No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Narayaniyam Dashaka 51 (नारायणीयं दशक 51)
नारायणीयं दशक 51 (Narayaniyam Dashaka 51)
कदाचन व्रजशिशुभिः समं भवान्
वनाशने विहितमतिः प्रगेतराम् ।
समावृतो बहुतरवत्समंडलैः
सतेमनैर्निरगमदीश जेमनैः ॥1॥
विनिर्यतस्तव चरणांबुजद्वया-
दुदंचितं त्रिभुवनपावनं रजः ।
महर्षयः पुलकधरैः कलेबरै-
रुदूहिरे धृतभवदीक्षणोत्सवाः ॥2॥
प्रचारयत्यविरलशाद्वले तले
पशून् विभो भवति समं कुमारकैः ।
अघासुरो न्यरुणदघाय वर्तनी
भयानकः सपदि शयानकाकृतिः ॥3॥
महाचलप्रतिमतनोर्गुहानिभ-
प्रसारितप्रथितमुखस्य कानने ।
मुखोदरं विहरणकौतुकाद्गताः
कुमारकाः किमपि विदूरगे त्वयि ॥4॥
प्रमादतः प्रविशति पन्नगोदरं
क्वथत्तनौ पशुपकुले सवात्सके ।
विदन्निदं त्वमपि विवेशिथ प्रभो
सुहृज्जनं विशरणमाशु रक्षितुम् ॥5॥
गलोदरे विपुलितवर्ष्मणा त्वया
महोरगे लुठति निरुद्धमारुते ।
द्रुतं भवान् विदलितकंठमंडलो
विमोचयन् पशुपपशून् विनिर्ययौ ॥6॥
क्षणं दिवि त्वदुपगमार्थमास्थितं
महासुरप्रभवमहो महो महत् ।
विनिर्गते त्वयि तु निलीनमंजसा
नभःस्थले ननृतुरथो जगुः सुराः ॥7॥
सविस्मयैः कमलभवादिभिः सुरै-
रनुद्रुतस्तदनु गतः कुमारकैः ।
दिने पुनस्तरुणदशामुपेयुषि
स्वकैर्भवानतनुत भोजनोत्सवम् ॥8॥
विषाणिकामपि मुरलीं नितंबके
निवेशयन् कबलधरः करांबुजे ।
प्रहासयन् कलवचनैः कुमारकान्
बुभोजिथ त्रिदशगणैर्मुदा नुतः ॥9॥
सुखाशनं त्विह तव गोपमंडले
मखाशनात् प्रियमिव देवमंडले ।
इति स्तुतस्त्रिदशवरैर्जगत्पते
मरुत्पुरीनिलय गदात् प्रपाहि माम् ॥10॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 59 (नारायणीयं दशक 59)
नारायणीयं दशक 59 भगवान नारायण के अद्वितीय स्वरूप और उनके अनंत गुणों का गुणगान करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 11 (नारायणीयं दशक 11)
नारायणीयं दशक 11 में भगवान नारायण के लीलाओं का वर्णन है। यह दशक भक्तों को भगवान के दिव्य लीलाओं की अद्वितीयता को समझाता है।Narayaniyam-Dashaka
Shri Kamalapati Ashtakam (श्री कमलापति अष्टकम् )
श्री कमलापति अष्टकम भगवान विष्णु के प्रसिद्ध अष्टकमों में से एक है । कमलापत्य अष्टकम् भगवान विष्णु की स्तुति में रचित और गाया गया है। यह एक प्रार्थना है जो विष्णु को समर्पित है। विष्णु हमें सच्चा मार्ग दिखाते हैं और उस माया को दूर करते हैं जिसमें हम जीते हैं। यह अष्टकम स्तोत्र है, जिसे यदि पूर्ण भक्ति के साथ पढ़ा जाए तो यह मोक्ष या अंतिम मुक्ति के मार्ग पर ले जाता है। कमलापत्य अष्टकम् भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे स्वामी ब्रह्मानंद द्वारा रचा गया है।Ashtakam
Narayaniyam Dashaka 3 (नारायणीयं दशक 3)
नारायणीयं दशक 3 में भगवान नारायण के महिमा का गान किया गया है। यह दशक भक्तों को भगवान के शक्ति और कृपा के लिए प्रार्थना करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 78 (नारायणीयं दशक 78)
नारायणीयं दशक 78 भगवान नारायण की महिमा का वर्णन करता है और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 69 (नारायणीयं दशक 69)
नारायणीयं दशक 69 भगवान नारायण की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 88 (नारायणीयं दशक 88)
नारायणीयं का अठासीवां दशक भगवान विष्णु के अनंत रूपों और उनकी सर्वव्यापकता का वर्णन करता है। इस दशक में भगवान की सर्वव्यापकता और उनके विभिन्न रूपों के माध्यम से उनकी महिमा का गुणगान किया गया है। भक्त भगवान की अनंत कृपा और उनकी दिव्यता का अनुभव करते हैं।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 87 (नारायणीयं दशक 87)
नारायणीयं का सत्तासीवां दशक भगवान विष्णु की असीम कृपा और उनके भक्तों के प्रति उनके अनुग्रह का वर्णन करता है। इस दशक में भगवान की कृपा और उनके भक्तों के प्रति उनके प्रेम की महिमा की गई है। भक्त भगवान की अनंत कृपा और उनकी दिव्यता का अनुभव करते हैं।Narayaniyam-Dashaka