No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Sharabheshashtakam (शरभेशाष्टकम्)
शरभेशाष्टकम्
(Sharabheshashtakam)
श्री शिव उवाच
शृणु देवि महागुह्यं परं पुण्यविवर्धनं .
शरभेशाष्टकं मन्त्रं वक्ष्यामि तव तत्त्वतः ॥
ऋषिन्यासादिकं यत्तत्सर्वपूर्ववदाचरेत् .
ध्यानभेदं विशेषेण वक्ष्याम्यहमतः शिवे ॥
ध्यानं
ज्वलनकुटिलकेशं सूर्यचन्द्राग्निनेत्रं
निशिततरनखाग्रोद्धूतहेमाभदेहम् ।
शरभमथ मुनीन्द्रैः सेव्यमानं सिताङ्गं
प्रणतभयविनाशं भावयेत्पक्षिराजम् ॥
अथ स्तोत्रं
देवादिदेवाय जगन्मयाय शिवाय नालीकनिभाननाय ।
शर्वाय भीमाय शराधिपाय नमोऽस्तु तुभ्यं शरभेश्वराय ॥ 1 ॥
हराय भीमाय हरिप्रियाय भवाय शान्ताय परात्पराय ।
मृडाय रुद्राय विलोचनाय नमोऽस्तु तुभ्यं शरभेश्वराय ॥ 2 ॥
शीतांशुचूडाय दिगम्बराय सृष्टिस्थितिध्वंसनकारणाय ।
जटाकलापाय जितेन्द्रियाय नमोऽस्तु तुभ्यं शरभेश्वराय ॥ 3 ॥
कलङ्ककण्ठाय भवान्तकाय कपालशूलात्तकराम्बुजाय ।
भुजङ्गभूषाय पुरान्तकाय नमोऽस्तु तुभ्यं शरभेश्वराय ॥ 4 ॥
शमादिषट्काय यमान्तकाय यमादियोगाष्टकसिद्धिदाय ।
उमाधिनाथाय पुरातनाय नमोऽस्तु तुभ्यं शरभेश्वराय ॥ 5 ॥
घृणादिपाशाष्टकवर्जिताय खिलीकृतास्मत्पथि पूर्वगाय ।
गुणादिहीनाय गुणत्रयाय नमोऽस्तु तुभ्यं शरभेश्वराय ॥ 6 ॥
कालाय वेदामृतकन्दलाय कल्याणकौतूहलकारणाय ।
स्थूलाय सूक्ष्माय स्वरूपगाय नमोऽस्तु तुभ्यं शरभेश्वराय ॥ 7 ॥
पञ्चाननायानिलभास्कराय पञ्चाशदर्णाद्यपराक्षयाय ।
पञ्चाक्षरेशाय जगद्धिताय नमोऽस्तु तुभ्यं शरभेश्वराय ॥ 8 ॥
इति श्री शरभेशाष्टकम् ॥
Related to Shiv
Sarvrup Bhagwan Arti (सर्वरूप भगवान् आरती)
सर्वरूप भगवान की आरती में भगवान के सभी रूपों की आराधना और वंदना की जाती है। यह आरती भगवान को उनकी सर्वशक्तिमानता, कृपा, और संपूर्णता के लिए समर्पित है। Sarvaroop Bhagwan Aarti में ईश्वर को उनके सृष्टि रचयिता, पालनहार, और संहारक रूपों के लिए पूजा जाता है। यह आरती गाने से भक्तों को आध्यात्मिक बल, शांति, और धार्मिक उत्थान की प्राप्ति होती है।Arti
Shri Maha Mrityunjay Kavach (श्री महा मृत्युञ्जय कवच)
महा मृत्युञ्जय कवच का पाठ करने से जपकर्ता की देह सुरक्षित होती है। जिस प्रकार सैनिक की रक्षा उसके द्वारा पहना गया कवच करता है उसी प्रकार साधक की रक्षा यह कवच करता है। इस कवच को लिखकर गले में धारण करने से शत्रु परास्त होता है। इसका प्रातः, दोपहर व सायं तीनों काल में जप करने से सभी सुख प्राप्त होते हैं। इसके धारण मात्र से किसी शत्रु द्वारा कराए गए तांत्रिक अभिचारों का अंत हो जाता है। धन के इच्छुक को धन, संतान के इच्छुक को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।Kavacha
Nirvana Shatkam (निर्वाण षट्कम्)
निर्वाण षट्कम् आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक श्लोक है, जो आत्मा के शुद्ध स्वरूप और मोक्ष के विषय में जागरूकता लाता है।Shatakam
Bhairava Rupa Shiva Stuti (भैरवरूप शिव स्तुति)
Bhairava Rupa Shiva Stuti (भैरवरूप शिव स्तुति) भगवान Shiva के उग्र और Bhairava स्वरूप को समर्पित एक दिव्य stuti है। भगवान भैरव को protector, destroyer of negativity और guardian of cosmic order माना जाता है। यह hymn भगवान शिव के उन गुणों को दर्शाता है, जिनमें वे fearlessness, protection, और justice के प्रतीक हैं। इस stuti का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से fear, obstacles, और negative energies समाप्त होती हैं। विशेष रूप से Kalabhairava Ashtami और Amavasya के दिन इसका recitation अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। Bhairava के भक्तों को इस stuti का नित्य पाठ करना चाहिए, जिससे वे courage, strength, और divine blessings प्राप्त कर सकें।Stuti
Bhagwan Shri Shankar Arti (भगवान् श्री शंकर की आरती )
जयति जयति जग-निवास भगवान शंकर की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। इसमें Shankar या Shiva, जिन्हें Lord of the Universe कहा जाता है, के प्रति असीम भक्ति और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है।Arti
Shri Kaal Bhairav Ashtakam (श्री कालभैरवअष्टकम्)
श्री कालभैरव अष्टकम भगवान कालभैरव, जो भगवान शिव के उग्र और भयानक रूप हैं, की स्तुति में रचित एक पवित्र स्तोत्र है। इसमें काल (समय) के स्वामी कालभैरव की महिमा का वर्णन किया गया है, जो भक्तों को पापों, भय और बाधाओं से मुक्ति प्रदान करते हैं। भगवान कालभैरव का वास विशेष रूप से काशी (वाराणसी) में माना जाता है, जहां वे काशी के रक्षक देवता के रूप में पूजे जाते हैं। इस अष्टकम में उनके त्रिशूल, डमरू, और उनके दिव्य रूप का उल्लेख है, जो उनकी शक्ति और करूणा का प्रतीक है। श्री कालभैरव की आराधना कालाष्टमी, महाशिवरात्रि, और अमावस्या के दिनों में अत्यधिक फलदायी मानी जाती है। उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर, और सोमनाथ जैसे पवित्र स्थलों पर उनकी पूजा विशेष रूप से प्रभावशाली मानी जाती है।Ashtakam
Shri Nataraja Stotram (Patanjali Krutam) (श्री नटराज स्तोत्रं (पतंजलि कृतम्))
Shri Nataraja Stotram (Patanjali Krutam) भगवान Lord Nataraja के महिमा का गान करने वाला एक अद्भुत Hindu Stotra है। इसे Rishi Patanjali ने रचित किया है और यह Dance Form of Shiva का वर्णन करता है। इस Divine Hymn का Chanting से भक्तों को Spiritual Awakening और Divine Knowledge प्राप्त होती है। Lord Shiva Worship में Nataraja Stotra का जाप जीवन में Peace, Prosperity, और Positive Energy लाता है। यह Auspicious Stotra भक्तों को Inner Strength और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। भगवान Nataraja’s Grace से साधक को Moksha और जीवन में Divine Blessings प्राप्त होती हैं।Stotra
Shiva Manas Puja (शिव मानस पूज)
शिव मानस पूजा एक आध्यात्मिक भजन है जो भगवान शिव की मानसिक पूजा का वर्णन करता है, जिसमें उन्हें उनके दिव्य गुणों के साथ ध्यान किया जाता है।Shloka-Mantra