No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 59 (नारायणीयं दशक 59)
नारायणीयं दशक 59 (Narayaniyam Dashaka 59)
त्वद्वपुर्नवकलायकोमलं प्रेमदोहनमशेषमोहनम् ।
ब्रह्म तत्त्वपरचिन्मुदात्मकं वीक्ष्य सम्मुमुहुरन्वहं स्त्रियः ॥1॥
मन्मथोन्मथितमानसाः क्रमात्त्वद्विलोकनरतास्ततस्ततः ।
गोपिकास्तव न सेहिरे हरे काननोपगतिमप्यहर्मुखे ॥2॥
निर्गते भवति दत्तदृष्टयस्त्वद्गतेन मनसा मृगेक्षणाः ।
वेणुनादमुपकर्ण्य दूरतस्त्वद्विलासकथयाऽभिरेमिरे ॥3॥
काननांतमितवान् भवानपि स्निग्धपादपतले मनोरमे ।
व्यत्ययाकलितपादमास्थितः प्रत्यपूरयत वेणुनालिकाम् ॥4॥
मारबाणधुतखेचरीकुलं निर्विकारपशुपक्षिमंडलम् ।
द्रावणं च दृषदामपि प्रभो तावकं व्यजनि वेणुकूजितम् ॥5॥
वेणुरंध्रतरलांगुलीदलं तालसंचलितपादपल्लवम् ।
तत् स्थितं तव परोक्षमप्यहो संविचिंत्य मुमुहुर्व्रजांगनाः ॥6॥
निर्विशंकभवदंगदर्शिनीः खेचरीः खगमृगान् पशूनपि ।
त्वत्पदप्रणयि काननं च ताः धन्यधन्यमिति नन्वमानयन् ॥7॥
आपिबेयमधरामृतं कदा वेणुभुक्तरसशेषमेकदा ।
दूरतो बत कृतं दुराशयेत्याकुला मुहुरिमाः समामुहन् ॥8॥
प्रत्यहं च पुनरित्थमंगनाश्चित्तयोनिजनितादनुग्रहात् ।
बद्धरागविवशास्त्वयि प्रभो नित्यमापुरिह कृत्यमूढताम् ॥9॥
रागस्तावज्जायते हि स्वभावा-
न्मोक्षोपायो यत्नतः स्यान्न वा स्यात् ।
तासां त्वेकं तद्द्वयं लब्धमासीत्
भाग्यं भाग्यं पाहि मां मारुतेश ॥10॥
Related to Vishnu
Krishnam Kalay Sakhi (कृष्णं कलय सखि)
कृष्णं कलय सखि भगवान कृष्ण की लीलाओं और उनकी दिव्य महिमा का गुणगान करता है।Shloka-Mantra
Narayaniyam Dashaka 93 (नारायणीयं दशक 93)
नारायणीयं दशक 93 भगवान विष्णु के अवतारों और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भक्तों को भगवान के अनंत रूपों और लीलाओं के प्रति श्रद्धा से भर देता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 69 (नारायणीयं दशक 69)
नारायणीयं दशक 69 भगवान नारायण की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 83 (नारायणीयं दशक 83)
नारायणीयं का तिरासीवां दशक भगवान विष्णु के अनंत महिमा और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है। इस दशक में भगवान की दिव्यता और उनकी लीला का गुणगान किया गया है। भक्त भगवान की महिमा और उनकी असीम कृपा का अनुभव करते हैं।Narayaniyam-Dashaka
Shri Venkateswara Prapatti (श्री वेङ्कटेश्वर प्रपत्ति)
श्री वेङ्कटेश्वर प्रपत्ति भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित एक प्रार्थना है, जो भक्तों को शरणागति और भक्ति का अनुभव कराती है।MahaMantra
Narayaniyam Dashaka 18 (नारायणीयं दशक 18)
नारायणीयं दशक 18 में भगवान नारायण की स्तुति की गई है। यह दशक भक्तों को भगवान के महिमा और प्रेम के लिए प्रेरित करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 92 (नारायणीयं दशक 92)
नारायणीयं दशक 92 भगवान विष्णु की कृपा और उनके भक्तों के प्रति उनकी करुणा का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान के अनंत प्रेम और करुणा को दर्शाता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 57 (नारायणीयं दशक 57)
नारायणीयं दशक 57 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka