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ग्यारहवाँ अध्याय - श्री दुर्गा सप्तशती | Shri Durga Saptashati (Chandi) Path in Hindi
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 11 Chapter (ग्यारहवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का एकादश अध्याय "नारायणी की स्तुति" पर आधारित है।Page no.
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Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 5 Chapter(पाँचवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन किया गया है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्यम, चंडी पाठ (चण्डीपाठः) के नाम से भी जाना जाता है और इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में व्यवस्थित किया गया है। दुर्गा सप्तशती का पांचवां अध्याय " देवी का दूत से संवाद " पर आधारित है ।Durga-Saptashati
Shri Chhinnamasta Kavacham (श्री छिन्नमस्ता कवचम्)
माँ चिन्नमस्ता शक्ति का एक रूप हैं, जिन्हें अपने सिर को काटते हुए दिखाया जाता है। उनके गले से बहता हुआ खून, जो जीवन को बनाए रखने वाली प्राण शक्ति का प्रतीक है, तीन धाराओं में बहता है—एक धार उनके अपने मुँह में, यह दर्शाता है कि वह आत्मनिर्भर हैं, और बाकी दो धार उनकी दो महिला सहायक दकिणी और वर्णिनी के मुँह में बहती हैं, जो समस्त जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। कटा हुआ सिर मोक्ष का प्रतीक है। सिर को काटकर वह अपनी असली अवस्था में प्रकट होती हैं, जो अज्ञेय, अनंत और स्वतंत्र है। यह बंधन और व्यक्तिगतता से मुक्ति का प्रतीक है। उनका नग्न रूप उनकी स्वायत्तता को दर्शाता है, यह दिखाता है कि उन्हें किसी भी रूप में संकुचित नहीं किया जा सकता। खोपड़ी की माला (रुंडमाला) दिव्य सृजनात्मकता का प्रतीक है। वह काम और रति के मिलन करते जोड़े पर खड़ी होती हैं, यह दिखाता है कि उन्होंने यौन इच्छाओं पर विजय प्राप्त कर ली है। 'काम' यौन इच्छा का और 'रति' यौन संबंध का प्रतीक है। उनके गले से बहता खून तीन नाड़ियों – इडा, पिंगला और सुशुम्ना के माध्यम से चेतना के प्रवाह का प्रतीक है। काम और रति एक उत्तेजित कुंडलिनी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो सुशुम्ना में चढ़कर अज्ञानता को समाप्त करती है। कुंडलिनी द्वारा सहस्रार चक्र में उत्पन्न अद्वितीय ऊर्जा के कारण सिर उड़ जाता है। इसका मतलब है कि मुलाधार चक्र में शक्ति शिव से सहस्रार चक्र में मिलती है, जिससे आत्म-साक्षात्कार होता है। रति को प्रभुत्व में दिखाया गया है, जबकि काम को निष्क्रिय रूप में दिखाया गया है। माँ चिन्नमस्ता कवच का पाठ शत्रुओं से छुटकारा पाने और विजय प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह कवच अंधी शक्तियों और रुकावटों को दूर करने में मदद करता है। यह आध्यात्मिक उन्नति और संवेदनशीलता में वृद्धि करता है।Kavacha
Durga Saptashati Siddha Samput Mantra (दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र)
Shri Markandeya Purana अंतर्गत Devi Mahatmya में Shloka, Ardha Shloka, और Uvacha आदि मिलाकर 700 Mantras हैं। यह माहात्म्य Durga Saptashati के नाम से प्रसिद्ध है। Saptashati Artha (Wealth), Dharma (Righteousness), Kama (Desires), और Moksha (Liberation) – इन चारों Purusharthas को प्रदान करने वाली है। जो व्यक्ति जिस भावना और जिस desire से Shraddha एवं rituals के साथ Saptashati Path करता है, उसे उसी भावना और wish fulfillment के अनुसार निश्चित रूप से success प्राप्त होती है। इस बात का अनुभव countless devotees को प्रत्यक्ष हो चुका है। यहाँ हम कुछ ऐसे चुने हुए Sacred Mantras का उल्लेख करते हैं, जिनका Samput देकर विधिवत् recitation करने से विभिन्न spiritual goals की व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से Siddhi होती है। इनमें अधिकांश Saptashati Mantras हैं और कुछ अन्य Vedic Mantras भी सम्मिलित हैं। The Durga Saptashati, also known as the Devi Mahatmyam, is a sacred Hindu text that glorifies Goddess Durga and recounts her various forms and manifestations. The Siddha Mantras (perfected mantras) associated with the Durga Saptashati are believed to have profound benefits when chanted with devotion and understanding.MahaMantra
Durga Maa Mantra (दुर्गा माँ मंत्र)
दुर्गा माँ मंत्र देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली मंत्र है। यह Durga Mantra for Protection भक्तों को बुराई, संकटों और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाता है, मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है। Devi Durga Powerful Mantra न केवल दुर्गा माँ के प्रति आस्था को बढ़ाता है, बल्कि यह जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और पॉजिटिव एनर्जी लाने में सहायक होता है। Durga Beej Mantra और Mantra to Remove Negativity विशेष रूप से उन भक्तों के लिए प्रभावी हैं जो जीवन में सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं। यह मंत्र Maa Durga Aarti और दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ और अधिक फलदायक होता है। Durga Maa Ki Puja और Mantra for Peace and Security का नियमित जाप जीवन में सुख, शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव कराता है।Mantra
Durga Saptashati Chapter 10 (दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला दसवां अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Devi Mahatayam Suktam (देवी माहात्म्यं देवी सूक्तम्)
देवी माहात्म्यं देवी सूक्तम् (Devi Mahatayam Suktam) ॐ अहं रुद्रेभिर्वसुभिश्चराम्यहमादित्यैरुत विश्वदेवैः । अहं मित्रावरुणोभा बिभर्म्यहमिन्द्राग्नी अहमश्विनोभा ॥1॥ अहं सोममाहनसं बिभर्म्यहं त्वष्टारमुत पूषणं भगम् । अहं दधामि द्रविणं हविष्मते सुप्राव्ये यजमानाय सुन्वते ॥2॥ अहं राष्ट्री संगमनी वसूनां चिकितुषी प्रथमा यज्ञियानाम् । तां मा देवा व्यदधुः पुरुत्रा भूरिस्थात्रां भूर्यावेशयंतीम् ॥3॥ मया सो अन्नमत्ति यो विपश्यति यः प्राणिति य ईं शृणोत्युक्तम् । अमन्तवोमांत उपक्षियंति श्रुधि श्रुतं श्रद्धिवं ते वदामि ॥4॥ अहमेव स्वयमिदं वंदामि जुष्टं देवेभिरुत मानुषेभिः । यं कामये तं तमुग्रं कृणोमि तं ब्रह्माणं तमृषिं तं सुमेधाम् ॥5॥ अहं रुद्राय धनुरातनोमि ब्रह्मद्विषे शरवे हंत वा उ । अहं जनाय समदं कृणोम्यहं द्यावापृथिवी आविवेश ॥6॥ अहं सुवे पितरमस्य मूर्धन् मम योनिरप्स्वंतः समुद्रे । ततो वितिष्ठे भुवनानु विश्वोतामूं द्यां वर्ष्मणोप स्पृशामि ॥7॥ अहमेव वात इव प्रवाम्यारभमाणा भुवनानि विश्वा । परो दिवापर एना पृथिव्यैतावती महिना संबभूव ॥8॥ ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ॥ ॥ इति ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तं समाप्तम् ॥ ॥तत् सत्॥Sukt
Shri Devi Ji Arti (3) श्री देवीजी की आरती
श्री देवी जी की आरती माँ दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के दिव्य स्वरूप की महिमा का गुणगान करती है। इसमें Maa Durga को आदिशक्ति, Goddess Lakshmi को धन की देवी, और Goddess Saraswati को ज्ञान की अधिष्ठात्री के रूप में पूजा जाता है। आरती में Durga Aarti, Lakshmi Aarti, और Saraswati Aarti का संगम होता है, जो भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संदेश देती है।Arti
Shri Durga Nakshatra Malika Stuti (श्री दुर्गा नक्षत्र मालिका स्तुति)
Shri Durga Nakshatra Malika Stuti देवी दुर्गा की महिमा का वर्णन करती है, जो "Goddess of Power" और "Divine Protector" के रूप में पूजित हैं। यह स्तुति विशेष रूप से नक्षत्रों के माध्यम से देवी दुर्गा की "Divine Energies" और "Cosmic Power" का आह्वान करती है। देवी दुर्गा को "Supreme Goddess" और "Destroyer of Evil" माना जाता है, जो हर संकट और बाधा से रक्षा करती हैं। Shri Durga Nakshatra Malika Stuti का पाठ "Spiritual Protection Prayer" और "Divine Strength Hymn" के रूप में किया जाता है। इसके जाप से जीवन में "Positive Energy" का संचार होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। यह स्तोत्र "Goddess Durga Blessings" और "Victory over Obstacles Mantra" के रूप में भी अत्यंत प्रभावी है। इसका नियमित पाठ आत्मविश्वास, आंतरिक शक्ति और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है। Shri Durga Nakshatra Malika Stuti को "Divine Protection Chant" और "Spiritual Energy Prayer" के रूप में पढ़ने से जीवन में समृद्धि और सफलता मिलती है। देवी दुर्गा की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख और शांति का संचार होता है।Stuti