No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 89 (नारायणीयं दशक 89)
नारायणीयं दशक 89 (Narayaniyam Dashaka 89)
रमाजाने जाने यदिह तव भक्तेषु विभवो
न सद्यस्संपद्यस्तदिह मदकृत्त्वादशमिनाम् ।
प्रशांतिं कृत्वैव प्रदिशसि ततः काममखिलं
प्रशांतेषु क्षिप्रं न खलु भवदीये च्युतिकथा ॥1॥
सद्यः प्रसादरुषितान् विधिशंकरादीन्
केचिद्विभो निजगुणानुगुणं भजंतः ।
भ्रष्टा भवंति बत कष्टमदीर्घदृष्ट्या
स्पष्टं वृकासुर उदाहरणं किलास्मिन् ॥2॥
शकुनिजः स तु नारदमेकदा
त्वरिततोषमपृच्छदधीश्वरम् ।
स च दिदेश गिरीशमुपासितुं
न तु भवंतमबंधुमसाधुषु ॥3॥
तपस्तप्त्वा घोरं स खलु कुपितः सप्तमदिने
शिरः छित्वा सद्यः पुरहरमुपस्थाप्य पुरतः ।
अतिक्षुद्रं रौद्रं शिरसि करदानेन निधनं
जगन्नाथाद्वव्रे भवति विमुखानां क्व शुभधीः ॥4॥
मोक्तारं बंधमुक्तो हरिणपतिरिव प्राद्रवत्सोऽथ रुद्रं
दैत्यात् भीत्या स्म देवो दिशि दिशि वलते पृष्ठतो दत्तदृष्टिः ।
तूष्णीके सर्वलोके तव पदमधिरोक्ष्यंतमुद्वीक्ष्य शर्वं
दूरादेवाग्रतस्त्वं पटुवटुवपुषा तस्थिषे दानवाय ॥5॥
भद्रं ते शाकुनेय भ्रमसि किमधुना त्वं पिशाचस्य वाचा
संदेहश्चेन्मदुक्तौ तव किमु न करोष्यंगुलीमंगमौलौ ।
इत्थं त्वद्वाक्यमूढः शिरसि कृतकरः सोऽपतच्छिन्नपातं
भ्रंशो ह्येवं परोपासितुरपि च गतिः शूलिनोऽपि त्वमेव ॥6॥
भृगुं किल सरस्वतीनिकटवासिनस्तापसा-
स्त्रिमूर्तिषु समादिशन्नधिकसत्त्वतां वेदितुम् ।
अयं पुनरनादरादुदितरुद्धरोषे विधौ
हरेऽपि च जिहिंसिषौ गिरिजया धृते त्वामगात् ॥7॥
सुप्तं रमांकभुवि पंकजलोचनं त्वां
विप्रे विनिघ्नति पदेन मुदोत्थितस्त्वम् ।
सर्वं क्षमस्व मुनिवर्य भवेत् सदा मे
त्वत्पादचिन्हमिह भूषणमित्यवादीः ॥8॥
निश्चित्य ते च सुदृढं त्वयि बद्धभावाः
सारस्वता मुनिवरा दधिरे विमोक्षम् ।
त्वामेवमच्युत पुनश्च्युतिदोषहीनं
सत्त्वोच्चयैकतनुमेव वयं भजामः ॥9॥
जगत्सृष्ट्यादौ त्वां निगमनिवहैर्वंदिभिरिव
स्तुतं विष्णो सच्चित्परमरसनिर्द्वैतवपुषम् ।
परात्मानं भूमन् पशुपवनिताभाग्यनिवहं
परितापश्रांत्यै पवनपुरवासिन् परिभजे ॥10॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 56 (नारायणीयं दशक 56)
नारायणीयं दशक 56 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 58 (नारायणीयं दशक 58)
नारायणीयं दशक 58 भगवान नारायण की महिमा का गुणगान करता है और उनकी कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 75 (नारायणीयं दशक 75)
नारायणीयं दशक 75 भगवान नारायण की महिमा का वर्णन करता है और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 98 (नारायणीयं दशक 98)
नारायणीयं दशक 98 भगवान विष्णु की दिव्यता और उनकी शक्तियों का वर्णन करता है। यह अध्याय भक्तों को भगवान के प्रति समर्पण और भक्ति की भावना से भर देता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 99 (नारायणीयं दशक 99)
नारायणीयं दशक 99 भगवान विष्णु की कृपा और उनके भक्तों के प्रति उनकी करुणा का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान के अनंत प्रेम और करुणा को दर्शाता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 93 (नारायणीयं दशक 93)
नारायणीयं दशक 93 भगवान विष्णु के अवतारों और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भक्तों को भगवान के अनंत रूपों और लीलाओं के प्रति श्रद्धा से भर देता है।Narayaniyam-Dashaka
Shri Vishnu Panchayudha Stotram (श्री पंचायुध स्तोत्रम्)
भगवान Vishnu के 5 weapons हैं जो उनके भक्तों और पूरे universe को demons और प्रकृति के अन्य बुरे तत्वों के अत्याचारों से बचाने वाले माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी इन divine weapons की पूजा करता है, उसे बुरी आत्माओं और जीवन की सभी समस्याओं से protection का आशीर्वाद मिलता है। पांच weapons इस प्रकार हैं: 1. Conch (Shankha) 2. Disc (Chakra or Wheel) 3. Mace (Gada) 4. Sword (Asi or Talwar) 5. Bow and Arrow (Sharnga or Dhanush with Teer) प्रत्येक weapon के लिए एक-एक stotra है, जो इन पांचों divine weapons की महिमा और शक्तियों की प्रशंसा करता है, जिन्हें 'Panchayudha Stotra' के नाम से जाना जाता है।Stotra
Achyutashtakam (अच्युताष्टकम्)
Achyutashtakam भगवान Lord Vishnu की अष्टकशरण स्तुति है, जो उनके दिव्य रूप और Divine Qualities का वर्णन करती है। इस Hindu Devotional Stotra का Chanting करने से भक्तों को Spiritual Growth, Protection, और Blessings मिलती है। Lord Vishnu Worship से जीवन में Peace, Prosperity, और Positive Transformation आती है। इस Sacred Hymn के पाठ से Divine Grace प्राप्त होती है और हर संकट से मुक्ति मिलती है। Achyutashtakam का पाठ करने से भक्तों को Inner Peace और Happiness प्राप्त होती है। यह Auspicious Stotra भक्तों के Spiritual Journey को उन्नति की ओर ले जाता है।Ashtakam