No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 56 (नारायणीयं दशक 56)
नारायणीयं दशक 56 (Narayaniyam Dashaka 56)
रुचिरकंपितकुंडलमंडलः सुचिरमीश ननर्तिथ पन्नगे ।
अमरताडितदुंदुभिसुंदरं वियति गायति दैवतयौवते ॥1॥
नमति यद्यदमुष्य शिरो हरे परिविहाय तदुन्नतमुन्नतम् ।
परिमथन् पदपंकरुहा चिरं व्यहरथाः करतालमनोहरम् ॥2॥
त्वदवभग्नविभुग्नफणागणे गलितशोणितशोणितपाथसि ।
फणिपताववसीदति सन्नतास्तदबलास्तव माधव पादयोः ॥3॥
अयि पुरैव चिराय परिश्रुतत्वदनुभावविलीनहृदो हि ताः ।
मुनिभिरप्यनवाप्यपथैः स्तवैर्नुनुवुरीश भवंतमयंत्रितम् ॥4॥
फणिवधूगणभक्तिविलोकनप्रविकसत्करुणाकुलचेतसा ।
फणिपतिर्भवताऽच्युत जीवितस्त्वयि समर्पितमूर्तिरवानमत् ॥5॥
रमणकं व्रज वारिधिमध्यगं फणिरिपुर्न करोति विरोधिताम् ।
इति भवद्वचनान्यतिमानयन् फणिपतिर्निरगादुरगैः समम् ॥6॥
फणिवधूजनदत्तमणिव्रजज्वलितहारदुकूलविभूषितः ।
तटगतैः प्रमदाश्रुविमिश्रितैः समगथाः स्वजनैर्दिवसावधौ ॥7॥
निशि पुनस्तमसा व्रजमंदिरं व्रजितुमक्षम एव जनोत्करे ।
स्वपति तत्र भवच्चरणाश्रये दवकृशानुररुंध समंततः ॥8॥
प्रबुधितानथ पालय पालयेत्युदयदार्तरवान् पशुपालकान् ।
अवितुमाशु पपाथ महानलं किमिह चित्रमयं खलु ते मुखम् ॥9॥
शिखिनि वर्णत एव हि पीतता परिलसत्यधुना क्रिययाऽप्यसौ ।
इति नुतः पशुपैर्मुदितैर्विभो हर हरे दुरितैःसह मे गदान् ॥10॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 7 (नारायणीयं दशक 7)
नारायणीयं दशक 7 में भगवान नारायण के लीलाओं की उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं। यह दशक भक्तों को भगवान के दिव्य लीलाओं की अद्वितीयता को समझाता है।Narayaniyam-Dashaka
Vishnu Sahasranama Stotram (विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम्)
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम् भगवान Vishnu के 1000 divine names का संग्रह है, जो उनकी महिमा और eternal power को दर्शाता है। इसे Hindu scriptures में सबसे powerful और sacred chants माना गया है। इस स्तोत्र के पाठ से भक्तों को peace, prosperity और spiritual enlightenment प्राप्त होता है। Lord Vishnu की स्तुति troubles, negativity और karmic obstacles को दूर करती है। यह स्तोत्र life में positivity, divine blessings और protection का मार्ग प्रशस्त करता है।Sahasranama-Stotram
Shri Vishnu Shat Nam Stotram (Vishnu Purana) (श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम्)
श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् भगवान विष्णु के 100 नामों की महिमा का वर्णन करता है, जो उनकी अनंत शक्ति और कृपा को दर्शाता है।Stotra
Narayaniyam Dashaka 57 (नारायणीयं दशक 57)
नारायणीयं दशक 57 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 52 (नारायणीयं दशक 52)
नारायणीयं दशक 52 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Jagdishwar Ji Arti (जगदीश्वर जी की आरती)
Lord Shiva, जिन्हें Mahadev, Destroyer of Evil, और Bholenath कहा जाता है, उनकी आरती में उनकी सर्वशक्तिमान और सृष्टि के पालक स्वरूप की वंदना की जाती है। Shiv Aarti का पाठ करने से negative energy समाप्त होती है और जीवन में positivity, strength, और spiritual growth आती है।Arti
Narayaniyam Dashaka 22 (नारायणीयं दशक 22)
नारायणीयं दशक 22 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।Narayaniyam-Dashaka
Dashavatara Stuti (दशावतार स्तुति)
Dashavatara Stuti भगवान Vishnu के दस incarnations (avatars) की स्तुति है, जिसमें वे demons और evil forces का नाश कर universe की रक्षा करते हैं। इसमें Matsya (Fish), Kurma (Tortoise), Varaha (Boar), Narasimha (Lion-Man), Vamana (Dwarf), Parashurama, Rama, Krishna, Buddha, और Kalki के गुण गाए जाते हैं। यह holy hymn भक्तों को spiritual power और divine blessings प्रदान करता है। Dashavatara Stotra का पाठ करने से negativity दूर होती है और positive energy बढ़ती है। यह sacred chant भगवान Vishnu की glory का वर्णन करता है और devotion को बढ़ाता है। इस स्तुति का जाप karma, dharma, और moksha प्राप्त करने के लिए किया जाता है।Stuti