No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Gita govindam Pratham Sargaah - Samoda Damodarah (गीतगोविन्दं प्रथमः सर्गः - सामोद दामोदरः)
Page no.
/ 7
error
Page no. / 7
Related to Krishna
Shrimad Bhagwad Gita Parayaan - Chapter 5 (श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - पंचमोऽध्यायः)
श्रीमद्भगवद्गीता पारायण के पंचमोऽध्याय में कृष्ण ने अर्जुन को संन्यास और कर्मयोग के महत्व समझाए हैं।Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan
Bhagavad Gita Sixteenth Chapter (भगवत गीता सोलहवाँ अध्याय)
भगवद गीता सोलहवाँ अध्याय "दैवासुर सम्पद विभाग योग" है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण दैवी (सद्गुण) और आसुरी (दुर्गुण) स्वभाव का वर्णन करते हैं। वे बताते हैं कि दैवी गुण से व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करता है और आसुरी गुण से बंधन में फंसता है। यह अध्याय "सद्गुणों की महिमा", "दुर्गुणों का परित्याग", और "सही जीवनशैली" पर आधारित है।Bhagwat-Gita
Shri Krishna Vandana (श्री कृष्ण वंदना)
श्री कृष्ण वंदना भगवान कृष्ण के गुणों और लीलाओं की प्रशंसा में गाई जाने वाली स्तुति है। इसमें भगवान के दिव्य प्रेम, ज्ञान, और धैर्य की महिमा का वर्णन किया गया है। यह वंदना "भक्ति" और "आध्यात्मिक प्रेरणा" का अद्भुत स्रोत है।Vandana
Uddhava Gita - Chapter 10 (उद्धवगीता - दशमोऽध्यायः)
उद्धवगीता के दशमोऽध्याय में उद्धव और कृष्ण की वार्ता में योग और समाधि के महत्व पर चर्चा होती है।Uddhava-Gita
Shrimad Bhagwad Gita Parayaan - Chapter 9 (श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - नवमोऽध्यायः)
श्रीमद्भगवद्गीता पारायण के नवमोऽध्याय में कृष्ण ने अर्जुन को भक्ति योग और आत्मा की दिव्यता के बारे में समझाया है।Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan
Shrimad Bhagwad Gita Parayaan - Chapter 17 (श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - सप्तदशोऽध्यायः)
श्रीमद्भगवद्गीता का सप्तदशो अध्याय श्रद्धात्रय विभाग योग के नाम से जाना जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण श्रद्धा के तीन प्रकारों की व्याख्या करते हैं।Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan
Uddhava Gita - Chapter 11 (उद्धवगीता - एकादशोऽध्यायः)
उद्धवगीता के एकादशोऽध्याय में उद्धव और कृष्ण की वार्ता में आत्मज्ञान और ध्यान की विधियों पर चर्चा होती है।Uddhava-Gita
Uddhava Gita - Chapter 3 (उद्धवगीता - तृतीयोऽध्यायः)
उद्धवगीता के तृतीयोऽध्याय में उद्धव और कृष्ण की वार्ता में कर्मयोग और उसकी महत्ता पर चर्चा होती है।Uddhava-Gita