No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Shri Krishna Naam Kavacham || श्री कृष्ण नाम कवचम् : Full Lyrics in Sanskrit; भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य नामों का शक्तिशाली संरक्षण स्तोत्र
Shri Krishna Naam Kavacham (श्री कृष्ण नाम कवचम्)
Shri Krishan Naam Kavacha Narad Uvacha एक अत्यंत शक्तिशाली कवच है, जो भक्तों को Divine Protection, Peace और Spiritual Strength प्रदान करता है। जब कोई व्यक्ति इस कवच का नियमित पाठ करता है, तो उसे Shri Krishna की Divine Grace प्राप्त होती है, जिससे जीवन में Happiness और Success का आगमन होता है। अगर किसी व्यक्ति का मन Tensions और Negative Thoughts से भरा रहता है या उसे Life Challenges का सामना करना पड़ रहा है, तो उसे इस कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक बल को बढ़ाता है। जो लोग अपने Career या Business में Success प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह कवच अत्यंत लाभकारी है। यह न केवल Divine Protection देता है बल्कि Financial Stability और Prosperity को भी आकर्षित करता है। जीवन में Shri Krishna की Divine Blessings पाने के लिए इस कवच का नियमित पाठ करना अति आवश्यक है।Page no.
/ 7
error
Page no. / 7
Related to Krishna
Shri Krishna Vandana (श्री कृष्ण वंदना)
श्री कृष्ण वंदना भगवान कृष्ण के गुणों और लीलाओं की प्रशंसा में गाई जाने वाली स्तुति है। इसमें भगवान के दिव्य प्रेम, ज्ञान, और धैर्य की महिमा का वर्णन किया गया है। यह वंदना "भक्ति" और "आध्यात्मिक प्रेरणा" का अद्भुत स्रोत है।Vandana
Govinda Damodar Stotram (गोविन्द दामोदर स्तोत्रम्)
गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् (Govinda Damodar Stotram) गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् (लघु) करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम् । वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि ॥ श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव । जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 1 विक्रेतुकामाखिलगोपकन्या मुरारिपादार्पितचित्तवृत्तिः । दध्यादिकं मोहवशादवोचत् गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 2 गृहे गृहे गोपवधूकदम्बाः सर्वे मिलित्वा समवाप्य योगम् । पुण्यानि नामानि पठन्ति नित्यं गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 3 सुखं शयाना निलये निजेऽपि नामानि विष्णोः प्रवदन्ति मर्त्याः । ते निश्चितं तन्मयतां व्रजन्ति गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 4 जिह्वे सदैवं भज सुन्दराणि नामानि कृष्णस्य मनोहराणि । समस्त भक्तार्तिविनाशनानि गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 5 सुखावसाने इदमेव सारं दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम् । देहावसाने इदमेव जाप्यं गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 6 जिह्वे रसज्ञे मधुरप्रिये त्वं सत्यं हितं त्वां परमं वदामि । अवर्णयेथा मधुराक्षराणि गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 7 त्वामेव याचे मम देहि जिह्वे समागते दण्डधरे कृतान्ते । वक्तव्यमेवं मधुरं सुभक्त्या गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 8 श्रीकृष्ण राधावर गोकुलेश गोपाल गोवर्धननाथ विष्णो । जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 9Stotra
Shrimad Bhagwad Gita Parayaan - Chapter 1 (श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - प्रथमोऽध्यायः)
श्रीमद्भगवद्गीता पारायण के प्रथमोऽध्याय में अर्जुन और भगवान कृष्ण के बीच का संवाद प्रारंभ होता है। यह अध्याय धर्म और युद्ध के नैतिक दायित्वों पर ध्यान केंद्रित करता है।Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan
Shri Krishnan Chalisa (श्री कृष्णन चालीसा)
कृष्ण चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान कृष्ण पर आधारित है। कृष्ण चालीसा एक लोकप्रिय प्रार्थना है जो 40 छन्दों से बनी है। कई लोग जन्माष्टमी सहित भगवान कृष्ण को समर्पित अन्य त्योहारों पर कृष्ण चालीसा का पाठ करते हैं। इस चालीसा के पाठ से भक्तों को spiritual peace और blessings मिलती हैं। Krishna mantra for positivity का जाप जीवन में love और prosperity लाने का एक प्रभावी उपाय है।Chalisa
Bhagavad Gita Thirteenth Chapter (भगवद गीता तेरहवाँ अध्याय)
भगवद गीता तेरहवाँ अध्याय "क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विवेक योग" है। इसमें श्रीकृष्ण ने क्षेत्र (शरीर) और क्षेत्रज्ञ (आत्मा) के बीच के अंतर को समझाया है। वे बताते हैं कि शरीर नश्वर है, जबकि आत्मा अमर और शाश्वत है। यह अध्याय "आत्मा और शरीर", "अध्यात्म का विज्ञान", और "सत्य ज्ञान" की महत्ता को प्रकट करता है।Bhagwat-Gita
Uddhava Gita - Chapter 10 (उद्धवगीता - दशमोऽध्यायः)
उद्धवगीता के दशमोऽध्याय में उद्धव और कृष्ण की वार्ता में योग और समाधि के महत्व पर चर्चा होती है।Uddhava-Gita
Bhagavad Gita Tenth Chapter (भगवद गीता दसवाँ अध्याय)
भगवद गीता दसवाँ अध्याय "विभूति योग" कहलाता है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य विभूतियों का वर्णन किया है। वे कहते हैं कि वे सृष्टि के हर उत्तम गुण, सत्य, और शक्ति के आधार हैं। यह अध्याय "ईश्वर की महानता", "दिव्य शक्तियों", और "ईश्वर के प्रति भक्ति" को विस्तार से समझाता है।Bhagwat-Gita
Shri Govindashtakam (श्रीगोविन्दाष्टकम्)
ये श्लोक भगवान श्री कृष्ण, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं, की स्तुति में लिखे गए हैं। यहां मंत्रों के हिंदी और अंग्रेजी पाठ के साथ उनका अर्थ (in English) भी दिया गया है। गोविंदाष्टकम में 8 श्लोक हैं और इसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचा गया था।Stotra