्रस्वतंत्रस्य श्रीमद्वेंकटनाथस्य वेदांताचार्यस्य कृतिषु दशावतारस्तोत्रम् ।
Related to Vishnu
Baal Mukundashtakam (बाल मुकुन्दाष्टकम्)
बाल मुकुन्दाष्टकम् भगवान मुकुन्द के बाल रूप का वर्णन करता है, जो उनकी सुंदरता और लीलाओं का गुणगान करता है।Ashtakam
Narayan Suktam (नारायण सूक्तम्)
नारायण सूक्तम्: यह वेदों में भगवान नारायण को समर्पित एक सूक्त है।Sukt
Shri Vishnu 28 Naam Stotra (श्रीविष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम्)
श्री विष्णु 28 नाम स्तोत्र भगवान विष्णु के 28 नामों का स्तुति पाठ है, जो भक्ति, धैर्य, और शांति का प्रतीक है। इसका पाठ करने से धन, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।Stotra
Narayaniyam Dashaka 2 (नारायणीयं दशक 2)
नारायणीयं दशक 2 में भगवान नारायण के लीलाओं और महानता का वर्णन है। यह दशक भक्तों को भगवान के विभूतियों की अद्वितीयता को दर्शाता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 3 (नारायणीयं दशक 3)
नारायणीयं दशक 3 में भगवान नारायण के महिमा का गान किया गया है। यह दशक भक्तों को भगवान के शक्ति और कृपा के लिए प्रार्थना करता है।Narayaniyam-Dashaka
Shri Vishnu Ji Vandana (श्री विष्णु-वन्दना)
श्री विष्णु वंदना भगवान विष्णु की पूजा और वंदना का एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है, जिसमें भगवान के पालक, रक्षक, और सृष्टि के संरक्षणकर्ता रूप की महिमा का गुणगान किया जाता है। विष्णु जी को धर्म, समृद्धि, और शांति के देवता माना जाता है।Vandana
Shri Vishnu Chalisa (श्री विष्णु चालीसा)
विष्णु चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान विष्णु पर आधारित है। हिन्दू मान्यतानुसार भगवान विष्णु त्रिदेवों में से एक हैं। Vishnu Chalisa का पाठ विशेष रूप से Vaikuntha Ekadashi और अन्य पूजा अवसरों पर किया जाता है। यह divine protection और blessings प्राप्त करने का एक अत्यंत शक्तिशाली साधन है। Vishnu mantra जीवन में peace और spiritual growth को बढ़ावा देता है।Chalisa
Narayaniyam Dashaka 8 (नारायणीयं दशक 8)
रायणीयं दशक 8 में भगवान नारायण के गुणों का वर्णन है। यह दशक भक्तों को भगवान के दिव्य गुणों की अद्वितीयता को समझाता है।Narayaniyam-Dashaka