No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Shri Durga Ji Arti || श्री दुर्गाजी की आरती : जगजननजीय ! जय ! मा - माँ दुर्गा की महिमा
Shri Durga Ji Arti (श्री दुर्गाजी की आरती)
श्री दुर्गा जी की आरती माँ दुर्गा के शौर्य, शक्ति और करुणा की स्तुति है। इसमें माँ दुर्गा को संसार की रक्षक, संकट हरने वाली, और दुष्टों का नाश करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। आरती में माँ दुर्गा के नवदुर्गा के रूपों, उनके पराक्रम, प्रेम, और आशीर्वाद का वर्णन किया गया है। Goddess Durga, जिन्हें Mahishasurmardini और Shakti के नाम से जाना जाता है, की यह आरती नवरात्रि और अन्य त्योहारों पर विशेष महत्व रखती है।श्रीदुर्गाजी
जगजननजीय ! जय ! मा ! जगजननजीय ! जय !!|
भयहारिणि,भवतारिणि,भवभाभिनि जय जय॥टेक॥
तू ही सत-चित-सुखमय शुद्ध ब्रह्मरूपा।
सत्य. सनातन सुन्दर पर-शिव सुर-भूपा॥१॥जग०॥
आदि अनादि अनामय अविचल अविनाशी।
अमल अनन्त अगोचर अज आनँदराशी॥२॥जग०॥
अविकारी, अघहारी, अकल कलाधारी।
कर्ता विधि,भर्ता हरि,हर सँहारकारी॥३॥जग०॥
तू विधि-वधू, रमा, तू उमा, महामाया।
मूल प्रकृति,विद्या तू,तू जननी जाया॥४॥जग०॥
राम,कृष्ण तू,सीता, ब्रजरानी राधा।
तू वाञ्छाकल्पद्रुम हारिणि सब बाधा॥५॥जग०॥
दश विद्या,नव दुर्गा नाना शस्त्रकरा।
अष्टमातृका,योगिनि,नव-नव-रूप-धरा॥६॥जग०॥
तू परधामनिवासिनि,महाविलासिनि तू ।
तू ही श्मशानविहारिणि, ताण्डबलासिनि तू॥७॥जग०॥
सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या तू शोभाधारा।
विवसन विकट-सरूपा,प्रलयमयी धारा॥८॥जग०॥
तू ही स्नेहसुधामयि, तू अति गरलमना।
रलविभूषित तू ही,तू ही अस्थि-तना॥९॥जग०॥
मूलाधारनिवासिनि, इह-पर-सिद्धप्रदे ।
कालातीता काली,कमला तू वरदे॥ १०॥जग०॥
शक्ति शक्तिधर तू ही नित्य अभेदमयी।
भेदप्रदर्शिनि वाणी विमले! वेदत्रयी॥ ११॥जग०॥
हम अति दीन दुखी माँ! विपत-जाल घेरे।
हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे ॥१२॥ जग०॥
निज स्वभाववश जननी! दयादृष्टि कीजै।
करुणा कर करुणामयि! चरण-शरण दीजै॥ १३॥जग०॥
Related to Durga
Durga Saptashati Chapter 3 (दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला तीसरा अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Shri Durga Nakshatra Malika Stuti (श्री दुर्गा नक्षत्र मालिका स्तुति)
Shri Durga Nakshatra Malika Stuti देवी दुर्गा की महिमा का वर्णन करती है, जो "Goddess of Power" और "Divine Protector" के रूप में पूजित हैं। यह स्तुति विशेष रूप से नक्षत्रों के माध्यम से देवी दुर्गा की "Divine Energies" और "Cosmic Power" का आह्वान करती है। देवी दुर्गा को "Supreme Goddess" और "Destroyer of Evil" माना जाता है, जो हर संकट और बाधा से रक्षा करती हैं। Shri Durga Nakshatra Malika Stuti का पाठ "Spiritual Protection Prayer" और "Divine Strength Hymn" के रूप में किया जाता है। इसके जाप से जीवन में "Positive Energy" का संचार होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। यह स्तोत्र "Goddess Durga Blessings" और "Victory over Obstacles Mantra" के रूप में भी अत्यंत प्रभावी है। इसका नियमित पाठ आत्मविश्वास, आंतरिक शक्ति और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है। Shri Durga Nakshatra Malika Stuti को "Divine Protection Chant" और "Spiritual Energy Prayer" के रूप में पढ़ने से जीवन में समृद्धि और सफलता मिलती है। देवी दुर्गा की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख और शांति का संचार होता है।Stuti
Maa Durga Kavacha Path (माँ दुर्गा कवच पाठ)
माँ दुर्गा कवच पाठ का यह शक्तिशाली मंत्र हमारे आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का क्षय कर एक सकारात्मक ऊर्जा की कवच के रूप में कार्य करता है। जिससे हमारे आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मंत्रो में नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित कर देने की असीम क्षमता होती है। ऐसा अनुभव किया गया है कि जो व्यक्ति पूरी आस्था, श्रद्धा एवं भक्ति से, शुद्ध उच्चारण में, नियमित रूप से देवी कवच का पाठ करता है, वह सभी प्रकार की बुराइयों पर विजय प्राप्त कर लेता है। नवरात्रि के समय देवी कवच का पाठ करना अत्यंत ही शुभ तथा फलदायी माना गया है।Kavacha
Durga Saptashati Chapter 1 (दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः देवी माहात्म्यं)
दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला पहला अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Shri Durga Sapta Shloki (श्री दुर्गा सप्त श्लोकी)
श्री दुर्गा सप्त श्लोकी: यह स्तोत्र सात श्लोकों का संग्रह है जो देवी दुर्गा को समर्पित हैं।MahaMantra
Durga Saptashati Chapter 9 (दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला नौवां अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 10 Chapter (दसवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का दशम अध्याय "शुम्भ वध" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Shri Durga Chalisa (श्री दुर्गा चालीसा)
दुर्गा चालीसा एक भक्ति गीत है जो माँ दुर्गा पर आधारित है। दुर्गा माता को शक्ति, महिषासुरमर्दिनी, और सर्वमंगल के रूप में जाना जाता है। Durga mantra for strength जैसे "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" का जाप दुर्गा चालीसा पाठ के साथ करना भक्तों को शक्ति और साहस प्रदान करता है। Durga Chalisa benefits में मानसिक शांति, सुरक्षा और इच्छाओं की पूर्ति शामिल हैं।Chalisa