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Durga Saptashati Chapter 2 (दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः देवी माहात्म्यं)
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Durga Saptashati Chapter 12 (दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला बारहवां अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Shri Durga Sapta Shloki (श्री दुर्गा सप्त श्लोकी)
श्री दुर्गा सप्त श्लोकी: यह स्तोत्र सात श्लोकों का संग्रह है जो देवी दुर्गा को समर्पित हैं।MahaMantra
Shri Devi Chandi Kavach (श्री देवी चण्डी कवच)
Chandi Kavach (चंडी कवच): Maa Chandi को Maa Durga का एक शक्तिशाली रूप माना जाता है। जो भी साधक Chandi Kavach का नियमित पाठ करता है, उसे Goddess of War Maa Chandi की असीम कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि इस कवच के पाठ से साधक की आयु बढ़ती है और वह 100 वर्षों तक जीवित रह सकता है। Maa Chandi अपने भक्तों को Enemies, Tantra-Mantra और Evil Eye से बचाती हैं। इस कवच के निरंतर पाठ से जीवन की सारी Sorrows और Obstacles दूर होने लगती हैं। साधक को Happiness और Prosperity प्राप्त होती है।Kavacha
Durga Saptashati(दुर्गा सप्तशती) 6 Chapter (छठा अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन किया गया है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्यम, चंडी पाठ (चण्डीपाठः) के नाम से भी जाना जाता है और इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में व्यवस्थित किया गया है। दुर्गा सप्तशती का छठा अध्याय " धूम्रलोचन के वध " पर आधारित है ।Durga-Saptashati
Shri Durga Mata Stuti (श्री दुर्गा माता स्तुति)
Durga Stuti: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार तीनों काल को जानने वाले महर्षि वेद व्यास ने Maa Durga Stuti को लिखा था, उनकी Durga Stuti को Bhagavati Stotra नाम से जानते हैं। कहा जाता है कि महर्षि वेदव्यास ने अपनी Divine Vision से पहले ही देख लिया था कि Kaliyuga में Dharma का महत्व कम हो जाएगा। इस कारण Manushya नास्तिक, कर्तव्यहीन और अल्पायु हो जाएंगे। इसके कारण उन्होंने Veda का चार भागों में विभाजन भी कर दिया ताकि कम बुद्धि और कम स्मरण-शक्ति रखने वाले भी Vedas का अध्ययन कर सकें। इन चारों वेदों का नाम Rigveda, Yajurveda, Samaveda और Atharvaveda रखा। इसी कारण Vyasaji Ved Vyas के नाम से विख्यात हुए। उन्होंने ही Mahabharata की भी रचना की थी।Stuti
Durga Saptashati Chapter 3 (दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला तीसरा अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Nava Durga Stotram (नव दुर्गा स्तोत्रम्)
नवदुर्गा स्तोत्रम Hindu Devotional Hymn है, जिसमें Maa Durga के नौ रूपों की Sacred Worship की जाती है। यह स्तोत्र Navratri Festival के दौरान विशेष रूप से पाठ किया जाता है। Spiritual Seekers के लिए यह Divine Energy Invocation का स्रोत है। इसका नियमित पाठ Negativity Removal और Success & Protection प्रदान करता है। Vedic Scriptures में इसे Shakti Mantra के रूप में वर्णित किया गया है। Chanting Benefits में Karma Purification और Positive Vibrations शामिल हैं। Devotional Recitation से भक्त को Inner Strength & Blessings प्राप्त होती हैं।Stotra
Maa Durga Kavacha Path (माँ दुर्गा कवच पाठ)
माँ दुर्गा कवच पाठ का यह शक्तिशाली मंत्र हमारे आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का क्षय कर एक सकारात्मक ऊर्जा की कवच के रूप में कार्य करता है। जिससे हमारे आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मंत्रो में नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित कर देने की असीम क्षमता होती है। ऐसा अनुभव किया गया है कि जो व्यक्ति पूरी आस्था, श्रद्धा एवं भक्ति से, शुद्ध उच्चारण में, नियमित रूप से देवी कवच का पाठ करता है, वह सभी प्रकार की बुराइयों पर विजय प्राप्त कर लेता है। नवरात्रि के समय देवी कवच का पाठ करना अत्यंत ही शुभ तथा फलदायी माना गया है।Kavacha