No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayan Suktam (नारायण सूक्तम्)
नारायण सूक्तम्
(Narayan Suktam)
ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु । सह वीर्यं करवावहै ।
तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
सहस्रशीरषं देवम् विश्वाक्षं विश्वशंभुवम् ।
विश्वं नारायणं देवम् अक्षरं परमं पदम् ॥
विश्वतः परमं नित्यम् विश्वं नारायणं हरिम् ।
विश्वमेवेदं पुरुषः तद्विश्वम् उपजीवति ॥
पतिं विश्वस्य आत्मेश्वरं शाश्वतं शिवम् अच्युतम् ।
नारायणं महाज्ञेयं विश्वात्मानं परायणम् ॥
नारायणः परो ज्योतिः आत्मा नारायणः परः ।
नारायणः परं ब्रह्म तत्त्वं नारायणः परः ॥
नारायणः परो ध्याता ध्यानं नारायणः परः ।
यत् किंचित् जगत्सर्वं दृश्यते श्रूयते अपि वा ॥
अन्तर्बहिः च तत्सर्वं व्याप्य नारायणः स्थितः ।
अनन्तम् अव्ययं कविम् समुद्रे अन्तं विश्वशंभुवम् ॥
पद्मकोश-प्रतीकाशं हृदयम् च अपि अधोमुखम् ।
अधो निष्ठ्या वितस्यान्ते नाभ्याम् उपरि तिष्ठति ॥
ज्वालामालाकुलं भाति विश्वस्यायतनं महत् ।
संततं शिलाभिः तु लम्बति आकोशसन्निभम् ॥
तस्य अन्ते सुषिरं सूक्ष्मं तस्मिन् सर्वं प्रतिष्ठितम् ।
तस्य मध्ये महानग्निः विश्वार्चिः विश्वतोमुखः ॥
सः अग्रभुः विभजं तिष्ठन् आहारम् अजरः कविः ।
तिर्त्यक् ऊर्ध्वम् अधः शायी रश्मयः तस्य संतताः ॥
संतापयति स्वं देहम् आपादतलम् अस्तकः ।
तस्य मध्ये वह्निशिखा अणीयोः उर्ध्वा व्यवस्थितः ॥
नीलतोयद मध्यस्था विद्युल्लेखा इव भास्वरा ।
नीवारशूकवत् तन्वी पीता भास्वती अणूपमा ॥
तस्याः शिखायां मध्ये परमात्मा व्यवस्थितः ।
सः ब्रह्म सः शिवः सः हरिः सः इन्द्रः सः अक्षरः परमः स्वराट् ॥
ऋतं सत्यम् परं ब्रह्म पुरुषं कृष्ण पिंगलम् ।
ऊर्ध्वरेतं विरूपाक्षं विश्वरूपाय वै नमः नमः ॥
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि ।
तन्नः विष्णुः प्रचोदयात् ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 36 (नारायणीयं दशक 36)
नारायणीयं दशक 36 भगवान विष्णु के अवतार और उनके भक्तों की सुरक्षा के लिए किए गए कार्यों का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी अनंत कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 97 (नारायणीयं दशक 97)
नारायणीयं दशक 97 भगवान विष्णु की लीलाओं और उनकी महिमा का विस्तार से वर्णन करता है। यह अध्याय भक्तों के लिए अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव और ज्ञान की गंगा प्रदान करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 61 (नारायणीयं दशक 61)
नारायणीयं दशक 61 भगवान नारायण की पूजा और उनकी कृपा की महिमा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 48 (नारायणीयं दशक 48)
नारायणीयं दशक 48 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 64 (नारायणीयं दशक 64)
नारायणीयं दशक 64 भगवान नारायण की महिमा और उनके दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 66 (नारायणीयं दशक 66)
नारायणीयं दशक 66 भगवान नारायण की महिमा का वर्णन करता है और उनकी कृपा की प्रार्थना करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 44 (नारायणीयं दशक 44)
नारायणीयं दशक 44 भगवान विष्णु की कृपा और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु के दिव्य गुणों और उनकी भक्तों के प्रति अनंत प्रेम का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Shri Ramashtottara Shat Naam Stotram (श्री रामाष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्)
श्री रामाष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् भगवान राम के 108 दिव्य नामों की स्तुति में रचित है, जो उनके विभिन्न गुणों और लीलाओं का वर्णन करता है।Stotra