No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 79 (नारायणीयं दशक 79)
नारायणीयं दशक 79 (Narayaniyam Dashaka 79)
बलसमेतबलानुगतो भवान् पुरमगाहत भीष्मकमानितः ।
द्विजसुतं त्वदुपागमवादिनं धृतरसा तरसा प्रणनाम सा ॥1॥
भुवनकांतमवेक्ष्य भवद्वपुर्नृपसुतस्य निशम्य च चेष्टितम् ।
विपुलखेदजुषां पुरवासिनां सरुदितैरुदितैरगमन्निशा ॥2॥
तदनु वंदितुमिंदुमुखी शिवां विहितमंगलभूषणभासुरा ।
निरगमत् भवदर्पितजीविता स्वपुरतः पुरतः सुभटावृता ॥3॥
कुलवधूभिरुपेत्य कुमारिका गिरिसुतां परिपूज्य च सादरम् ।
मुहुरयाचत तत्पदपंकजे निपतिता पतितां तव केवलम् ॥4॥
समवलोककुतूहलसंकुले नृपकुले निभृतं त्वयि च स्थिते ।
नृपसुता निरगाद्गिरिजालयात् सुरुचिरं रुचिरंजितदिङ्मुखा ॥5॥
भुवनमोहनरूपरुचा तदा विवशिताखिलराजकदंबया ।
त्वमपि देव कटाक्षविमोक्षणैः प्रमदया मदयांचकृषे मनाक् ॥6॥
क्वनु गमिष्यसि चंद्रमुखीति तां सरसमेत्य करेण हरन् क्षणात् ।
समधिरोप्य रथं त्वमपाहृथा भुवि ततो विततो निनदो द्विषाम् ॥7॥
क्व नु गतः पशुपाल इति क्रुधा कृतरणा यदुभिश्च जिता नृपाः ।
न तु भवानुदचाल्यत तैरहो पिशुनकैः शुनकैरिव केसरी ॥8॥
तदनु रुक्मिणमागतमाहवे वधमुपेक्ष्य निबध्य विरूपयन् ।
हृतमदं परिमुच्य बलोक्तिभिः पुरमया रमया सह कांतया ॥9॥
नवसमागमलज्जितमानसां प्रणयकौतुकजृंभितमन्मथाम् ।
अरमयः खलु नाथ यथासुखं रहसि तां हसितांशुलसन्मुखीम् ॥10॥
विविधनर्मभिरेवमहर्निशं प्रमदमाकलयन् पुनरेकदा ।
ऋजुमतेः किल वक्रगिरा भवान् वरतनोरतनोदतिलोलताम् ॥11॥
तदधिकैरथ लालनकौशलैः प्रणयिनीमधिकं सुखयन्निमाम् ।
अयि मुकुंद भवच्चरितानि नः प्रगदतां गदतांतिमपाकुरु ॥12॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 13 (नारायणीयं दशक 13)
नारायणीयं दशक 13 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।Narayaniyam-Dashaka
Sudarshan Kavach (श्री सुदर्शन कवच )
सुदर्शन कवच (Sudarshan Kavach) भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का महान रक्षात्मक कवच (protective shield) है। इस कवच का पाठ (recitation) करने से व्यक्ति गंभीर बीमारियों (serious illnesses), बुरी नजर (evil eye), काले जादू (black magic) आदि से सुरक्षित रहता है और उसे उत्तम स्वास्थ्य (good health) प्राप्त होता है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी गंभीर बीमारी (chronic disease) से पीड़ित है, जिसे उपचार (treatment) और दवाओं (medication) के बावजूद राहत नहीं मिल रही है, जिसके कारण उसे बहुत शारीरिक कष्ट (physical suffering) और पीड़ा सहनी पड़ रही है और उसका परिवार भी अत्यधिक परेशान है, तो ऐसी स्थिति में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) अवश्य करना चाहिए। इस पाठ (recitation) से गंभीर बीमारियां (serious illnesses) धीरे-धीरे ठीक होने लगती हैं और शारीरिक स्वास्थ्य (physical health) भी अच्छा बना रहता है। व्यक्ति को दीर्घायु (longevity) का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि किसी व्यक्ति के घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा (negative energy), बुरी नजर (evil eye), तंत्र-मंत्र (tantra-mantra) का प्रभाव, काला जादू (black magic) आदि है, जिसके कारण परिवार के सदस्यों के बीच रोज किसी न किसी बात पर झगड़े होते हैं, सभी के मन में एक-दूसरे के प्रति नाराजगी रहती है, और घर में अशांति रहती है, तो ऐसी स्थिति में सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) करने और घर में सुदर्शन यंत्र (Sudarshan Yantra) स्थापित करने से व्यक्ति और उसका परिवार सभी नकारात्मक ऊर्जा (negative energy), काले जादू (black magic) आदि से सुरक्षित होने लगता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दैनिक पूजा (daily worship) में सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) अवश्य करना चाहिए, ताकि वह भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के दिव्य आशीर्वाद (divine blessings) प्राप्त कर सके।Kavacha
Shri Vishnu Ji Vandana (श्री विष्णु-वन्दना)
श्री विष्णु वंदना भगवान विष्णु की पूजा और वंदना का एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है, जिसमें भगवान के पालक, रक्षक, और सृष्टि के संरक्षणकर्ता रूप की महिमा का गुणगान किया जाता है। विष्णु जी को धर्म, समृद्धि, और शांति के देवता माना जाता है।Vandana
Narayaniyam Dashaka 100 (नारायणीयं दशक 100)
नारायणीयं दशक 100 भगवान विष्णु के अवतारों और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भक्तों को भगवान के अनंत रूपों और लीलाओं के प्रति श्रद्धा से भर देता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 63 (नारायणीयं दशक 63)
नारायणीयं दशक 63 भगवान नारायण की अनंत महिमा और उनके दिव्य गुणों का गुणगान करता है।Narayaniyam-Dashaka
Shri Vishnu Shat Nam Stotram (Vishnu Purana) (श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम्)
श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् भगवान विष्णु के 100 नामों की महिमा का वर्णन करता है, जो उनकी अनंत शक्ति और कृपा को दर्शाता है।Stotra
Shri Venkateswara Prapatti (श्री वेङ्कटेश्वर प्रपत्ति)
श्री वेङ्कटेश्वर प्रपत्ति भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित एक प्रार्थना है, जो भक्तों को शरणागति और भक्ति का अनुभव कराती है।MahaMantra
Dashaavatara Stotram (दशावतार स्तोत्रम्)
दशावतार स्तोत्रम् भगवान Vishnu के दस अवतारों की महिमा का वर्णन करता है, जो "Preserver of Universe" और "Supreme Protector" के रूप में पूजित हैं। यह स्तोत्रम् भक्तों को भगवान के Matsya, Kurma, Varaha, Narasimha, Vamana, Parashurama, Rama, Krishna, Buddha, और Kalki अवतारों के दिव्य कार्यों और उनके उद्देश्यों की याद दिलाता है। प्रत्येक अवतार पृथ्वी पर धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए अवतरित हुआ है। यह स्तोत्रम् "Divine Chant for Vishnu Avatars" और "Evil Destroyer Hymn" के रूप में लोकप्रिय है। दशावतार स्तोत्रम् का नियमित पाठ "Spiritual Devotion" और "Positive Energy Mantra" के रूप में लाभकारी माना जाता है। भगवान Vishnu के इन अवतारों की स्तुति से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। इसे "Vishnu Avatars Prayer" और "Hymn of Divine Incarnations" के रूप में पढ़ने से आध्यात्मिक जागरूकता और भक्तिभाव को बढ़ावा मिलता है।Stotra