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Narayaniyam Dashaka 57 (नारायणीयं दशक 57)
नारायणीयं दशक 57 (Narayaniyam Dashaka 57)
रामसखः क्वापि दिने कामद भगवन् गतो भवान् विपिनम् ।
सूनुभिरपि गोपानां धेनुभिरभिसंवृतो लसद्वेषः ॥1॥
संदर्शयन् बलाय स्वैरं वृंदावनश्रियं विमलाम् ।
कांडीरैः सह बालैर्भांडीरकमागमो वटं क्रीडन् ॥2॥
तावत्तावकनिधनस्पृहयालुर्गोपमूर्तिरदयालुः ।
दैत्यः प्रलंबनामा प्रलंबबाहुं भवंतमापेदे ॥3॥
जानन्नप्यविजानन्निव तेन समं निबद्धसौहार्दः ।
वटनिकटे पटुपशुपव्याबद्धं द्वंद्वयुद्धमारब्धाः ॥4॥
गोपान् विभज्य तन्वन् संघं बलभद्रकं भवत्कमपि ।
त्वद्बलभीरुं दैत्यं त्वद्बलगतमन्वमन्यथा भगवन् ॥5॥
कल्पितविजेतृवहने समरे परयूथगं स्वदयिततरम् ।
श्रीदामानमधत्थाः पराजितो भक्तदासतां प्रथयन् ॥6॥
एवं बहुषु विभूमन् बालेषु वहत्सु वाह्यमानेषु ।
रामविजितः प्रलंबो जहार तं दूरतो भवद्भीत्या ॥7॥
त्वद्दूरं गमयंतं तं दृष्ट्वा हलिनि विहितगरिमभरे ।
दैत्यः स्वरूपमागाद्यद्रूपात् स हि बलोऽपि चकितोऽभूत् ॥8॥
उच्चतया दैत्यतनोस्त्वन्मुखमालोक्य दूरतो रामः ।
विगतभयो दृढमुष्ट्या भृशदुष्टं सपदि पिष्टवानेनम् ॥9॥
हत्वा दानववीरं प्राप्तं बलमालिलिंगिथ प्रेम्णा ।
तावन्मिलतोर्युवयोः शिरसि कृता पुष्पवृष्टिरमरगणैः ॥10॥
आलंबो भुवनानां प्रालंबं निधनमेवमारचयन् ।
कालं विहाय सद्यो लोलंबरुचे हरे हरेः क्लेशान् ॥11॥
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भगवान विष्णु के दशावतार की पूजा और वंदना का स्तोत्र है। इसमें मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, Buddha, और कल्कि जैसे अवतारों का वर्णन किया गया है। यह आरती भगवान विष्णु के सर्वव्यापक स्वरूप और धर्म की रक्षा के प्रति उनके योगदान को दर्शाती है।Arti
Shri Vishnu Stotra (श्री विष्णु स्तोत्र)
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Shri Vishnu Panchayudha Stotram (श्री पंचायुध स्तोत्रम्)
भगवान Vishnu के 5 weapons हैं जो उनके भक्तों और पूरे universe को demons और प्रकृति के अन्य बुरे तत्वों के अत्याचारों से बचाने वाले माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी इन divine weapons की पूजा करता है, उसे बुरी आत्माओं और जीवन की सभी समस्याओं से protection का आशीर्वाद मिलता है। पांच weapons इस प्रकार हैं: 1. Conch (Shankha) 2. Disc (Chakra or Wheel) 3. Mace (Gada) 4. Sword (Asi or Talwar) 5. Bow and Arrow (Sharnga or Dhanush with Teer) प्रत्येक weapon के लिए एक-एक stotra है, जो इन पांचों divine weapons की महिमा और शक्तियों की प्रशंसा करता है, जिन्हें 'Panchayudha Stotra' के नाम से जाना जाता है।Stotra
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श्री दशावतार रूपहारी वंदना भगवान विष्णु के दस दिव्य अवतारों की स्तुति है। इसमें मत्स्य से लेकर कल्कि तक सभी अवतारों की महिमा, उनके रूप और कार्यों का वर्णन किया गया है। यह वंदना भक्ति, धर्म और आदर्श जीवन मूल्यों की प्रेरणा देती है।Vandana
Achyutashtakam (अच्युताष्टकम्)
Achyutashtakam भगवान Lord Vishnu की अष्टकशरण स्तुति है, जो उनके दिव्य रूप और Divine Qualities का वर्णन करती है। इस Hindu Devotional Stotra का Chanting करने से भक्तों को Spiritual Growth, Protection, और Blessings मिलती है। Lord Vishnu Worship से जीवन में Peace, Prosperity, और Positive Transformation आती है। इस Sacred Hymn के पाठ से Divine Grace प्राप्त होती है और हर संकट से मुक्ति मिलती है। Achyutashtakam का पाठ करने से भक्तों को Inner Peace और Happiness प्राप्त होती है। यह Auspicious Stotra भक्तों के Spiritual Journey को उन्नति की ओर ले जाता है।Ashtakam
Shri Narayana Ashtakam (श्री नारायण अष्टकम् )
श्री नारायण अष्टकम्: हिंदू मान्यता के अनुसार, श्री नारायण अष्टकम का नियमित जाप भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका है। सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करने के लिए, श्री नारायण अष्टकम का पाठ सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए, पहले श्री नारायण अष्टकम का अर्थ हिंदी में समझना चाहिए।Ashtakam
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भगवान विष्णु के मंत्र इतने शक्तिशाली हैं कि जो इन मंत्रों का जाप करता है उस व्यक्ति के चारों ओर एक शक्तिशाली सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं और वह जातक चमत्कारी परिवर्तनों को महसूस कर सकता है।Mantra