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Narayaniyam Dashaka 21 (नारायणीयं दशक 21)
नारायणीयं दशक 21 (Narayaniyam Dashaka 21)
मध्योद्भवे भुव इलावृतनाम्नि वर्षे
गौरीप्रधानवनिताजनमात्रभाजि ।
शर्वेण मंत्रनुतिभिः समुपास्यमानं
संकर्षणात्मकमधीश्वर संश्रये त्वाम् ॥1॥
भद्राश्वनामक इलावृतपूर्ववर्षे
भद्रश्रवोभिः ऋषिभिः परिणूयमानम् ।
कल्पांतगूढनिगमोद्धरणप्रवीणं
ध्यायामि देव हयशीर्षतनुं भवंतम् ॥2॥
ध्यायामि दक्षिणगते हरिवर्षवर्षे
प्रह्लादमुख्यपुरुषैः परिषेव्यमाणम् ।
उत्तुंगशांतधवलाकृतिमेकशुद्ध-
ज्ञानप्रदं नरहरिं भगवन् भवंतम् ॥3॥
वर्षे प्रतीचि ललितात्मनि केतुमाले
लीलाविशेषललितस्मितशोभनांगम् ।
लक्ष्म्या प्रजापतिसुतैश्च निषेव्यमाणं
तस्याः प्रियाय धृतकामतनुं भजे त्वाम् ॥4॥
रम्ये ह्युदीचि खलु रम्यकनाम्नि वर्षे
तद्वर्षनाथमनुवर्यसपर्यमाणम् ।
भक्तैकवत्सलममत्सरहृत्सु भांतं
मत्स्याकृतिं भुवननाथ भजे भवंतम् ॥5॥
वर्षं हिरण्मयसमाह्वयमौत्तराह-
मासीनमद्रिधृतिकर्मठकामठांगम् ।
संसेवते पितृगणप्रवरोऽर्यमा यं
तं त्वां भजामि भगवन् परचिन्मयात्मन् ॥6॥
किंचोत्तरेषु कुरुषु प्रियया धरण्या
संसेवितो महितमंत्रनुतिप्रभेदैः ।
दंष्ट्राग्रघृष्टघनपृष्ठगरिष्ठवर्ष्मा
त्वं पाहि बिज्ञनुत यज्ञवराहमूर्ते ॥7॥
याम्यां दिशं भजति किंपुरुषाख्यवर्षे
संसेवितो हनुमता दृढभक्तिभाजा ।
सीताभिरामपरमाद्भुतरूपशाली
रामात्मकः परिलसन् परिपाहि विष्णो ॥8॥
श्रीनारदेन सह भारतखंडमुख्यै-
स्त्वं सांख्ययोगनुतिभिः समुपास्यमानः ।
आकल्पकालमिह साधुजनाभिरक्षी
नारायणो नरसखः परिपाहि भूमन् ॥9॥
प्लाक्षेऽर्करूपमयि शाल्मल इंदुरूपं
द्वीपे भजंति कुशनामनि वह्निरूपम् ।
क्रौंचेऽंबुरूपमथ वायुमयं च शाके
त्वां ब्रह्मरूपमपि पुष्करनाम्नि लोकाः ॥10॥
सर्वैर्ध्रुवादिभिरुडुप्रकरैर्ग्रहैश्च
पुच्छादिकेष्ववयवेष्वभिकल्प्यमानैः ।
त्वं शिंशुमारवपुषा महतामुपास्यः
संध्यासु रुंधि नरकं मम सिंधुशायिन् ॥11॥
पातालमूलभुवि शेषतनुं भवंतं
लोलैककुंडलविराजिसहस्रशीर्षम् ।
नीलांबरं धृतहलं भुजगांगनाभि-
र्जुष्टं भजे हर गदान् गुरुगेहनाथ ॥12॥
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Sudarshan Kavach (श्री सुदर्शन कवच )
सुदर्शन कवच (Sudarshan Kavach) भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का महान रक्षात्मक कवच (protective shield) है। इस कवच का पाठ (recitation) करने से व्यक्ति गंभीर बीमारियों (serious illnesses), बुरी नजर (evil eye), काले जादू (black magic) आदि से सुरक्षित रहता है और उसे उत्तम स्वास्थ्य (good health) प्राप्त होता है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी गंभीर बीमारी (chronic disease) से पीड़ित है, जिसे उपचार (treatment) और दवाओं (medication) के बावजूद राहत नहीं मिल रही है, जिसके कारण उसे बहुत शारीरिक कष्ट (physical suffering) और पीड़ा सहनी पड़ रही है और उसका परिवार भी अत्यधिक परेशान है, तो ऐसी स्थिति में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) अवश्य करना चाहिए। इस पाठ (recitation) से गंभीर बीमारियां (serious illnesses) धीरे-धीरे ठीक होने लगती हैं और शारीरिक स्वास्थ्य (physical health) भी अच्छा बना रहता है। व्यक्ति को दीर्घायु (longevity) का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि किसी व्यक्ति के घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा (negative energy), बुरी नजर (evil eye), तंत्र-मंत्र (tantra-mantra) का प्रभाव, काला जादू (black magic) आदि है, जिसके कारण परिवार के सदस्यों के बीच रोज किसी न किसी बात पर झगड़े होते हैं, सभी के मन में एक-दूसरे के प्रति नाराजगी रहती है, और घर में अशांति रहती है, तो ऐसी स्थिति में सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) करने और घर में सुदर्शन यंत्र (Sudarshan Yantra) स्थापित करने से व्यक्ति और उसका परिवार सभी नकारात्मक ऊर्जा (negative energy), काले जादू (black magic) आदि से सुरक्षित होने लगता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दैनिक पूजा (daily worship) में सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) अवश्य करना चाहिए, ताकि वह भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के दिव्य आशीर्वाद (divine blessings) प्राप्त कर सके।Kavacha