No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 63 (नारायणीयं दशक 63)
नारायणीयं दशक 63 (Narayaniyam Dashaka 63)
ददृशिरे किल तत्क्षणमक्षत-
स्तनितजृंभितकंपितदिक्तटाः ।
सुषमया भवदंगतुलां गता
व्रजपदोपरि वारिधरास्त्वया ॥1॥
विपुलकरकमिश्रैस्तोयधारानिपातै-
र्दिशिदिशि पशुपानां मंडले दंड्यमाने ।
कुपितहरिकृतान्नः पाहि पाहीति तेषां
वचनमजित श्रृण्वन् मा बिभीतेत्यभाणीः ॥2॥
कुल इह खलु गोत्रो दैवतं गोत्रशत्रो-
र्विहतिमिह स रुंध्यात् को नु वः संशयोऽस्मिन् ।
इति सहसितवादी देव गोवर्द्धनाद्रिं
त्वरितमुदमुमूलो मूलतो बालदोर्भ्याम् ॥3॥
तदनु गिरिवरस्य प्रोद्धृतस्यास्य तावत्
सिकतिलमृदुदेशे दूरतो वारितापे ।
परिकरपरिमिश्रान् धेनुगोपानधस्ता-
दुपनिदधदधत्था हस्तपद्मेन शैलम् ॥4॥
भवति विधृतशैले बालिकाभिर्वयस्यै-
रपि विहितविलासं केलिलापादिलोले ।
सविधमिलितधेनूरेकहस्तेन कंडू-
यति सति पशुपालास्तोषमैषंत सर्वे ॥5॥
अतिमहान् गिरिरेष तु वामके
करसरोरुहि तं धरते चिरम् ।
किमिदमद्भुतमद्रिबलं न्विति
त्वदवलोकिभिराकथि गोपकैः ॥6॥
अहह धार्ष्ट्यममुष्य वटोर्गिरिं
व्यथितबाहुरसाववरोपयेत् ।
इति हरिस्त्वयि बद्धविगर्हणो
दिवससप्तकमुग्रमवर्षयत् ॥7॥
अचलति त्वयि देव पदात् पदं
गलितसर्वजले च घनोत्करे ।
अपहृते मरुता मरुतां पति-
स्त्वदभिशंकितधीः समुपाद्रवत् ॥8॥
शममुपेयुषि वर्षभरे तदा
पशुपधेनुकुले च विनिर्गते ।
भुवि विभो समुपाहितभूधरः
प्रमुदितैः पशुपैः परिरेभिषे ॥9॥
धरणिमेव पुरा धृतवानसि
क्षितिधरोद्धरणे तव कः श्रमः ।
इति नुतस्त्रिदशैः कमलापते
गुरुपुरालय पालय मां गदात् ॥10॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 19 (नारायणीयं दशक 19)
नारायणीयं दशक 19 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 27 (नारायणीयं दशक 27)
नारायणीयं का सत्ताईसवां दशक भगवान विष्णु की असीम कृपा और उनके भक्तों के प्रति उनके अनुग्रह का वर्णन करता है। इस दशक में, भगवान की कृपा और उनके भक्तों के प्रति उनके प्रेम की महिमा की गई है। भक्त भगवान की अनंत कृपा और उनकी दिव्यता का अनुभव करते हैं।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 96 (नारायणीयं दशक 96)
नारायणीयं दशक 96 भगवान विष्णु की महिमा का गुणगान करता है और उनके अनंत गुणों का वर्णन करता है। यह अध्याय भक्तों को भगवान के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति से भर देता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 51 (नारायणीयं दशक 51)
नारायणीयं दशक 51 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Alokye Shri Balakrishnam (आलोकये श्री बालकृष्णम्)
आलोकये श्री बालकृष्णम् भगवान कृष्ण के बाल रूप की सुंदरता और लीलाओं का वर्णन करता है।Shloka-Mantra
Narayaniyam Dashaka 42 (नारायणीयं दशक 42)
नारायणीयं दशक 42 भगवान विष्णु की कृपा और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की अनंत कृपा और उनकी भक्तों के प्रति अद्वितीय प्रेम का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Sri Vishnu Shata Nama Stotram (Vishnu Purana) (श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् (विष्णु पुराण))
Sri Vishnu Shata Naam Stotram भगवान Vishnu के 100 पवित्र नामों का संगीतमय संग्रह है, जो "Preserver of Creation" और "Supreme God" के रूप में पूजित हैं। इस स्तोत्र का पाठ भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा, शांति और सुरक्षा प्राप्त करने में सहायक होता है। हर नाम भगवान विष्णु की "Divine Qualities" और "Cosmic Power" का वर्णन करता है। यह स्तोत्र "100 Sacred Names of Vishnu" और "Positive Energy Chant" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके नियमित जाप से भक्त को मानसिक शांति, आत्मिक बल और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। इसे "Hymn for Lord Vishnu" और "Vishnu Devotional Prayer" के रूप में पढ़ने से जीवन में सफलता और शुभता आती है।Stotra
Shri Maha Vishnu Stotram (श्री महा विष्णु स्तोत्रम् )
Shri Maha Vishnu Stotram भगवान Vishnu की divine power और supreme authority का गुणगान करने वाला एक sacred hymn है। यह holy chant उनके infinite strength, protection, और grace का वर्णन करता है। इस stotra के पाठ से negative energy समाप्त होती है और spiritual awakening होती है। भक्तों को peace, prosperity, और divine blessings प्राप्त होते हैं। यह powerful mantra karma, dharma, और moksha की प्राप्ति में सहायक होता है। Shri Maha Vishnu Stotram का जाप जीवन में positivity और harmony लाता है।Stotra