No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Uddhava Gita - Chapter 3 (उद्धवगीता - तृतीयोऽध्यायः)
Page no.
/ 7
error
Page no. / 7
Related to Krishna
Uddhava Gita - Chapter 10 (उद्धवगीता - दशमोऽध्यायः)
उद्धवगीता के दशमोऽध्याय में उद्धव और कृष्ण की वार्ता में योग और समाधि के महत्व पर चर्चा होती है।Uddhava-Gita
Bhagavad Gita sixth chapter (भगवद गीता छठा अध्याय)
भगवद गीता छठा अध्याय "ध्यान योग" के रूप में जाना जाता है। इस अध्याय में भगवान कृष्ण ध्यान और आत्म-संयम के महत्व पर जोर देते हैं। वे कहते हैं कि जो व्यक्ति मन और इंद्रियों को वश में रखकर ध्यान करता है, वही सच्चा योगी है। यह अध्याय हमें "ध्यान योग", "मन का नियंत्रण", और "आध्यात्मिक उन्नति" के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।Bhagwat-Gita
Sudarshan Ashtakam (सुदर्शन अष्टकम्)
सुदर्शन अष्टकम् भगवान विष्णु के दिव्य चक्र सुदर्शन की महिमा का वर्णन करता है, जो बुराई का नाश करता है और भक्तों को सुरक्षा प्रदान करता है।Ashtakam
Shri Krishnan Chalisa (श्री कृष्णन चालीसा)
कृष्ण चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान कृष्ण पर आधारित है। कृष्ण चालीसा एक लोकप्रिय प्रार्थना है जो 40 छन्दों से बनी है। कई लोग जन्माष्टमी सहित भगवान कृष्ण को समर्पित अन्य त्योहारों पर कृष्ण चालीसा का पाठ करते हैं। इस चालीसा के पाठ से भक्तों को spiritual peace और blessings मिलती हैं। Krishna mantra for positivity का जाप जीवन में love और prosperity लाने का एक प्रभावी उपाय है।Chalisa
Gita govindam Pratham Sargaah - Samoda Damodarah (गीतगोविन्दं प्रथमः सर्गः - सामोद दामोदरः)
गीतगोविन्दं के प्रथम सर्ग में सामोद दामोदर का वर्णन किया गया है। यह खंड राधा और कृष्ण की प्रेमकथा और उनके मधुर संबंधों को दर्शाता है।Gita-Govindam
Shrimad Bhagwad Gita Parayaan - Chapter 13 (श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - त्रयोदशोऽध्यायः)
श्रीमद्भगवद्गीता का त्रयोदशो अध्याय क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभाग योग के नाम से जाना जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण आत्मा और शरीर के बीच के संबंध की व्याख्या करते हैं।Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan
Uddhava Gita - Chapter 1 (उद्धवगीता - प्रथमोऽध्यायः)
उद्धवगीता के प्रथमोऽध्याय में उद्धव और भगवान कृष्ण के बीच की वार्ता का प्रारंभ होता है। यह अध्याय आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति के महत्व को दर्शाता है।Uddhava-Gita
Shrimad Bhagwad Gita Parayaan - Chapter 4 (श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - चतुर्थोऽध्यायः)
श्रीमद्भगवद्गीता पारायण के चतुर्थोऽध्याय में कृष्ण ने अर्जुन को ज्ञानयोग और कर्मयोग के पारस्परिक संबंध समझाए हैं।Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan