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Dakaradi Shri Durga Sahasranama Stotram || दकारादि श्री दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम् : Full Lyrics
Dakaradi Shri Durga Sahasranama Stotram (दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्)
दकारादि श्री दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम एक शक्तिशाली Hindu Stotra है, जिसमें Maa Durga के 1000 Sacred Names वर्णित हैं। यह स्तोत्र Spiritual Protection और Divine Blessings प्राप्त करने के लिए पाठ किया जाता है। Shakti Worship में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है, जो Negative Energy Removal में सहायक होती है। भक्तगण इसे पढ़कर Success & Prosperity की प्राप्ति करते हैं। यह Vedic Scriptures में वर्णित Goddess Durga Stotra में से एक है। इसका नियमित पाठ Karma Cleansing और Positive Vibrations को बढ़ाता है। Devotional Chanting से भक्त को Inner Peace & Strength मिलती है।Page no.
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Shri Parvatvasini Jwala Ji Arti (श्री पर्वतवासिनी ज्वालाजी की आरती )
श्री पर्वतवासिनी ज्वाला जी की आरती माँ ज्वाला की शक्ति, ऊर्जा, और महिमा का गान करती है। इसमें Maa Jwala, जिन्हें Parvatvasini और Jwalamukhi Devi भी कहा जाता है, की प्रचंड ज्वालामुखी जैसी शक्ति और भक्तों की रक्षा करने वाली क्षमताओं का वर्णन है। माँ की आरती में उनके उग्र रूप और करुणा दोनों की प्रार्थना की जाती है।Arti
Devi Mahatayam Suktam (देवी माहात्म्यं देवी सूक्तम्)
देवी माहात्म्यं देवी सूक्तम् (Devi Mahatayam Suktam) ॐ अहं रुद्रेभिर्वसुभिश्चराम्यहमादित्यैरुत विश्वदेवैः । अहं मित्रावरुणोभा बिभर्म्यहमिन्द्राग्नी अहमश्विनोभा ॥1॥ अहं सोममाहनसं बिभर्म्यहं त्वष्टारमुत पूषणं भगम् । अहं दधामि द्रविणं हविष्मते सुप्राव्ये यजमानाय सुन्वते ॥2॥ अहं राष्ट्री संगमनी वसूनां चिकितुषी प्रथमा यज्ञियानाम् । तां मा देवा व्यदधुः पुरुत्रा भूरिस्थात्रां भूर्यावेशयंतीम् ॥3॥ मया सो अन्नमत्ति यो विपश्यति यः प्राणिति य ईं शृणोत्युक्तम् । अमन्तवोमांत उपक्षियंति श्रुधि श्रुतं श्रद्धिवं ते वदामि ॥4॥ अहमेव स्वयमिदं वंदामि जुष्टं देवेभिरुत मानुषेभिः । यं कामये तं तमुग्रं कृणोमि तं ब्रह्माणं तमृषिं तं सुमेधाम् ॥5॥ अहं रुद्राय धनुरातनोमि ब्रह्मद्विषे शरवे हंत वा उ । अहं जनाय समदं कृणोम्यहं द्यावापृथिवी आविवेश ॥6॥ अहं सुवे पितरमस्य मूर्धन् मम योनिरप्स्वंतः समुद्रे । ततो वितिष्ठे भुवनानु विश्वोतामूं द्यां वर्ष्मणोप स्पृशामि ॥7॥ अहमेव वात इव प्रवाम्यारभमाणा भुवनानि विश्वा । परो दिवापर एना पृथिव्यैतावती महिना संबभूव ॥8॥ ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ॥ ॥ इति ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तं समाप्तम् ॥ ॥तत् सत्॥Sukt
Katyayani Mantra (कात्यायनि मंत्र)
Katyayani Mantra Hindu Goddess Worship के लिए एक powerful mantra है, जिसे विशेष रूप से unmarried girls early marriage और happy married life के लिए chant करती हैं। Goddess Katyayani, Maa Durga Avatar, को protector of devotees माना जाता है, जो remove obstacles in marriage और bless with marital happiness करती हैं। Navratri Puja और Katyayani Vrata में इस sacred mantra chanting से positivity and divine grace प्राप्त होती है। Spiritual seekers और devotees of Goddess Durga इस mantra for wish fulfillment का नियमित जाप करते हैं, जिससे harmony in relationships और spiritual success प्राप्त होती है।Mantra
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 9 Chapter(नवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का नवम अध्याय "निशुम्भ वध" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Eighteen Shaktipeeth Stotram (अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्)
श्री आदि शंकराचार्य ने इस अष्टदशा शक्ति पीठ स्तोत्रम की रचना की। अष्टदशा शक्ति पीठ स्तोत्रम एक पवित्र स्तोत्र है जिसमें 18 शक्तिपीठों और वहां पूजी जाने वाली देवी-देवताओं के नामों का उल्लेख है। इसकी रचना श्री आदि शंकराचार्य ने की थी। अष्टदशा का शाब्दिक अर्थ अठारह होता है। अष्टदशा शक्ति पीठ भारतीय उपमहाद्वीप में 18 पवित्र स्थान हैं जहाँ देवी शक्ति/पार्वती/गौरी की पूजा की जाती है। दक्ष यज्ञ के दौरान आग में कूदकर सती की मृत्यु हो जाने के बाद, भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने दक्ष को मार डाला। भगवान शिव को उनकी सामान्य स्थिति में वापस लाने के लिए, भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र छोड़ा, जिसने सती के मृत शरीर को 18 टुकड़ों में विभाजित कर दिया, जो उपमहाद्वीप में 18 अलग-अलग स्थानों पर गिरा। ये 18 स्थान 18 शक्ति पीठ या अष्टदशा शक्ति पीठ हैं, जहाँ देवी पार्वती की अलग-अलग रूपों में पूजा की जाती है।Stotra
Navratri Navdurga Puja Mantra (नवरात्रि नवदुर्गा पूजा मंत्र)
नवरात्रि में Navdurga Puja के दौरान Maa Durga के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। हर दिन एक विशेष Goddess Durga का Mantra जपने से शक्ति और समृद्धि मिलती है। Shakti Puja करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और Positive Energy बढ़ती है। Durga Chalisa और Navratri Bhajan का पाठ भक्तों को Spiritual Growth देता है। इस दौरान Hindu Festival में व्रत रखकर Divine Blessings प्राप्त की जाती हैं। नवरात्रि में Maa Durga Aarti और Jagran से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।MahaMantra
Shri Shitalashtakam Stotram (श्री शीतला अष्टकम स्तोत्रम्)
श्री शीतलाष्टकम् स्तोत्रम् देवी Shitala Mata की स्तुति है, जो Hindu religion में disease healing और health goddess के रूप में पूजनीय हैं। इस स्तोत्र का पाठ smallpox और अन्य infectious diseases से protection पाने के लिए किया जाता है। इसे peace, prosperity और divine blessings प्राप्त करने का माध्यम माना गया है। Shitala Devi की पूजा से health, hygiene और spiritual energy का संचार होता है। यह स्तोत्र भक्तों को negativity से मुक्त कर सकारात्मकता प्रदान करता है।Devi-Stotra
Maa Durga Shabar Mantra (माँ दुर्गा शाबर मंत्र)
श्री Maa Durga Shabar Mantra अद्भुत divine power से युक्त है, जो हर संकट को दूर करता है और तुरंत प्रभाव देता है। यह spiritual mantra साधक को साहस, आत्मविश्वास और सुरक्षा प्रदान करता है। Goddess Durga blessings पाने के लिए इस मंत्र का जाप नवरात्रि, अष्टमी, दशहरा या किसी भी auspicious occasion पर करना अत्यंत फलदायी होता है। यह miraculous chant नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और बाधाओं को दूर करता है। Protection and success के लिए इस मंत्र का जाप विशेष रूप से किया जाता है। इसे किसी भी समस्या के समाधान के लिए प्रयोग किया जाता है, जिससे instant results प्राप्त होते हैं। Sacred vibrations उत्पन्न करने वाला यह मंत्र जीवन में शक्ति, समृद्धि और सकारात्मकता लाता है। ध्यान और साधना के समय इस powerful mantra का जाप करने से आत्मबल बढ़ता है।MahaMantra